वर्धमानकोटि
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वर्धमानकोटि बिहार का एक प्राचीन स्थान था। महाराजा हर्ष के समय के बांसखेड़ा अभिलेख (628-629 ई.) में इस स्थान का उल्लेख है, जो उस समय किसी ‘विषय’ का मुख्य स्थान रहा होगा। यह अभिलेख इसी स्थान से प्रचलित किया गया था। इसकी स्थिति बांसखेड़ा के निकट रही होगी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 835 |