"नैनीताल पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। | नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। | ||
[[चित्र:Nainital-Boat-House-Club.jpg|thumb|250px|left|नैनीताल बोट हाउस क्लब]] | [[चित्र:Nainital-Boat-House-Club.jpg|thumb|250px|left|नैनीताल बोट हाउस क्लब]] | ||
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[[नैनीताल]] में अनेक ऐसे स्थान हैं जहाँ जाकर सैलानी अपने - आपको भूल जाते हैं। यहाँ अब लोग [[ग्रीष्म ऋतु|ग्रीष्म काल]] में नहीं आते, बल्कि वर्ष भर आते रहते हैं। [[सर्दी|सर्दियों]] में बर्फ के गिरने के दृश्य को देखने हजारों पर्यटक यहाँ पहुँचते रहते हैं। रहने के लिए नैनीताल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, एक से बढ़कर एक होटल हैं। आधुनिक सुविधाओं की नैनीताल में आज कोई कमी नहीं है। इसलिए सैलानी और पर्यटक यहाँ आना अधिक उपयुक्त समझते हैं। नैनीताल में [[अप्रैल]] से [[जून]] और [[सितम्बर]] से [[दिसम्बर]] तक दो सीजन होते हैं। सम्पूर्ण देश के पूँजीपति, व्यापारी, उद्योगपति, राजा-महाराजा और सैलानी यहाँ आते हैं। इस मौसम में [[टेनिस]], पोलो, [[हॉकी]], [[फुटबाल]], गॉल्फ, मछली मारने और नौका दौड़ाने के खेलों की प्रतियोगिता होती है। इन खेलों के शौकीन देश के विभिन्न नगरों से यहाँ आते हैं। पिकनिक के लिए भी लोगों का ताँता नगा रहता है। इसी मौसम में नाना प्राकर के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। [[सितम्बर]] से [[दिसम्बर]] का मौसम भी बहुत सुन्दर रहता है। ऐसे समय में आकाश साफ रहता है। प्रायः इस मोसम में होटलों का किराया भी कम हो जाता है। बहुत से प्रकृति प्रेमी इसी मौसम में नैनीताल आते हैं। [[जनवरी]] और [[फरवरी]] के दो ऐसे महीने होते हैं जब नैनीताल में बर्फ गिरती है। बहुत से नवविवाहित दम्पतियाँ अपनी 'मधु यामिनी' हेतु नैनीताल आते हैं। तात्पर्य यह है कि यह सुखद और शान्ति का जीवन बिताने का मौसम है। नैनीताल में घूमने के बाद सैलानी पीक देखना भी नहीं भूलते। आजकल नैनीताल के आकर्षण में रज्जुमार्ग (रोप वे) की सवारी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गयी है। सुबह, शाम और दिन में सैलानी नैनीताल के ताल में जहां बोट की सवारी करते हैं, वहाँ घोड़ों पर चढ़कर घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं। शरदकाल में और ग्रीष्मकाल में यहाँ बड़ी रौनक रहती है। शरदोत्सव के समय पर नौकाचालन, तैराकी, घोड़ो का सवारी और पर्वतारोहम जैसे मनोरंजन और चुनौती भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.ignca.nic.in/coilnet/utrn0048.htm |title= नैनीताल|accessmonthday=17 दिसम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.ignca.nic.in |language=हिन्दी }}</ref> | |||
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गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट] का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं। | गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट] का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं। |
11:18, 17 नवम्बर 2014 का अवतरण
नैनीताल पर्यटन
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विवरण | नैनीताल, उत्तरी उत्तराखंड राज्य के उत्तर मध्य भारत में शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। |
राज्य | उत्तराखंड |
ज़िला | नैनीताल |
निर्माता | पी. बेरून |
स्थापना | 1841 |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 29.38°, पूर्व- 79.45° |
मार्ग स्थिति | पंत नगर हवाई अड्डे से लगभग 63 किमी दूर है। |
प्रसिद्धि | झीलों के लिए |
कब जाएँ | अप्रैल-जून, सितंबर-अक्टूबर |
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पंत नगर हवाई अड्डा |
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काठगोदाम रेलवे स्टेशन |
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नैनीताल बस अड्डा |
क्या देखें | नैनीताल पर्यटन |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथिग्रह, रिजॉर्ट |
क्या ख़रीदें | गर्म ऊनी वस्त्र, हस्तशिल्प वस्तुएँ और मोमबत्तियाँ |
एस.टी.डी. कोड | 05942 |
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गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | नैनी झील, सात ताल झील, भीमताल झील, नौकुचिया ताल, त्रिऋषि सरोवर, मुक्तेश्वर
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अन्य जानकारी | पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार मानसखंड के अध्याय 40 से 51 तक नैनीताल क्षेत्र के पुण्य स्थलों, नदी, नालों और पर्वत श्रृंखलाओं का 219 श्लोकों में वर्णन मिलता है। |
अद्यतन | 20:12, 18 नवम्बर 2014 (IST)
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नैनीताल | नैनीताल पर्यटन | नैनीताल ज़िला |
नैनीताल अपने तालों के लिए प्रसिद्ध है। जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटी-बड़ी झीलें स्थित हैं- जिनमें नैनीताल, भीमताल, नौकुचिया ताल, गरुड़ताल, रामताल, सातताल, लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुरपाताल, सड़ियाताल आदि हैं।
नैनी झील
नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।

कब जाएँ
नैनीताल में अनेक ऐसे स्थान हैं जहाँ जाकर सैलानी अपने - आपको भूल जाते हैं। यहाँ अब लोग ग्रीष्म काल में नहीं आते, बल्कि वर्ष भर आते रहते हैं। सर्दियों में बर्फ के गिरने के दृश्य को देखने हजारों पर्यटक यहाँ पहुँचते रहते हैं। रहने के लिए नैनीताल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, एक से बढ़कर एक होटल हैं। आधुनिक सुविधाओं की नैनीताल में आज कोई कमी नहीं है। इसलिए सैलानी और पर्यटक यहाँ आना अधिक उपयुक्त समझते हैं। नैनीताल में अप्रैल से जून और सितम्बर से दिसम्बर तक दो सीजन होते हैं। सम्पूर्ण देश के पूँजीपति, व्यापारी, उद्योगपति, राजा-महाराजा और सैलानी यहाँ आते हैं। इस मौसम में टेनिस, पोलो, हॉकी, फुटबाल, गॉल्फ, मछली मारने और नौका दौड़ाने के खेलों की प्रतियोगिता होती है। इन खेलों के शौकीन देश के विभिन्न नगरों से यहाँ आते हैं। पिकनिक के लिए भी लोगों का ताँता नगा रहता है। इसी मौसम में नाना प्राकर के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। सितम्बर से दिसम्बर का मौसम भी बहुत सुन्दर रहता है। ऐसे समय में आकाश साफ रहता है। प्रायः इस मोसम में होटलों का किराया भी कम हो जाता है। बहुत से प्रकृति प्रेमी इसी मौसम में नैनीताल आते हैं। जनवरी और फरवरी के दो ऐसे महीने होते हैं जब नैनीताल में बर्फ गिरती है। बहुत से नवविवाहित दम्पतियाँ अपनी 'मधु यामिनी' हेतु नैनीताल आते हैं। तात्पर्य यह है कि यह सुखद और शान्ति का जीवन बिताने का मौसम है। नैनीताल में घूमने के बाद सैलानी पीक देखना भी नहीं भूलते। आजकल नैनीताल के आकर्षण में रज्जुमार्ग (रोप वे) की सवारी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गयी है। सुबह, शाम और दिन में सैलानी नैनीताल के ताल में जहां बोट की सवारी करते हैं, वहाँ घोड़ों पर चढ़कर घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं। शरदकाल में और ग्रीष्मकाल में यहाँ बड़ी रौनक रहती है। शरदोत्सव के समय पर नौकाचालन, तैराकी, घोड़ो का सवारी और पर्वतारोहम जैसे मनोरंजन और चुनौती भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।[1]
गर्नी हाउस
गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट] का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख