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− | अब उन दुर्गुण-दुराचारों में त्याज्य-बुद्धि कराने के लिए अगले दो श्लोकों में भगवान् वैसे लोगों की घोर निन्दा करते हुए उनकी दुर्गति का वर्णन करते हैं- | + | अब उन दुर्गुण-दुराचारों में त्याज्य-बुद्धि कराने के लिए अगले दो [[श्लोक|श्लोकों]] में भगवान् वैसे लोगों की घोर निन्दा करते हुए उनकी दुर्गति का वर्णन करते हैं- |
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12:18, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-16 श्लोक-19 / Gita Chapter-16 Verse-19
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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