"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|120px|कश्मीर की घाटी]]'कश्मीर' या 'काश्मीर' का प्राचीन नाम 'कश्यपमेरु' या 'कश्यपमीर' (कश्यप का झील) था। एक प्रचलित किंवदंती है कि [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] [[श्रीनगर]] से 3 मील {{मील|मील=3}} दूर हरि-पर्वत पर रहते थे, जहाँ आजकल '[[कश्मीर की घाटी]]' है। वहाँ अति प्राचीन [[प्रागैतिहासिक काल]] में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी, जिसके पानी को निकाल कर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था। [[कश्मीर]] को "भारत का स्विट्जरलैण्ड" भी कहा जाता है। भूविद्या-विशारदों के विचारों से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है कि कश्मीर तथा [[हिमालय]] के एक विस्तृत भू-भाग में अब से सहस्त्रों वर्ष पूर्व [[समुद्र]] स्थित था। कश्मीर का इतिहास अतिप्राचीन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|120px|कश्मीर की घाटी]]'कश्मीर' या 'काश्मीर' का प्राचीन नाम 'कश्यपमेरु' या 'कश्यपमीर' (कश्यप का झील) था। एक प्रचलित किंवदंती है कि [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] [[श्रीनगर]] से 3 मील {{मील|मील=3}} दूर हरि-पर्वत पर रहते थे, जहाँ आजकल '[[कश्मीर की घाटी]]' है। वहाँ अति प्राचीन [[प्रागैतिहासिक काल]] में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी, जिसके पानी को निकाल कर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था। [[कश्मीर]] को "भारत का स्विट्जरलैण्ड" भी कहा जाता है। भूविद्या-विशारदों के विचारों से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है कि कश्मीर तथा [[हिमालय]] के एक विस्तृत भू-भाग में अब से सहस्त्रों वर्ष पूर्व [[समुद्र]] स्थित था। कश्मीर का इतिहास अतिप्राचीन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||
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||'वायुमण्डल' [[पृथ्वी]] को चारों ओर से सैकड़ो कि.मी. की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। [[वायुमण्डल]] विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है। निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है। वायुमण्डल में 'ओजोन परत' की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह परत [[सूर्य]] से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। ओजोन परत की खोज [[1913]] में [[फ़्राँस]] के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वायुमण्डल]] | ||'वायुमण्डल' [[पृथ्वी]] को चारों ओर से सैकड़ो कि.मी. की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। [[वायुमण्डल]] विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है। निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है। वायुमण्डल में 'ओजोन परत' की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह परत [[सूर्य]] से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। ओजोन परत की खोज [[1913]] में [[फ़्राँस]] के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वायुमण्डल]] | ||
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05:59, 9 अप्रैल 2013 का अवतरण
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