"वातापी कर्नाटक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कर्नाटक के नगर}}
{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}}
{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}}
[[Category:कर्नाटक]][[Category:कर्नाटक_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:कर्नाटक_के_ऐतिहासिक_स्थान]][[Category:कर्नाटक_के_नगर]]__INDEX__
[[Category:कर्नाटक]][[Category:कर्नाटक_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:कर्नाटक_के_ऐतिहासिक_स्थान]][[Category:कर्नाटक_के_नगर]]__INDEX__

09:25, 25 जनवरी 2011 का अवतरण

वातापी ज़िला बीजापुर, कर्नाटक राज्य भारत में स्थित है। शोलापुर से 141 मील दूर स्थित वर्तमान बादामी ही प्राचीन वातापी है। यह शोलापुर-गदग रेल मार्ग पर स्थित है। बादामी की बस्ती दो पहाड़ियों के बीच में है। वातापी का नाम पुराणों में उल्लिखित है, जहाँ इसका सम्बन्ध वातापी नामक दैत्य से बताया जाता है, जिसे अगस्त्य ऋषि ने मारा था।[1]

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में यह नगर वातापी नामक असुर के अधीन था, जो ब्राह्मणों का परम शत्रु था। अगत्स्य ने इसका वध किया था। यह महाराष्ट्र के बीजापुर ज़िले में है। इसके पूर्वोत्तर एक दुर्ग है, उसमें बायीं ओर हनुमान जी का मन्दिर, ऊपर जाने पर शिव मन्दिर, उससे आगे दो तीन और मन्दिर मिलते हैं। दक्षिण की पहाड़ी पर पश्चिम की ओर गुहामन्दिर हैं। तीन गुहाएँ स्मार्त धर्म की और एक जैन धर्म की है।

  • पहली गुहा में 18 भुजाओं वाली शिवमूर्ति, गणेशमूर्ति तथ गणों की मूर्तियाँ हैं। आगे विष्णु, लक्ष्मी तथा शिव पार्वती की मूर्तियाँ हैं। पिछली दीवार में महिषासुरमर्दिनी, गणेश तथा स्कन्द की मूर्तियाँ हैं।
  • दूसरी गुहा में वामन अवतार, वराह अवतार, गरुड़ारूढ़ नारायण, शेषशायी नारायण की मूर्तियाँ तथा कुछ अन्य मूर्तियाँ हैं।
  • तीसरी गुहा में अर्द्धनारीश्वर शिव, पार्वती, नृसिंह अवतार, नारायण, वराह आदि की मूर्तियाँ हैं।
  • जैन गुहा में जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख