"प्रयोग:कविता बघेल 2": अवतरणों में अंतर
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-जॉन दवे | -जॉन दवे | ||
{[[कुश्ती]] में सर्वप्रथम [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] प्राप्त करने वाला कौन था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-21 | {[[कुश्ती]] में सर्वप्रथम [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] प्राप्त करने वाला खिलाड़ी कौन था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-21 | ||
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-[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] | -[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] | ||
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-सतपाल | -सतपाल | ||
||कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ पहलवानों के नाम निम्नलिखित हैं- | ||कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ पहलवानों के नाम निम्नलिखित हैं- | ||
[[1961]]-[[उदय सिंह]] | [[1961]]- [[उदय सिंह]], [[1962]]- मालबा, [[1963]]- गणपत अंडलकर, [[1964]]- विशम्भर सिंह, [[1966]]-भीम सिंह, [[1967]]- मुख्तियार सिंह, [[1969]]- चंदगी राम, [[1970]]- सुदेश कुमार, [[1972]]- प्रेम नाथ, [[1973]]- जगरूप सिंह, [[1974]]- सतपाल, [[2005]]- [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]], [[2009]]- [[योगेश्वर दत्त]]। | ||
[[1963]]-गणपत अंडलकर | |||
[[1966]]-भीम सिंह | |||
[[1969]]-चंदगी राम | |||
[[1972]]-प्रेम नाथ | |||
[[1974]]-सतपाल | |||
[[2009]]-[[योगेश्वर दत्त]] | |||
{[[हृदय]] के दाहिने निलय (वेन्ट्रिकल) से [[रक्त]] बहता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-129 | {[[हृदय]] के दाहिने निलय (वेन्ट्रिकल) से [[रक्त]] बहता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-129 | ||
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+फुस्फुस धमनी | +फुस्फुस धमनी | ||
-फुस्फुस शिरा | -फुस्फुस शिरा | ||
||अशुद्ध रक्त दाएं अलिंद से दाएं निलय में जाता है। जब दायां निलय संकुचित होता है, तो रक्त पल्मोनरी धमनी या फुस्फुस धमनी में प्रवेश करता है। पल्मोनरी धमनी दो भागों में विभक्त हो जाती है जो अशुद्ध रक्त को बाएं तथा दाएं [[फेफड़ा|फेफड़े]] में प्रत्येक आर्टरी छोटी-छोटी [[धमनियाँ|धमनियों]] में बंट जाती है, उसके बाद Arterioles में अंत में अशुद्ध रक्त पल्मोनरी केशिकाओं में पहुंचता है। | ||अशुद्ध [[रक्त]] दाएं अलिंद से दाएं निलय में जाता है। जब दायां निलय संकुचित होता है, तो रक्त पल्मोनरी धमनी या फुस्फुस धमनी में प्रवेश करता है। पल्मोनरी धमनी दो भागों में विभक्त हो जाती है जो अशुद्ध रक्त को बाएं तथा दाएं [[फेफड़ा|फेफड़े]] में प्रत्येक आर्टरी छोटी-छोटी [[धमनियाँ|धमनियों]] में बंट जाती है, उसके बाद Arterioles में अंत में अशुद्ध रक्त पल्मोनरी केशिकाओं में पहुंचता है। | ||
{सिगमंड फ्रायद को निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का पिता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-31 | {सिगमंड फ्रायद को निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का पिता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-31 | ||
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-अभिप्रेरणा | -अभिप्रेरणा सिद्धांत | ||
+मनोविश्लेषण | +मनोविश्लेषण सिद्धांत | ||
-संबंधवाद | -संबंधवाद सिद्धांत | ||
-समांतरवाद | -समांतरवाद सिद्धांत | ||
||सिगमंड फ्रायड को मनोविश्लेषण सिद्धांत का पिता कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, उन्होंने भीड़ व्यवहार का आधार चेतन तथा अचेतन इच्छाओं को माना। उनके अनुसार मन (Mind) के तीन भाग हैं- चेतन, अर्द्धचेतन तथा अचेतन। फ्रायद ने भीड़ व्यवहार के बारे में अपने उक्त विचारों को अपनी पुस्तक "Group Psychology and the Analysis of the Ego" के अंतर्गत प्रस्तुत किया। | ||सिगमंड फ्रायड को मनोविश्लेषण सिद्धांत का पिता कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, उन्होंने भीड़ व्यवहार का आधार चेतन तथा अचेतन इच्छाओं को माना। उनके अनुसार मन (Mind) के तीन भाग हैं- चेतन, अर्द्धचेतन तथा अचेतन। फ्रायद ने भीड़ व्यवहार के बारे में अपने उक्त विचारों को अपनी पुस्तक "Group Psychology and the Analysis of the Ego" के अंतर्गत प्रस्तुत किया। | ||
{अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां हैं | {अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां कौन-सी हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-39 | ||
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+रेखित | +रेखित | ||
-अरेखित | -अरेखित | ||
-हृदयी | -हृदयी | ||
-सभी | -उपरोक्त सभी | ||
||अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां रेखित या ऐच्छिक पेशियां कहलाती हैं। ये पेशियां मनुष्य की इच्छा शक्ति के नियंत्रण में रहती हैं। इन पेशियों में आड़ी धारियों के पाए जाने के कारण ही इन्हें रेखित पेशियां कहा जाता है। | ||अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां रेखित या ऐच्छिक पेशियां कहलाती हैं। ये पेशियां मनुष्य की इच्छा शक्ति के नियंत्रण में रहती हैं। इन पेशियों में आड़ी धारियों के पाए जाने के कारण ही इन्हें रेखित पेशियां कहा जाता है। | ||
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-[[बैडमिंटन]] | -[[बैडमिंटन]] | ||
-साइकलिंग | -साइकलिंग | ||
||आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में सम्मिलित पांचों खेल कौशल पर आधारित होते हैं, जैसे- दौड़, तैराकी, फेन्सिंग ( | ||आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में सम्मिलित पांचों खेल कौशल पर आधारित होते हैं, जैसे- दौड़, तैराकी, फेन्सिंग (तलवारबाज़ी), हॉर्स जम्पिंग एवं पिस्टल शूटिंग। | ||
{ | {निम्न में से किस प्रकार की चोट में अस्थि टूट जाती है और [[ऊतक]] या [[धमनी]] जैसे आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त हो जाते है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-130 | ||
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-अवनत भंग | -अवनत भंग | ||
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-डाइआरथ्रोसेस जोड़ | -डाइआरथ्रोसेस जोड़ | ||
-सायनोविअल जोड़ | -सायनोविअल जोड़ | ||
{'साइकोलोजी' शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-102 | {'साइकोलोजी' शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-102 | ||
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-[[संस्कृत भाषा]] | -[[संस्कृत भाषा]] | ||
-[[अंग्रेज़ी भाषा]] | -[[अंग्रेज़ी भाषा]] | ||
{लड़कियों की वृद्धि सर्वाधिक तीव्रता से होती है | {किस आयु के अंतर्गत लड़कियों की वृद्धि लड़कों की अपेक्षा सर्वाधिक तीव्रता से होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-22 | ||
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-6 से 10 साल | -6 से 10 साल | ||
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-19 से 25 साल | -19 से 25 साल | ||
-25 से ऊपर | -25 से ऊपर | ||
||जीवन के प्रारंभिक चार वर्षों की उम्र तक | ||जीवन के प्रारंभिक चार वर्षों की उम्र तक लड़की की वृद्धि लड़कों की वृद्धि समान होती है। 4 से 12 वर्षों के मध्य लड़कों की शारीरिक वृद्धि लड़कियों की अपेक्षा अधिक होती है जबकि 12 से 14 वर्ष तक लड़कियों का शारीरिक विकास एवं वृद्धि लड़कों की अपेक्षा अधिक होती है। | ||
{"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" किसका कथन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-68 | {"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" किसका कथन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-68 | ||
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-जे.बी. नैश | -जे.बी. नैश | ||
-चार्ल्स ए. बूचर | -चार्ल्स ए. बूचर | ||
+जे.एफ. विलियम्स | +जे. एफ. विलियम्स | ||
-आर.ए. बर्मन | -आर. ए. बर्मन | ||
||"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" यह कथन जेसी फेयरिंग विलियम्स है। | ||"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" यह कथन जेसी फेयरिंग विलियम्स का है। | ||
{जीवित प्राणियों की संरचना की कार्यविधि को जाना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-130 | {जीवित प्राणियों की संरचना की कार्यविधि को जाना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-130 | ||
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-शरीर रचना विज्ञान | -शरीर रचना विज्ञान | ||
-मनुष्य-शरीर रचनाशास्त्र | -मनुष्य-शरीर रचनाशास्त्र | ||
+ | +शरीर क्रिया विज्ञान | ||
-[[मनोविज्ञान]] | -[[मनोविज्ञान]] | ||
||शरीर क्रिया विज्ञान दो शब्दों फिजियों व ओलोजी से बना है, जहां पर फिजिओ का अर्थ-प्रकृति व 'ओलोजी' का अर्थ है- अध्ययन। जीवित प्राणियों की संरचना या [[मानव शरीर|शरीर]] व इसके सभी भागों के कार्यविधि का अध्ययन शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है। | ||शरीर क्रिया विज्ञान दो शब्दों फिजियों व ओलोजी से बना है, जहां पर फिजिओ का अर्थ-प्रकृति व 'ओलोजी' का अर्थ है- अध्ययन। जीवित प्राणियों की संरचना या [[मानव शरीर|शरीर]] व इसके सभी भागों के कार्यविधि का अध्ययन शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है। | ||
{कंधे का जोड़ | {कंधे का जोड़ किस प्रकार का होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-34 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+बॉल और सॉकेट जोड़ | +बॉल और सॉकेट जोड़ | ||
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-काठी वाला जोड़ | -काठी वाला जोड़ | ||
-कोन्डिलायड जोड़ | -कोन्डिलायड जोड़ | ||
||कंधे का जोड़ एक प्रकार का बॉल और सॉकेट जोड़ है। इस प्रकार के जोड़ में अस्थि का एक सिरा गेंद की तरह गोल तथा दूसरा अस्थि सिरा | ||कंधे का जोड़ एक प्रकार का बॉल और सॉकेट जोड़ है। इस प्रकार के जोड़ में अस्थि का एक सिरा गेंद की तरह गोल तथा दूसरा अस्थि सिरा गड्ढे (गर्त) या एक प्याले की तरह होता है। एक अस्थि का गोल भाग दूसरी अस्थि के गड्ढे (गर्त) में फिट हो जाता है। इस प्रकार के जोड़ कूल्हे और कंधे में पाए जाते हैं। | ||
{घेंघा रोग किसकी कमी से होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-40 | {घेंघा रोग किसकी कमी से होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-40 | ||
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-थियामाइन | -थियामाइन | ||
+[[आयोडीन]] | +[[आयोडीन]] | ||
||[[आयोडीन]] की कमी होने से गले में घेंघा नामक रोग हो जाता है। इससे गर्दन फूलकर मोटी, कॉलर जैसी दिखाई देने लगती है। आयोडीन का स्त्रोत [[दूध]], समुद्री भोजन तथा आयोडीन युक्त [[नमक]] है। | ||[[आयोडीन]] (Iodine) की कमी होने से गले में घेंघा नामक रोग हो जाता है। इससे गर्दन फूलकर मोटी, कॉलर जैसी दिखाई देने लगती है। आयोडीन का स्त्रोत [[दूध]], समुद्री भोजन तथा आयोडीन युक्त [[नमक]] है। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा खेल, खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता' श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-121 | {निम्नलिखित में से कौन-सा खेल, खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता' श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-121 | ||
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-तीरंदाजी | -तीरंदाजी | ||
-[[बैडमिंटन]] | -[[बैडमिंटन]] | ||
||खेल मंत्रालय द्वारा [[23 मार्च]], [[2015]] को जारी किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के | ||खेल मंत्रालय द्वारा [[23 मार्च]], [[2015]] को जारी किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अंतर्गत [[एथलेटिक्स]], [[टेनिस]], [[कुश्ती]], भारोत्तोलन, [[बैडमिंटन]], तीरंदाजी, [[हॉकी]], शूटिंग तथा बॉक्सिंग शामिल हैं। स्पष्ट है कि इनमें 'योग' को शामिल नहीं किया गया है। | ||
{[[मानव शरीर]] में हड्डियों | {[[मानव शरीर]] में हड्डियों को किस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-131 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-संरचना और कार्य | -संरचना और कार्य | ||
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+आकार और आकृति | +आकार और आकृति | ||
-जोड़ और हरकत | -जोड़ और हरकत | ||
||आकृति व आकार के अनुसार अस्थियों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- | ||आकृति व आकार के अनुसार अस्थियों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- '''लंबी अस्थियां'''- लंबी अस्थियां मुख्य तौर पर ऊपरी एवं निचले पाद (Limbs) में होती हैं। उदाहरण- ह्यूमरस, रेडियस, अल्ना, फीमर, टीबिया एवं फिबुला आदि लंबी अस्थियों के उदाहरण हैं। '''छोटी अस्थियां'''- ये अस्थियां लंबाई में छोटी होती हैं। इसलिए इन्हें छोटी अस्थियां कहते हैं। उदाहरण- कार्पस एवं टार्सस। इनके अतिरिक्त अस्थियों के अन्य प्रकार हैं। जैसे- चपटी अस्थियां, सेसामॉयड अस्थियां आदि। | ||
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11:39, 5 जनवरी 2017 का अवतरण
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