"अंगराज": अवतरणों में अंतर

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'''अंगराज''' राजा लोमपाद को कहा गया है जिसने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु विभांडकपुत्र ऋष्य श्रृंग को गाणिकाओं की सहायता से उपस्थित करवाया था और तब वर्षा हुई थी। लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या, शांता ब्याह दी थी।  
'''अंगराज''' राजा लोमपाद को कहा गया है, जिसने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु विभांडकपुत्र ऋष्य श्रृंग को गाणिकाओं की सहायता से उपस्थित करवाया था और तब वर्षा हुई थी। लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या, [[शांता]] ब्याह दी थी।  





12:14, 4 दिसम्बर 2015 का अवतरण

अंगराज राजा लोमपाद को कहा गया है, जिसने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु विभांडकपुत्र ऋष्य श्रृंग को गाणिकाओं की सहायता से उपस्थित करवाया था और तब वर्षा हुई थी। लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या, शांता ब्याह दी थी।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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