विश्वामित्र आश्रम

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किंवदंतियों के अनुसार महर्षि विश्वामित्र का आश्रम बक्सर (बिहार) में स्थित था। रामायण की कथा के अनुसार इसी आश्रम में विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर आए थे।[1]

'तौ प्रयान्तौ महावीयौ दिव्यां विपथगां नदीम्, दद्दशास्ते ततस्तत्र सरय्वाः संगमे शुभे, तत्रा श्रमं पुण्यमृषीणां भावितात्मनाम्।'[2]

  • यहाँ संगम के निकट गंगा को पार करने के पश्चात् राम तथा लक्ष्मण ने भयानक वन देखा था, जहाँ राक्षसी ताड़का का निवास था। वह वन मलद और कारुष जनपदों के निकट था।
  • विश्वामित्र के आश्रम को 'सिद्धाश्रम' भी कहा जाता था।


इन्हें भी देखें: विश्वामित्र, मेनका एवं त्रिशंकु


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 864 |
  2. वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड 23,5-6-7

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