इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरिएंटल आर्ट, कोलकाता

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इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरिएंटल आर्ट की स्थापना सन 1907 में अवनींद्रनाथ टैगोर तथा उनके भाई गगनेन्द्रनाथ टैगोर ने कोलकाता में की थी।

  • अवनीन्द्रनाथ ठाकुर प्रख्यात चित्रकार तथा साहित्यकार थे। उन्हें राष्ट्र से बड़ा प्रेम था। सांस्कृतिक ग़ुलामी से मुक्ति के लिए उन्होंने अपने अग्रज गगनेन्द्रनाथ ठाकुर के सहयोग से 1907 में कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' नामक संस्था की स्थापना की थी।
  • यह संस्थान पुरातन और आधुनिक भारतीय एवं ओरिएंटल कला के ज्ञान को बढ़ावा देता है।
  • संस्थान कलात्मक वस्तुओं के संग्रहण, प्रदर्शनियों, सम्मेलनों, व्याख्यानों का आयोजन, अध्ययन व शोध का संचालन करने के साथ कलाकारों, शिल्पकारों और कला के छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार, डिप्लोमा हेतु छात्रवृत्ति व जर्नल तथा कलाचित्रों का प्रकाशन भी करता है।[1]
  • इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरिएंटल आर्ट के पास कला पुस्तकों का दुर्लभ आधुनिक भंडार है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति |प्रकाशक: स्पेक्ट्रम बुक्स प्रा. लि. |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 376 |

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