"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{[[राजस्थान]] के निम्न में से किस शहर में [[जस्ता]] गलाने का संयत्र है? | {[[राजस्थान]] के निम्न में से किस शहर में [[जस्ता]] गलाने का संयत्र है? | ||
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||[[चित्र:Gadisagar-Lake-Jaisalmer-2.jpg|right|120px|गडसीसर सरोवर, जैसलमेर]]'राजस्थान' सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ-साथ [[खनिज|खनिजों]] के मामले में भी समृद्ध है। अब यह [[भारत]] के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है। [[राजस्थान]] के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी, [[उदयपुर]] में [[जस्ता]] गलाने का संयंत्र, [[खेतड़ी]], [[झुंझुनू]] में [[ताँबा]] परियोजना और [[कोटा]] में सूक्ष्म उपकरणों का कारख़ाना शामिल है। [[मार्च]], [[2006]] तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयाँ थीं, जिनमें 4,336.70 करोड़ [[रुपया|रुपये]] की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ था। यहाँ मुख्य उद्योग हैं- वस्त्र, ऊनी कपडे, चीनी, सीमेंट, काँच, सोडियम संयंत्र, [[ऑक्सीजन]], वनस्पति, [[रंग]], कीटनाशक, जस्ता, [[उर्वरक]], रेल के डिब्बे, सिंथेटिक धागे तथा तापरोधी ईंटें आदि।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजस्थान]] | ||[[चित्र:Gadisagar-Lake-Jaisalmer-2.jpg|right|120px|गडसीसर सरोवर, जैसलमेर]]'राजस्थान' सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ-साथ [[खनिज|खनिजों]] के मामले में भी समृद्ध है। अब यह [[भारत]] के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है। [[राजस्थान]] के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी, [[उदयपुर]] में [[जस्ता]] गलाने का संयंत्र, [[खेतड़ी]], [[झुंझुनू]] में [[ताँबा]] परियोजना और [[कोटा]] में सूक्ष्म उपकरणों का कारख़ाना शामिल है। [[मार्च]], [[2006]] तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयाँ थीं, जिनमें 4,336.70 करोड़ [[रुपया|रुपये]] की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ था। यहाँ मुख्य उद्योग हैं- वस्त्र, ऊनी कपडे, चीनी, सीमेंट, काँच, सोडियम संयंत्र, [[ऑक्सीजन]], वनस्पति, [[रंग]], कीटनाशक, जस्ता, [[उर्वरक]], रेल के डिब्बे, सिंथेटिक धागे तथा तापरोधी ईंटें आदि।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजस्थान]] | ||
{निम्न में से [[भारत]] के किन क्षेत्रों में औसत दो सौ मिलीमीटर [[वर्षा]] होती है। | {निम्न में से [[भारत]] के किन क्षेत्रों में औसत दो सौ मिलीमीटर [[वर्षा]] होती है। | ||
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-[[केरल]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]] | -[[केरल]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]] | ||
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-जलीय परास | -जलीय परास | ||
{संसार का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] कौन-सा है? | {संसार का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] कौन-सा है? | ||
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-[[कालाहारी मरुस्थल|कालाहारी]] | -[[कालाहारी मरुस्थल|कालाहारी]] | ||
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||[[चित्र:Sahara-Desert-3.jpg|right|120px|सहारा मरुस्थल]]'सहारा मरुस्थल' या 'ग्रेट सहारा मरुस्थल' विश्व का सर्वाधिक गर्म और [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] के बाद विश्व का दूसरा सबसे विशाल [[मरुस्थल]] है। यह [[अफ़्रीका|उत्तरी अफ़्रीका]] में स्थित है। यह मरुस्थल इतना बड़ा है कि विश्व की समस्त मरुभूमि का यह आधा भाग है। माना जाता है कि किसी समय [[सहारा मरुस्थल|सहारा]] हरा-भरा क्षेत्र हुआ करता था और उसके कुछ भाग पर [[सागर]] लहराता था। इस मरुस्थल में चलने वाली हवाएँ अपने साथ धूल और बालू की विशाल मात्रा लेकर आती हैं। हालाँकि यहाँ वनस्पतियाँ कम ही उगती हैं, फिर भी यह यहाँ के जीवों, जैसे- ऊँट, भेड़ और बकरी आदि के लिए पर्याप्त है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सहारा मरुस्थल]] | ||[[चित्र:Sahara-Desert-3.jpg|right|120px|सहारा मरुस्थल]]'सहारा मरुस्थल' या 'ग्रेट सहारा मरुस्थल' विश्व का सर्वाधिक गर्म और [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] के बाद विश्व का दूसरा सबसे विशाल [[मरुस्थल]] है। यह [[अफ़्रीका|उत्तरी अफ़्रीका]] में स्थित है। यह मरुस्थल इतना बड़ा है कि विश्व की समस्त मरुभूमि का यह आधा भाग है। माना जाता है कि किसी समय [[सहारा मरुस्थल|सहारा]] हरा-भरा क्षेत्र हुआ करता था और उसके कुछ भाग पर [[सागर]] लहराता था। इस मरुस्थल में चलने वाली हवाएँ अपने साथ धूल और बालू की विशाल मात्रा लेकर आती हैं। हालाँकि यहाँ वनस्पतियाँ कम ही उगती हैं, फिर भी यह यहाँ के जीवों, जैसे- ऊँट, भेड़ और बकरी आदि के लिए पर्याप्त है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सहारा मरुस्थल]] | ||
{संसार का सर्वाधिक [[चाय]] निर्यातक देश कौन-सा है? | {संसार का सर्वाधिक [[चाय]] निर्यातक देश कौन-सा है? | ||
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||[[चित्र:Tea-in-cup.jpg|right|100px|कुल्हड़ में चाय]]'चाय' एक महत्त्वपूर्ण पेय पदार्थ है, जिसे संसार के अधिकांश लोग पीते और पसन्द करते हैं। [[चाय]] मुलायम एवं नयी पत्ती, बन्द वानस्पतिक कली आदि से तैयार की जाती है। विश्व में लगभग 26 लाख हेक्टेयर भूमि पर चाय की [[कृषि]] की जाती है। विश्व में इसका वार्षिक उत्पादन 20 लाख टन है। चाय उत्पादक देशों में [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[चीन]], [[जापान]] आदि प्रमुख हैं। अन्य देशों में [[रूस]], जार्जिया, तुर्की, कीनिया, मलावी, युगांडा तथा मोजाम्बिक प्रमुख उत्पादक देश हैं। भारत लगभग 4 लाख हेक्टेयर भूमि में फैले लगभग 1300 बाग़ानों से 7000 लाख कि.ग्रा. चाय प्रतिवर्ष तैयार करता है, जिसमें से लगभग 50% चाय अकेले असम में पैदा होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चाय]] | ||[[चित्र:Tea-in-cup.jpg|right|100px|कुल्हड़ में चाय]]'चाय' एक महत्त्वपूर्ण पेय पदार्थ है, जिसे संसार के अधिकांश लोग पीते और पसन्द करते हैं। [[चाय]] मुलायम एवं नयी पत्ती, बन्द वानस्पतिक कली आदि से तैयार की जाती है। विश्व में लगभग 26 लाख हेक्टेयर भूमि पर चाय की [[कृषि]] की जाती है। विश्व में इसका वार्षिक उत्पादन 20 लाख टन है। चाय उत्पादक देशों में [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[चीन]], [[जापान]] आदि प्रमुख हैं। अन्य देशों में [[रूस]], जार्जिया, तुर्की, कीनिया, मलावी, युगांडा तथा मोजाम्बिक प्रमुख उत्पादक देश हैं। भारत लगभग 4 लाख हेक्टेयर भूमि में फैले लगभग 1300 बाग़ानों से 7000 लाख कि.ग्रा. चाय प्रतिवर्ष तैयार करता है, जिसमें से लगभग 50% चाय अकेले असम में पैदा होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चाय]] | ||
{निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक सुमेलित नहीं है? | {निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक सुमेलित नहीं है? | ||
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- | -[[बोमडिला दर्रा|बोमडिला]] - [[अरुणाचल प्रदेश]] | ||
-[[नाथुला दर्रा|नाथुला]] - [[सिक्किम]] | -[[नाथुला दर्रा|नाथुला]] - [[सिक्किम]] | ||
+[[भोरघाट]] - [[हिमाचल प्रदेश]] | +[[भोरघाट]] - [[हिमाचल प्रदेश]] | ||
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||[[चित्र:Bhor-Ghat.jpg|right|100px|भोरघाट]]'भोरघाट' [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी|पश्चिमी घाट श्रेणियों]] में स्थित एक दर्रा है। यह दर्रा अपनी खूबसूरती के साथ-साथ शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। वर्षा के बाद [[भोरघाट|भोरघाट दर्रे]] का क्षेत्र हरियाली से भर उठता है। यहाँ दूर-दूर तक फैली हरियाली बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह दर्रा [[मुम्बई]] तथा [[पुणे]] के बीच का सम्पर्क मार्ग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोरघाट]] | ||[[चित्र:Bhor-Ghat.jpg|right|100px|भोरघाट]]'भोरघाट' [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी|पश्चिमी घाट श्रेणियों]] में स्थित एक दर्रा है। यह दर्रा अपनी खूबसूरती के साथ-साथ शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। वर्षा के बाद [[भोरघाट|भोरघाट दर्रे]] का क्षेत्र हरियाली से भर उठता है। यहाँ दूर-दूर तक फैली हरियाली बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह दर्रा [[मुम्बई]] तथा [[पुणे]] के बीच का सम्पर्क मार्ग है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोरघाट]] | ||
{ | {संसार का सर्वाधिक व्यस्त महासागरीय मार्ग कौन-सा है? | ||
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-[[हिन्द महासागर]] | -[[हिन्द महासागर]] | ||
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||[[चित्र:Atlantic-Ocean.jpg|right|100px|ग्लोब पर अटलांटिक महासागर]]'अटलांटिक महासागर' अथवा 'अंध महासागर' उस विशाल जलराशि को कहते हैं, जो [[यूरोप]] तथा [[अफ़्रीका महाद्वीप]] को नई दुनिया के [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] से पृथक करती है। इस महासागर का आकार लगभग [[अंग्रेज़ी]] के अंक '8' के समान है। [[अटलांटिक महासागर]] के पृष्ठतल की लवणता अन्य [[समुद्र|समुद्रों]] की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा 3.7 प्रतिशत है, जो 20°-30° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। संसार की कुछ बहुत ही ख़तरनाक जगहों में से एक '[[बरमूडा त्रिकोण]]' अटलांटिक महासागर में ही स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अटलांटिक महासागर]] | ||[[चित्र:Atlantic-Ocean.jpg|right|100px|ग्लोब पर अटलांटिक महासागर]]'अटलांटिक महासागर' अथवा 'अंध महासागर' उस विशाल जलराशि को कहते हैं, जो [[यूरोप]] तथा [[अफ़्रीका महाद्वीप]] को नई दुनिया के [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] से पृथक करती है। इस महासागर का आकार लगभग [[अंग्रेज़ी]] के अंक '8' के समान है। [[अटलांटिक महासागर]] के पृष्ठतल की लवणता अन्य [[समुद्र|समुद्रों]] की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा 3.7 प्रतिशत है, जो 20°-30° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। संसार की कुछ बहुत ही ख़तरनाक जगहों में से एक '[[बरमूडा त्रिकोण]]' अटलांटिक महासागर में ही स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अटलांटिक महासागर]] | ||
{ | {नीचे दिये गए शब्दों में से कौन-सा शब्द समान प्रक्रियाओं को नहीं दर्शाता है? | ||
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{[[वायुमण्डल]] में ओजोन परत का क्या कार्य है? | {[[वायुमण्डल]] में ओजोन परत का क्या कार्य है? | ||
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||'वायुमण्डल' [[पृथ्वी]] को चारों ओर से सैकड़ो कि.मी. की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। [[वायुमण्डल]] विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है। निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है। वायुमण्डल में 'ओजोन परत' की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह परत [[सूर्य]] से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। ओजोन परत की खोज [[1913]] में [[फ़्राँस]] के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वायुमण्डल]] | ||'वायुमण्डल' [[पृथ्वी]] को चारों ओर से सैकड़ो कि.मी. की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। [[वायुमण्डल]] विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है। निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है। वायुमण्डल में 'ओजोन परत' की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह परत [[सूर्य]] से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। ओजोन परत की खोज [[1913]] में [[फ़्राँस]] के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वायुमण्डल]] | ||
{ | {किस [[सागर]] में से किसमें सर्वाधिक लवणता पाई जाती है? | ||
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-कैस्पियन सागर | -[[कैस्पियन सागर]] | ||
-[[भूमध्य सागर]] | -[[भूमध्य सागर]] | ||
-[[लाल सागर]] | -[[लाल सागर]] | ||
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||[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep-2.jpg|right|100px|अगत्ती द्वीप समूह, लक्षद्वीप]]'लक्षद्वीप' [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। यह भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। यहाँ के निवासी [[केरल]] के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह [[द्वीप]] पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। सन [[1973]] में 'लक्कादीव', 'मिनीकाय' और 'अमीनदीवी' द्वीप समूहों का नाम '[[लक्षद्वीप]]' कर दिया गया था। लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है, जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य और शानदार समुद्र तट किसी को भी आकर्षित कर सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लक्षद्वीप]] | ||[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep-2.jpg|right|100px|अगत्ती द्वीप समूह, लक्षद्वीप]]'लक्षद्वीप' [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। यह भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। यहाँ के निवासी [[केरल]] के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह [[द्वीप]] पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। सन [[1973]] में 'लक्कादीव', 'मिनीकाय' और 'अमीनदीवी' द्वीप समूहों का नाम '[[लक्षद्वीप]]' कर दिया गया था। लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है, जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य और शानदार समुद्र तट किसी को भी आकर्षित कर सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लक्षद्वीप]] | ||
{ | {किस राज्य में "[[चिपको आंदोलन]]" आरम्भ किया गया था? | ||
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-[[मध्य प्रदेश]] | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
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-मरु प्रक्षालन | -मरु प्रक्षालन | ||
{ | {निम्न में से कौन-सी एक बाग़ानी [[कृषि]] नहीं है? | ||
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-[[चाय]] की कृषि | -[[चाय]] की कृषि |
05:55, 9 अप्रैल 2013 का अवतरण
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