इस समय वह शहर उदास है -रोहित ठाकुर

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इस समय वह शहर उदास है -रोहित ठाकुर
रोहित ठाकुर
पूरा नाम रोहित ठाकुर
जन्म 6 दिसंबर, 1978
शिक्षा परा-स्नातक (राजनीति विज्ञान)
नागरिकता भारतीय
वृत्ति सिविल सेवा परीक्षा हेतु शिक्षण
सम्पर्क जयंती-प्रकाश बिल्डिंग, काली मंदिर रोड, संजय गांधी नगर, कंकड़बाग, पटना-800020, बिहार
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रोहित ठाकुर की रचनाएँ

शहर अपने गर्दन तक धुंध में लिपटी है
और उसका मफलर
जिस पर बहुत से फूल काढ़े गये थे
ओस की नदी में बह गयी है
शहर के कोतवाल ने
चिड़ियों को तड़ीपार कर दिया है
आसमान में जैसे कर्फ्यू लगा है
न पड़ोस से कोई आदमी आता-जाता है
न पड़ोस की छत से कोई चिड़िया
आधा शहर खाली है
इस शहर का मरद लोग
फिर मिलेंगे कह कर
किसी दूसरे शहर में मजूरी करने गया है
शहर के घरों की किवाड़
जो अक्सर बंद रहती है
किसी के आने की अटकलें लगाता है
खाली आंगन और खाली घर के बीच
बंद किवाड़ हवा में महसूस करता है
सूली पर चढ़ा होना
घर की दीवार पर
किसी औरत ने बनाया है
एक चिड़िया का चित्र
यह दुख में सुख का आविष्कार है
औरत किसी उदास शहर को
ऐसे ही बचा लेती है ।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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