"आदमी के अंदर बसता है शहर -रोहित ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
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जहाँ उसने किसी को अपना कहा | जहाँ उसने किसी को अपना कहा | ||
उसका कोई अपना जहाँ रहता है | उसका कोई अपना जहाँ रहता है | ||
− | उस शहर में जहाँ लिखी प्रेम | + | उस शहर में जहाँ लिखी प्रेम कविताएँ |
जहाँ किसी को उसकी आँखों की रंग से पहचानता हूं | जहाँ किसी को उसकी आँखों की रंग से पहचानता हूं | ||
उस शहर में जहाँ मैं किसी को उसकी आवाज़ से जानता हूँ | उस शहर में जहाँ मैं किसी को उसकी आवाज़ से जानता हूँ |
10:04, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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शहर के अंदर बसता है आदमी |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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