ऐहि बिधि करत बिनोद बहु

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
ऐहि बिधि करत बिनोद बहु
रामचरितमानस
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक 'रामचरितमानस'
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि।
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली दोहा, चौपाई और सोरठा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड लंकाकाण्ड
दोहा

ऐहि बिधि करत बिनोद बहु प्रात प्रगट दसकंध।
सहज असंक लंकपति सभाँ गयउ मद अंध॥ 16 (क)॥

भावार्थ

इस प्रकार (अज्ञानवश) बहुत-से विनोद करते हुए रावण को सबेरा हो गया। तब स्वभाव से ही निडर और घमंड में अंधा लंकापति सभा में गया॥ 16(क)॥



पीछे जाएँ
ऐहि बिधि करत बिनोद बहु
आगे जाएँ


दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख