बेतिया बिहार
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प्राचीन समय में सारण ज़िले में रहे पश्चिम चम्पारण को 1972 में पूर्ण रूप से ज़िला बना दिया गया। पश्चिम चम्पारण का मुख्यालय बेतिया को बना दिया गया। स्वतंत्रता से पहले सन् 1917 में नील की खेती के विरोध में स्थानीय निवासी राजकुमार शुक्ल के आमंत्रण पर महात्मा गांधी ने 'चम्पारण आंदोलन' का प्रारम्भ यहीं से किया था। राजधानी पटना से 204 किलोमीटर दूर इस ज़िले में पर्यटन के लिए बहुत से स्थान हैं-
पर्यटन स्थल
अन्य पर्यटन स्थल
इसके अलावा पर्यटक नंदनगढ़, बावनग्रही, चनकीगढ, सरैया मन जैसे जगह भी घूम सकते हैं।
यातायात व परिवहन
वायु मार्ग- यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा 204 किलोमीटर की दूरी पटना में है।
रेल मार्ग- बेतिया यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जहां से भारत के अधिकांश शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध है।
सड़क मार्ग- यहाँ से राजधानी पटना के अलावा और भी जगहों के लिए बसें खुलती है।