श्रेणी:भक्तिकालीन साहित्य
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- तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास
- तजौ मन, हरि-बिमुखनि को संग -सूरदास
- तन की दुति स्याम सरोरुह -तुलसीदास
- तब राम राम कहि गावैगा -रैदास
- तबतें बहुरि न कोऊ आयौ -सूरदास
- ताथैं पतित नहीं को अपांवन -रैदास
- ताहि ते आयो सरन सबेरे -तुलसीदास
- तिहारो दरस मोहे भावे -सूरदास
- तुझहि चरन अरबिंद -रैदास
- तुझा देव कवलापती सरणि आयौ -रैदास
- तुम कीं करो या हूं ज्यानी -मीरां
- तुम बिन नैण दुखारा -मीरां
- तुम बिन मेरी कौन खबर ले -मीरां
- तुम लाल नंद सदाके कपटी -मीरां
- तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी -मीरां
- तुमरे दरस बिन बावरी -मीरां
- तुम्हरे कारण सब छोड्या, अब मोहि क्यूं तरसावौ हौ -मीरां
- तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान -सूरदास
- तुलसीदास के दोहे
- तू कांइ गरबहि बावली -रैदास
- तू जानत मैं किछु नहीं भव खंडन राम -रैदास
- तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास
- तेरा, मैं दीदार-दीवाना -मलूकदास
- तेरे सावरे मुखपरवारी -मीरां
- तैं मेरी गेंद चुराई -मीरां
- तोती मैना राधे कृष्ण बोल -मीरां
- तोरी सावरी सुरत नंदलालाजी -मीरां
- तोसों लाग्यो नेह रे प्यारे, नागर नंद कुमार -मीरां
- त्यू तुम्ह कारन केसवे -रैदास
- त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे -रैदास
- त्राहि त्राहि त्रिभवन पति पावन -रैदास
द
- दया धरम हिरदे बसै, बोलै अमरित बैन -मलूकदास
- दरद जाने कोय हेली -मीरां
- दरद-दिवाने बावरे -मलूकदास
- दरस बिनु दूखण लागे नैन -मीरां
- दरसन दीजै राम दरसन दीजै -रैदास
- दियौ अभय पद ठाऊँ -सूरदास
- दीजो हो चुररिया हमारी -मीरां
- दीन चहैं करतार जिन्हें सुख -रहीम
- दीन-हित बिरद पुराननि गायो -तुलसीदास
- दीनदयाल सुनी जबतें -मलूकदास
- दूखण लागे नैन -मीरां
- दूल्ह राम -तुलसीदास
- दूसरो न कोई -मीरां
- दृढ इन चरण कैरो भरोसो -सूरदास
- देखत राम हंसे सुदामाकूं देखत राम हंसे -मीरां
- देखोरे देखो जसवदा मैय्या तेरा लालना -मीरां
- देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास
- देवा हम न पाप -रैदास
- देहु कलाली एक पियाला -रैदास
न
- न बीचारिओ राजा राम को रसु -रैदास
- नटवर वेष काछे स्याम -सूरदास
- नरहरि चंचल मति मोरी -रैदास
- नरहरि प्रगटसि -रैदास
- नहिं एसो जनम बारंबार -मीरां
- नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो -मीरां
- नही जाऊंरे जमुना पाणीडा -मीरां
- नही तोरी बलजोरी राधे -मीरां
- नहीं बिश्रांम लहूँ धरनींधर -रैदास
- ना वह रीझै जप तप कीन्हे -मलूकदास
- नातो नामको जी म्हांसूं तनक न तोड्यो जाय -मीरां
- नाथ तुम जानतहो सब घटकी -मीरां
- नाथ, अनाथन की सुधि लीजै -सूरदास
- नाम हमारा खाक है -मलूकदास
- नामु तेरो आरती भजनु मुरारे -रैदास
- नामोकी बलहारी गजगणिका तारी -मीरां
- नाव किनारे लगाव प्रभुजी -मीरां
- नाहिन भजिबे जोग बियो -तुलसीदास
- निरगुन कौन देश कौ बासी -सूरदास
- निसिदिन बरसत नैन हमारे -सूरदास
- नीके रहियौ जसुमति मैया -सूरदास
- नैन भये बोहित के काग -सूरदास
- नैन लख्यो जब कुंजन तैं -रसखान
- नैना निपट बंकट छबि अटके -मीरां
प
- पग घूँघरू बाँध मीरा नाची रे -मीरां
- पट चाहे तन, पेट चाहत छदन -रहीम
- पतीया मैं कैशी लीखूं, लीखये न जातरे -मीरां
- पपइया रे, पिव की वाणि न बोल -मीरां
- पपैया रे! -मीरां
- परचै राम रमै जै कोइ -रैदास
- पहलै पहरै रैंणि -रैदास
- पांडे कैसी पूज रची रे -रैदास
- पांवन जस माधो तोरा -रैदास
- पानी में मीन प्यासी -मीरां
- पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो -मीरां
- पार गया चाहै सब कोई -रैदास
- पिय बिन सूनो छै जी म्हारो देस -मीरां
- पिया मोहि दरसण दीजै हो -मीरां
- पियाजी म्हारे नैणां आगे रहज्यो जी -मीरां
- पिहुकी बोलिन बोल पपैय्या -मीरां
- पुतरी अतुरीन कहूँ मिलि कै -रहीम
- प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय -मीरां
- प्रगट भयो भगवान -मीरां
- प्रभु कब रे मिलोगे -मीरां
- प्रभु किरपा कीजौ -मीरां
- प्रभु गिरधर नागर -मीरां
- प्रभु जी तुम चंदन हम पानी -रैदास
- प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी -रैदास
- प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ -मीरां
- प्रभु, कबरे मिलोगे -मीरां
- प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ -सूरदास
- प्रभु, मेरे औगुन न विचारौ -सूरदास
- प्रभुजी थे कहां गया नेहड़ो लगाय -मीरां
- प्राण अधार -मीरां
- प्रान वही जु रहैं रिझि वापर -रसखान
- प्रानी किआ मेरा किआ तेरा -रैदास
- प्रीति करि काहु सुख न लह्यो -सूरदास
- प्रीति करि काहू सुख न लह्यो -सूरदास
- प्रीति सधारन आव -रैदास
- प्रेम वाटिका
फ
ब
- बंदे जानि साहिब गनीं -रैदास
- बजरंग बाण -तुलसीदास
- बड़े घर ताली लागी रे, म्हारां मन री उणारथ भागी रे -मीरां
- बड़ेन सों जान पहिचान कै रहीम काह -रहीम
- बदन मनोहर गात -सूरदास
- बन जाऊं चरणकी दासी रे -मीरां
- बन्सी तूं कवन गुमान भरी -मीरां
- बपुरौ सति रैदास कहै -रैदास
- बरजि हो बरजि बीठल -रैदास
- बरजी मैं काहूकी नाहिं रहूं -मीरां
- बरसै बदरिया सावन की -मीरां
- बसो मोरे नैनन में -मीरां
- बागनमों नंदलाल चलोरी -मीरां
- बात क्या कहूं नागरनटकी -मीरां
- बादल देख डरी -मीरां
- बारी होके जाने बंदना -मीरां
- बालपनमों बैरागन करी गयोरे -मीरां
- बासुरी सुनूंगी। मै तो बासुरी सुनूंगी -मीरां
- बिनती भरत करत कर जोरे -तुलसीदास
- बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं -सूरदास
- बृथा सु जन्म गंवैहैं -सूरदास
- बैन वही उनकौ गुन गाइ -रसखान
भ
- भक्तिकालीन साहित्य में मीरां
- भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास
- भज मन रामचरन सुखदाई -तुलसीदास
- भज मन शंकर भोलानाथ भज मन -मीरां
- भज ले रे मन, गोपाल-गुना -मीरां
- भजन बिना नरफीको -मीरां
- भजु मन चरन कँवल अविनासी -मीरां
- भजु मन चरन संकट-हरन -सूरदास
- भजो रे मन गोविन्दा -मीरां
- भरोसो जाहि दूसरो सो करो -तुलसीदास
- भाई रे भ्रम भगति सुजांनि -रैदास
- भाई रे रांम कहाँ हैं मोहि बतावो -रैदास
- भाई रे सहज बन्दी लोई -रैदास
- भाई! हौं अवध कहा रहि लैहौं -तुलसीदास
- भाव भगति है जाकें -सूरदास
- भीजो मोरी नवरंग चुनरी -मीरां
- भेष लियो पै भेद न जान्यो -रैदास
- भोरहि सहचरि कातर दिठि -सूरदास
- भोलानाथ दिंगबर ये दुःख मेरा हरोरे -मीरां
म
- मत डारो पिचकारी -मीरां
- मथुराके कान मोही मोही मोही -मीरां
- मदन गोपाल नंदजीको लाल प्रभुजी -मीरां
- मदनाष्टक
- मधुकर! स्याम हमारे चोर -सूरदास
- मन अटकी मेरे दिल अटकी -मीरां
- मन केरो जेवो चंद्र छे -मीरां
- मन तोसों कोटिक बार कहीं -सूरदास
- मन धन-धाम धरे -सूरदास
- मन पछितैहै अवसर बीते -तुलसीदास
- मन माधवको नेकु निहारहि -तुलसीदास
- मन माने जब तार प्रभुजी -मीरां
- मन मेरे सोई सरूप बिचार -रैदास
- मन मोहन दिलका प्यारा -मीरां
- मन रे पासि हरि के चरन -मीरां
- मनमोहन गिरिवरधारी -मीरां
- मनुवा बाबारे सुमरले मन सिताराम -मीरां
- मनोरथ मनको एकै भाँति -तुलसीदास
- मनोहरताको मानो ऐन -तुलसीदास
- ममता तू न गई मेरे मन तें -तुलसीदास
- मरम कैसैं पाइबौ रे -रैदास
- माई तेरी काना कोन गुनकारो -मीरां
- माई मेरो मोहनमें मन हारूं -मीरां
- माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल -मीरां
- माई म्हारी हरिजी न बूझी बात -मीरां
- माई री! -मीरां
- मागत माखन रोटी -मीरां
- माटी को पुतरा कैसे नचतु है -रैदास
- माधव कत तोर करब बड़ाई -सूरदास
- माधव! मो समान जग माहीं -तुलसीदास
- माधव, मोह-पास क्यों छूटै -तुलसीदास
- माधवजू मोसम मंद न कोऊ -तुलसीदास
- माधवजू, जो जन तैं बिगरै -सूरदास
- माधवे का कहिये भ्रम ऐसा -रैदास