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*'[[महावंश]]'<ref>महावंश 5, 115</ref> के अनुसार वेणुवन<ref>=वेणुवनाराम</ref> [[राजगृह]]<ref>=[[राजगीर]], [[बिहार]]</ref>में वैभार पर्वत की तलहटी में नदी के दोनों ओर स्थित था। इसे [[मगध]] सम्राट [[बिंबसार]] ने [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] को समर्पित कर दिया था। इसे 'महावंश'<ref>[[महावंश]] 15,16-17</ref> में 'वेणुवनाराम' कहा गया है। संभवतः [[बाँस]] के वृक्षो की अधिकता के कारण ही इसे वेणुवन कहा जाता था। '[[बुद्धचरित]]'<ref>बुद्धचरित 16,49</ref> के अनुसार "तब वेणुवन में '[[तथागत]]' का आगमन सुनकर मगधराज अपने मंत्रिगणों के साथ उनसे मिलने के लिये आया।"<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=873|url=}}</ref> | *'[[महावंश]]'<ref>महावंश 5, 115</ref> के अनुसार वेणुवन<ref>=वेणुवनाराम</ref> [[राजगृह]]<ref>=[[राजगीर]], [[बिहार]]</ref>में वैभार पर्वत की तलहटी में नदी के दोनों ओर स्थित था। इसे [[मगध]] सम्राट [[बिंबसार]] ने [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] को समर्पित कर दिया था। इसे 'महावंश'<ref>[[महावंश]] 15,16-17</ref> में 'वेणुवनाराम' कहा गया है। संभवतः [[बाँस]] के वृक्षो की अधिकता के कारण ही इसे वेणुवन कहा जाता था। '[[बुद्धचरित]]'<ref>बुद्धचरित 16,49</ref> के अनुसार "तब वेणुवन में '[[तथागत]]' का आगमन सुनकर मगधराज अपने मंत्रिगणों के साथ उनसे मिलने के लिये आया।"<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=873|url=}}</ref> | ||
*पांच पहाड़ियों से घिरे राजगीर में असंख्य मंदिर हैं। राजगीर न केवल [[हिन्दू]] बल्कि [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] मतावलंबियों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है। | *पांच पहाड़ियों से घिरे राजगीर में असंख्य मंदिर हैं। राजगीर न केवल [[हिन्दू]] बल्कि [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] मतावलंबियों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है। | ||
*गर्म जलकुंड के पास ही वेणुवन महाविहार स्थित है। ये [[बाँस]] का जंगल कभी राजकीय उद्यान था। कहा जाता है गौतम बुद्ध बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद पहली [[वर्षा ऋतु]] के चार [[महीने]] यहीं | *गर्म जलकुंड के पास ही वेणुवन महाविहार स्थित है। ये [[बाँस]] का जंगल कभी राजकीय उद्यान था। कहा जाता है गौतम बुद्ध बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद पहली [[वर्षा ऋतु]] के चार [[महीने]] यहीं रुके थे। | ||
*[[राजगीर]] के महाराज [[अजातशत्रु]] ने ये विहार [[बुद्ध]] को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है। | *[[राजगीर]] के महाराज [[अजातशत्रु]] ने ये विहार [[बुद्ध]] को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है। | ||
*अब वेणुवन के ही परिसर में एक नव वेणुवन विहार का निर्माण कराया गया है। यहां एक विशाल बुद्ध प्रतिमा भी लगी है। [[24 अक्टूबर]], [[1981]] को इस विहार का उदघाटन तत्कालीन [[राष्ट्रपति]] [[नीलम संजीव रेड्डी]] ने किया था।<ref>{{cite web |url= http://daanapaani.blogspot.in/2013/12/blog-post_12.html|title= मंदिरों की नगरी राजगीर|accessmonthday= 06 अग्स्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= दाना-पानी|language= हिन्दी}}</ref> | *अब वेणुवन के ही परिसर में एक नव वेणुवन विहार का निर्माण कराया गया है। यहां एक विशाल बुद्ध प्रतिमा भी लगी है। [[24 अक्टूबर]], [[1981]] को इस विहार का उदघाटन तत्कालीन [[राष्ट्रपति]] [[नीलम संजीव रेड्डी]] ने किया था।<ref>{{cite web |url= http://daanapaani.blogspot.in/2013/12/blog-post_12.html|title= मंदिरों की नगरी राजगीर|accessmonthday= 06 अग्स्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= दाना-पानी|language= हिन्दी}}</ref> |
13:56, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
वेणुवन
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विवरण | 'वेणुवन' एक प्राचीन उद्यान तथा बिहार का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, जिसे राजगीर के महाराज अजातशत्रु ने गौतम बुद्ध को दान कर दिया था। |
राज्य | बिहार |
ज़िला | नालंदा |
धार्मिक मान्यता | माना जाता है कि गौतम बुद्ध 'बुद्धत्व' की प्राप्ति के बाद पहली वर्षा ऋतु के चार महीने यहीं रुके थे। |
संबंधित लेख | बुद्ध, अजातशत्रु, बौद्ध धर्म |
अन्य जानकारी | वेणुवन के ही परिसर में एक 'नव वेणुवन विहार' का निर्माण कराया गया है। इसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने किया था। |
वेणुवन एक कृत्रिम जंगल है, जो बिहार के नालंदा ज़िले में अधिसूचित क्षेत्र राजगीर में स्थित है। यह बाँस का जंगल कभी राजकीय उद्यान हुआ करता था। महाराज अजातशत्रु ने ये विहार ख़ासतौर पर भगवान बुद्ध को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन कर लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है।
- 'महावंश'[1] के अनुसार वेणुवन[2] राजगृह[3]में वैभार पर्वत की तलहटी में नदी के दोनों ओर स्थित था। इसे मगध सम्राट बिंबसार ने गौतम बुद्ध को समर्पित कर दिया था। इसे 'महावंश'[4] में 'वेणुवनाराम' कहा गया है। संभवतः बाँस के वृक्षो की अधिकता के कारण ही इसे वेणुवन कहा जाता था। 'बुद्धचरित'[5] के अनुसार "तब वेणुवन में 'तथागत' का आगमन सुनकर मगधराज अपने मंत्रिगणों के साथ उनसे मिलने के लिये आया।"[6]
- पांच पहाड़ियों से घिरे राजगीर में असंख्य मंदिर हैं। राजगीर न केवल हिन्दू बल्कि बौद्ध और जैन मतावलंबियों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है।
- गर्म जलकुंड के पास ही वेणुवन महाविहार स्थित है। ये बाँस का जंगल कभी राजकीय उद्यान था। कहा जाता है गौतम बुद्ध बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद पहली वर्षा ऋतु के चार महीने यहीं रुके थे।
- राजगीर के महाराज अजातशत्रु ने ये विहार बुद्ध को उपहार में दिया था, ताकि श्रद्धालु उनके आसानी से दर्शन लाभ प्राप्त कर सकें। इसलिए वेणुवन को विश्व का पहला बौद्ध विहार होने का गौरव प्राप्त है।
- अब वेणुवन के ही परिसर में एक नव वेणुवन विहार का निर्माण कराया गया है। यहां एक विशाल बुद्ध प्रतिमा भी लगी है। 24 अक्टूबर, 1981 को इस विहार का उदघाटन तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने किया था।[7]
- यह जगह वर्तमान में पिकनिक और आनंद के लिए एक श्रेष्ठ स्थान है। इस स्थान की वर्षों से उपेक्षा की गई थी, इसलिए राज्य सरकार ने इसे बेहतर बनाने के लिए कई क़दम उठाए हैं।
- यहाँ पर एक तालाब और फव्वारा भी है। तालाब में काफ़ी संख्या में मछलियाँ हैं। लोग यहां आते हैं और उनके पिकनिक के एक भाग के रूप में इन मछलियों को कुछ न कुछ खिलाना भी शामिल है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महावंश 5, 115
- ↑ =वेणुवनाराम
- ↑ =राजगीर, बिहार
- ↑ महावंश 15,16-17
- ↑ बुद्धचरित 16,49
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 873 |
- ↑ मंदिरों की नगरी राजगीर (हिन्दी) दाना-पानी। अभिगमन तिथि: 06 अग्स्त, 2014।