"गीता 13:26": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार परमात्म सम्बन्धी | इस प्रकार परमात्म सम्बन्धी तत्त्व ज्ञान के भिन्न-भिन्न साधनों का प्रतिपादन करके अब तीसरे श्लोक में जो 'यादृक् ' पद से क्षेत्र के स्वभाव को सुनने के लिये कहा था, उसके अनुसार भगवान् दो श्लोकों द्वारा उस क्षेत्र को उत्पत्ति विनाशशील बतलाकर उसके स्वभाव का वर्णन करते हुए आत्मा के यथार्थ तत्त्व को जानने की प्रशंसा करते हैं- | ||
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06:56, 17 जनवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-13 श्लोक-26 / Gita Chapter-13 Verse-26
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