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{{संग्रहालय सूची1}}
+
==अनेकार्थक शब्द==
--------------
+
‘अनेकार्थक’ शब्द का अभिप्राय है, किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ होना। बहुत से शब्द ऐसे हैँ, जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैँ। ऐसे शब्दोँ का अर्थ भिन्न–भिन्न प्रयोग के आधार पर या प्रसंगानुसार ही स्पष्ट होता है। भाषा सौष्ठव की दृष्टि से इनका बड़ा महत्त्व है।
{| class="wikitable" border="1"
+
===उदाहरण===
|+थल सेना कमान एवं मुख्यालय
+
<center>
 +
{| width="50%" class="bharattable-pink"
 +
|+अनेकार्थक शब्द
 
|-
 
|-
! कमान
+
! क्र.सं. !! शब्द !! अनेकार्थ
! मुख्यालय
 
 
|-
 
|-
| उत्तरी कमान
+
|1.  || '''अंक''' || संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान, पत्रिका का नंबर
| ऊधमपुर
 
 
|-
 
|-
| दक्षिणी कमानA
+
|2. || '''अंग''' || शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा
| [[पुणे]]
 
 
|-
 
|-
| पूर्वी कमान
+
|3. || '''अंचल''' || सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू
| [[कोलकाता]]
 
 
|-
 
|-
| पश्चिमी कमान
+
|4. || '''अंत''' || सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य
| चांदीमंदिर
 
 
|-
 
|-
| मध्य कमान
+
|5. || '''अंबर''' || आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगन्धित द्रव जो जलाया जाता है
| [[लखनऊ]]
 
 
|-
 
|-
| दक्षिण-पश्चिम कमान
+
|6. || '''अक्षर''' || नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव
| [[जयपुर]]
 
 
|-
 
|-
| सेना प्रशिक्षण कमान
+
|7. || '''अर्क''' || सूर्य, आक का पौधा, औषधियों का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब
| शिमला
 
|}
 
 
 
 
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|+वायु सेना कमान एवं मुख्यालय
 
 
|-
 
|-
! कमान
+
|8.  || '''अकाल''' ||  दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।
! मुख्यालय
 
 
|-
 
|-
| दक्षिणी कमान
+
|9. || '''अज''' || ब्रह्मा, बकरा, शिव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)
| [[तिरुअनंतपुरम]], [[केरल]]
 
 
|-
 
|-
| पश्चिमी कमान
+
|10. || '''अर्थ''' || धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)
| सुब्रतो पार्क, नयी दिल्ली
 
 
|-
 
|-
| पूर्वी कमान
+
|11. || '''अक्ष''' || धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील
| शिलांग, [[मेघालय]]
 
 
|-
 
|-
| दक्षिण-पश्चिम कमान
+
|12. || '''अजीत''' || अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियोँ के दूसरे तीर्थंकर
| [[गांधीनगर ज़िला|गांधीनगर]], [[गुजरात]]
 
 
|-
 
|-
| मध्य कमान
+
|13. || '''अतिथि''' || मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि
| [[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
 
 
|-
 
|-
| मेंटेनेंस कमान
+
|14. || '''अधर''' || सूर्य, आक का पौधा, औषधियों का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब
| [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]]
 
 
|-
 
|-
| प्रशिक्षण कमान
+
|15.  || '''अध्यक्ष''' || विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज
| [[बंगलोर|बंगलुरु]], [[कर्नाटक]]
 
|}
 
 
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|+कमांडर इन चीफ़
 
 
|-
 
|-
! नाम
+
|16. || '''अपवाद''' || निंदा, कलंक, नियम के बाहर
! अवधि
 
 
|-
 
|-
| जनरल सर राय बूचर
+
|17. || '''अपेक्षा''' || तुलना में, आशा, आवश्यकता, इच्छा
| 1 जनवरी 1948 से 14 जनवरी 1949
 
 
|-
 
|-
| जनरल (अब फील्ड मार्शल) के. एम. करिअप्पा
+
|18. || '''अमृत''' || जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित
| 15 जनवरी 1949 से 14 जनवरी 1953
 
 
|-
 
|-
| जनरल महाराज राजेन्द्र सिंहजी
+
|19. || '''अरुण''' || लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिंदूर, सोना
| 15 जनवरी 153 से 31 मार्च 1955
 
|}
 
-----
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|+काव्य संकलन
 
 
|-
 
|-
! क्रम
+
|20. || '''अरुणा''' || ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी
! नाम
 
! प्रकाशन
 
! सन
 
 
|-
 
|-
|1-
+
|21. || '''अनन्त''' || सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन
|बूढ़े बच्चे
 
|प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, भारत सरकार
 
|1979
 
 
|-
 
|-
|2-
+
|22.  || '''अग्र''' || आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले
|सो तो है
 
|प्रलेक प्रकाशन, नई दिल्ली,
 
| 1983
 
 
|-
 
|-
|3-
+
|23. || '''अब्ज''' || शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल में उत्पन्न
|भोले भाले
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1984
 
 
|-
 
|-
|4-
+
|24. || '''अमल''' || मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी
|तमाशा                    ,
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1986
 
 
|-
 
|-
|5-
+
|25. || '''अवस्था''' ||  उम्र, दशा, स्थिति।
|चुटपुटकुले               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|1988
 
 
|-
 
|-
|6-
+
|26. || '''अशोक'''  || शोकरहित, एक वृक्ष, सम्राट अशोक
|हंसो और मर जाओ         
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1990
 
|-
 
|7-
 
|देश धन्या पंच कन्या           
 
|प्राची प्रकाशन, नई दिल्ली
 
|1997
 
|-
 
|8-
 
|ए जी सुनिए                 
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|1997
 
|-
 
|9-
 
|इसलिए बौड़म जी इसलिए       
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
| 1997
 
|-
 
|10-
 
|खिड़कियां               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2001
 
|-
 
|11-
 
|बोल-गप्पे               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2001
 
|-
 
|12-
 
|जाने क्या टपके           
 
| डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली,
 
|2001
 
|-
 
|13-
 
|चुनी चुनाई               
 
|प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
 
|2002
 
|-
 
|14-
 
|सोची समझी               
 
|प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
 
|2002
 
|-
 
|15-
 
|जो करे सो जोकर           
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2007
 
|-
 
|16-
 
|मसलाराम               
 
|पेंगुइन प्रकाशन
 
|
 
 
|}
 
|}
======
+
</center>
  
{{संग्रहालय सूची1}}
+
<center>
--------------
+
{| width="50%" class="bharattable-pink"
{| class="wikitable" border="1"
+
|+अनेकार्थक शब्द
|+थल सेना कमान एवं मुख्यालय
 
|-
 
! कमान
 
! मुख्यालय
 
|-
 
| उत्तरी कमान
 
| ऊधमपुर
 
|-
 
| दक्षिणी कमानA
 
| [[पुणे]]
 
|-
 
| पूर्वी कमान
 
| [[कोलकाता]]
 
|-
 
| पश्चिमी कमान
 
| चांदीमंदिर
 
|-
 
| मध्य कमान
 
| [[लखनऊ]]
 
 
|-
 
|-
| दक्षिण-पश्चिम कमान
+
! क्र.सं. !! शब्द !! अनेकार्थ
| [[जयपुर]]
 
 
|-
 
|-
| सेना प्रशिक्षण कमान
+
|1.  || '''आकर''' || खान, कोष, स्रोत
| शिमला
 
|}
 
 
 
 
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|+वायु सेना कमान एवं मुख्यालय
 
 
|-
 
|-
! कमान
+
|2. || '''आराम''' || बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना
! मुख्यालय
 
 
|-
 
|-
| दक्षिणी कमान
+
|3. || '''आदर्श''' ||  योग्य, नमूना, उदाहरण
| [[तिरुअनंतपुरम]], [[केरल]]
 
 
|-
 
|-
| पश्चिमी कमान
+
|4. || '''आम''' || सामान्य, एक फल, मामूली, सर्वसाधारण
| सुब्रतो पार्क, नयी दिल्ली
 
 
|-
 
|-
| पूर्वी कमान
+
|5. || '''आत्मा''' ||  बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु
| शिलांग, [[मेघालय]]
 
 
|-
 
|-
| दक्षिण-पश्चिम कमान
+
|6. || '''आली''' || सखी, पंक्ति, रेखा
| [[गांधीनगर ज़िला|गांधीनगर]], [[गुजरात]]
 
 
|-
 
|-
| मध्य कमान
+
|7. || '''आतुर''' || विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।
| [[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
 
 
|-
 
|-
| मेंटेनेंस कमान
 
| [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]]
 
|-
 
| प्रशिक्षण कमान
 
| [[बंगलोर|बंगलुरु]], [[कर्नाटक]]
 
 
|}
 
|}
 +
</center>
 +
{{विलोम शब्द}}
  
{| class="wikitable" border="1"
 
|+कमांडर इन चीफ़
 
|-
 
! नाम
 
! अवधि
 
|-
 
| जनरल सर राय बूचर
 
| 1 जनवरी 1948 से 14 जनवरी 1949
 
|-
 
| जनरल (अब फील्ड मार्शल) के. एम. करिअप्पा
 
| 15 जनवरी 1949 से 14 जनवरी 1953
 
|-
 
| जनरल महाराज राजेन्द्र सिंहजी
 
| 15 जनवरी 153 से 31 मार्च 1955
 
|}
 
-----
 
{| class="wikitable" border="1"
 
|+काव्य संकलन
 
|-
 
! क्रम
 
! नाम
 
! प्रकाशन
 
! सन
 
|-
 
|1-
 
|बूढ़े बच्चे
 
|प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, भारत सरकार
 
|1979
 
|-
 
|2-
 
|सो तो है
 
|प्रलेक प्रकाशन, नई दिल्ली,
 
| 1983
 
|-
 
|3-
 
|भोले भाले
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1984
 
|-
 
|4-
 
|तमाशा                    ,
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1986
 
|-
 
|5-
 
|चुटपुटकुले               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|1988
 
|-
 
|6-
 
|हंसो और मर जाओ         
 
|हिन्दी साहित्य निकेतन
 
|1990
 
|-
 
|7-
 
|देश धन्या पंच कन्या           
 
|प्राची प्रकाशन, नई दिल्ली
 
|1997
 
|-
 
|8-
 
|ए जी सुनिए                 
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|1997
 
|-
 
|9-
 
|इसलिए बौड़म जी इसलिए       
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
| 1997
 
|-
 
|10-
 
|खिड़कियां               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2001
 
|-
 
|11-
 
|बोल-गप्पे               
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2001
 
|-
 
|12-
 
|जाने क्या टपके           
 
| डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली,
 
|2001
 
|-
 
|13-
 
|चुनी चुनाई               
 
|प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
 
|2002
 
|-
 
|14-
 
|सोची समझी               
 
|प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
 
|2002
 
|-
 
|15-
 
|जो करे सो जोकर           
 
|डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली
 
|2007
 
|-
 
|16-
 
|मसलाराम               
 
|पेंगुइन प्रकाशन
 
|
 
|}
 
======
 
  
गाना / Title: आ चल के तुझे मैं ले के चलूं - aa chal ke tujhe mai.n le ke
 
  
chaluu.n
 
  
चित्रपट / Film: Door Gagan Ki Chhaaon Mein
 
  
संगीतकार / Music Director:  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
 
  
गीतकार / Lyricist:  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
 
  
गायक / Singer(s):  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
 
  
Raw Data: http://lyricsindia.net/isb/ASCII/13.isb
+
37. इन्दु – चन्द्रमा, कपूर।
आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं
+
38. ईश्वर – प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक।
इक ऐसे गगन के तले
+
39. उग्र – क्रूर, भयानक, कष्टदायक, तीव्र।
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
+
40. उत्तर – जवाब, एक दिशा, बदला, पश्चाताप।
बस प्यार ही प्यार पले
+
41. उत्सर्ग – त्याग, दान, समाप्ति।
इक ऐसे गगन के तले
+
42. उत्पात – शरारत, दंगा, हो-हल्ला।
 
+
43. उपचार – उपाय, सेवा, इलाज, निदान।
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे  (२)
+
44. ऋण – कर्ज, दायित्व, उपकार, घटाना, एकता, घटाने का बूटी वाला पत्ता।
चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे  (२)
+
45. कंटक – काँटा, विघ्न, कीलक।
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
+
46. कंचन – सोना, काँच, निर्मल, धन-दौलत।
लम्बी सी डगर न खले
+
47. कनक – स्वर्ण, धतूरा, गेहूँ, वृक्ष, पलाश (टेसू)
जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो ...
+
48. कन्या – कुमारी लड़की, पुत्री, एक राशि।
 
+
49. कला – अंश, एक विषय, कुशलता, शोभा, तेज, युक्ति, गुण, ब्याज, चातुर्य, चाँद का सोलहवाँ अंश।
जहाँ दूर नज़र दौड़ आए, आज़ाद गगन लहराए
+
50. कर – किरण, हाथ, सूँड, कार्यादेश, टैक्स।
जहाँ रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएं  (२)
+
51. कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।
सपनो मे पली हँसती हो कली
+
52. कक्ष – काँख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा।
जहाँ शाम सुहानी ढले
+
53. कर्त्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया।
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो ...
+
54. कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
आ चल के तुझे मैं ले के चलूं ...
+
55. कलि – कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ चौथा युग।
= ============
+
56. कशिपु – चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख।
गाना / Title: कोई लौटा दे मेरे - koii lauTaa de mere
+
57. काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
 
+
58. काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।
चित्रपट / Film: Door Gagan Ki Chhaaon Mein
+
59. किनारा – तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
 
+
60. कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।
संगीतकार / Music Director:  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
+
61. कुशल – चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
 
+
62. कुंजर – हाथी, बाल।
गीतकार / Lyricist:  Shailendra
+
63. कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।
 
+
64. कोटि – करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
गायक / Singer(s):  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
+
65. कोष – खजाना, फूल का भीतरी भाग।
 
+
66. क्षुद्र – नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।
Raw Data: http://lyricsindia.net/isb/ASCII/1016.isb
+
67. खंड – टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना, प्रत्याख्यान, विरोध।
अल्बेले दिन प्यारे, मेरे बिछड़े साथी सारे
+
68. खग – पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा, सूर्य, बादल।
हाय! कहाँ गये, हाय! कहाँ गये
+
69. खर – गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की खरल।
 
+
70. खत – पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल।
कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन \- ()  
+
71. खल – दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट, धतूरा।
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन
+
72. खेचर – पक्षी, देवता, ग्रह।
कोई लौटा दे ...
+
73. गंदा – मैला, अश्लील, बुरा।
 
+
74. गड – ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई।
मैं अकेला तो ना था, थे मेरे साथी कई
+
75. गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के अनुचर, दूत, सेना।
एक आँधी सी उठी, जो भी था लेके गई
+
76. गति – चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।
आज मैं ढूँढूं कहाँ, खो गये जाने किधर \- २
+
77. गद्दी – छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी, शिष्य परम्परा, सिँहासन।
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन
+
78. गहन – गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।
कोई लौटा दे ...
+
79. ग्रहण – लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण।
 
+
80. गुण – कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, विशेषता, हुनर, महत्त्व, तीन गुण (सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष की डोरी)।
मेरे ख्वाबों के नगर, मेरे सपनों के शहर
+
81. गुरु – शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ, बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य, आचार्य, अपने से बड़े।
पी लिया जिनके लिये, मैंने जीवन का ज़हर
+
82. गौ – गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा, बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग, सूर्य।
ऐसे भी दिन थे कभी, मेरी दुनिया थी मेरी  \- २
+
83. घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश, कुंभ राशि।
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन
+
84. घर – मकान, कुल, कार्यालय, अंदर समाना।
कोई लौटा दे ...
+
85. घन – बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः सतही रेखागणितीय आकृति।
----
+
86. घोड़ा – एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का खटका, शतरंज का एक मोहरा।
{{सूचना बक्सा गीत गज़ल
+
87. चक्र – पहिया, भ्रम, कुम्हार का चाक, चकवा पक्षी, गोल घेरा।
|चित्र=
+
88. चपला – लक्ष्मी, बिजली, चंचल स्त्री।
|चित्र का नाम=
+
89. चश्मा – ऐनक, झरना, स्रोत।
|फ़िल्म=हम सब उस्ताद है
+
90. चीर – वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना।
|एलबम=
+
91. छन्द – पद, विशेष, जल, अभिप्राय, वेद।
|गायक=[[किशोर कुमार]]
+
92. छाप – छापे का चिह्न, अँगूठी, प्रभाव।
|गायिका=
+
93. छावा – बच्चा, बेटा, हाथी का पट्ठा।
|शायर=
+
94. जलज – कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख, शैवाल, काई, जलजीव।
|संगीतकार=लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
+
95. जलद – बादल, कपूर।
|गीतकार=असद भोपाली
+
96. जलधर – बादल, समुद्र, जलाशय।
|अभिनेता=किशोर कुमार, शेख़ मुख़्तार
+
97. जवान – सैनिक, योद्धा, वीर, युवा।
|अभिनेत्री=अमिता
+
98. जनक – पिता, मिथिला के राजा, उत्पन्न करने वाला।
|वर्ष=1965
+
99. जड़ – अचेतन, मूर्ख, वृक्ष का मूल, निर्जीव, मूल कारण।
|संगीत कंपनी=
+
100. जीवन – जल, प्राण, आजीविका, पुत्र, वायु, जिन्दगी।
|श्रेणी=
+
101. टंक – तोल, छेनी, कुल्हाड़ी, तलवार, म्यान, पहाड़ी, ढाल, क्रोध, दर्प, सिक्का, दरार।
|संबंधित लेख=
+
102. ठस – बहुत कड़ा, भारी, घनी बुनावट वाला, कंजूस, आलसी, हठी।
|शीर्षक 1=
+
103. ठोकना – मारना, पीटना, प्रहार द्वारा भीतर धँसाना, मुकदमा दायर करना।
|पाठ 1=
+
104. डहकना – वंचना, छलना, धोखा खाना, फूट-फूटकर रोना, चिँघाड़ना, फैलना, छाना।
|शीर्षक 2=
+
105. ढर्रा – रूप, पद्धति, उपाय, व्यवहार।
|पाठ 2=
+
106. तंग – सँकरा, पहनने मेँ छोटा, परेशान।
|अन्य जानकारी=सरगम पिक्चर्स
+
107. तंतु – सूत, धागा, रेशा, ग्राह, संतान, परमेश्वर।
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.dishant.com/album/hum-sab-ustaad-hai-%281965%29.html हम सब उस्ताद है]
+
108. तट – किनारा, प्रदेश, खेत।
}}
+
109. तप – साधना, गर्मी, अग्नि, धूप।
<poem>
+
110. तम – अन्धकार, पाप, अज्ञान, गुण, तमाल वृक्ष।
अजनबी तुम जाने पहचाने से.....
+
111. तरंग – स्वर लहरी, लहर, उमंग।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
112. तरी – नौका, कपड़े का छोर, शोरबा, तर होने की अवस्था।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
113. तरणि – सूर्य, उद्धार।
ये बडी अजीब सी बात है
+
114. तात – पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र, श्रद्धेय, गुरु।
ये नयी नयी मुलाक़ात है
+
115. तारा – नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी का नाम।
फिर भी जाने क्यों
+
116. तीर – किनारा, बाण, समीप, नदी तट।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
117. थाप – थप्पड़, आदर, सम्मान, मर्यादा, गौरव, चिह्न, तबले पर हथेली का आघात।
 
+
118. दंड – सजा, डंडा, जहाज का मस्तूल, एक प्रकार की कसरत।
तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से
+
119. दक्षिण – दाहिना, एक दिशा, उदार, सरल।
तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से
+
120. दर्शन – देखना, नेत्र, आकृति, दर्पण, दर्शन शास्त्र।
तुमने कभी वादा किया था किसी साथी से
+
121. दल – समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।
न वो प्यार रहा, न वो बात रही
+
122. दाम – धन, मूल्य, रस्सी।
फिर भी जाने क्यों
+
123. द्विज – पक्षी, ब्राह्मण, दाँत, चन्द्रमा, नख, केश, वैश्य, क्षत्रिय।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
124. धन – सम्पत्ति, स्त्री, भूमि, नायिका, जोड़ मिलाना।
अजनबी
+
125. धर्म – स्वभाव, प्राकृतिक गुण, कर्तव्य, संप्रदाय।
 
+
126. धनंजय – वृक्ष, अर्जुन, अग्नि, वायु।
दिल में रहें और हमारा दिल तोड दिया
+
127. ध्रुव – अटल सत्य, ध्रुव भक्त, ध्रुव तारा।
दिल में रहें और हमारा दिल तोड दिया
+
128. धारणा – विचार, बुद्धि, समझ, विश्वास, मन की स्थिरता।
साथ चले, मोड पे आके हमें छोड दिया
+
129. नग – पर्वत, नगीना, वृक्ष, संख्या।
तुम हो कहीं, और हम कहीं
+
130. नाग – सर्प, हाथी, नागकेशर, एक जाति विशेष।
फिर भी जाने क्यों
+
131. नायक – नेता, मार्गदर्शक, सेनापति, एक जाति, नाटक या महाकाव्य का मुख्य पात्र।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
132. निऋति – विपत्ति, मृत्यु, क्षय, नाश।
ये बड़ी अजीब सी बात है
+
133. निर्वाण – मोक्ष, मृत्यु, शून्य, संयम।
कि नयी नयी मुलाक़ात है
+
134. निशाचर – राक्षस, उल्लू, प्रेत।
फिर भी जाने क्यों
+
135. निशान – ध्वजा, चिह्न।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
136. पक्ष – पंख, पांख, सहाय, ओर, शरीर का अर्द्ध भाग।
अजनबी..</poem>
+
137. पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।
==बाहरी कड़ियाँ==
+
138. पत्र – चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।
* [http://www.youtube.com/watch?v=Ujs24HPx8Fc&feature=related  अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो]
+
139. पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
----
+
140. पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
{{सूचना बक्सा गीत गज़ल
+
141. पतंग – पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।
|चित्र=
+
142. पय – दूध, अन्न, जल।
|चित्र का नाम=
+
143. पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
|फ़िल्म=हम सब उस्ताद है
+
144. पानी – जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
|एलबम=
+
145. पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।
|गायक=[[लता मंगेशकर]]
+
146. पृष्ठ – पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।
|गायिका=
+
147. प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा, साफ।
|शायर=
+
148. प्रकृति – स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।
|संगीतकार=लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
+
149. प्रसाद – कृपा, अनुग्रह, हर्ष, नैवेद्य।
|गीतकार=असद भोपाली
+
150. प्राण – जीव, प्राणवायु, ईश्वर, ब्रह्म।
|अभिनेता=किशोर कुमार, शेख़ मुख़्तार
+
151. फल – लाभ, खाने का फल, सेवा, नतीजा, लब्धि, पदार्थ, सन्तान, भाले की नोक।
|अभिनेत्री=अमिता
+
152. फेर – घुमाव, भ्रम, बदलना, गीदड़।
|वर्ष=1965
+
153. बंधन – कैद, बाँध, पुल, बाँधने की चीज।
|संगीत कंपनी=
+
154. बट्टा – पत्थर का टुकड़ा, तौल का बाट, काट।
|श्रेणी=
+
155. बल – सेना, ताकत, बलराम, सहारा, चक्कर, मरोड़।
|संबंधित लेख=
+
156. बलि – बलिदान, उपहार, दानवीर राजा बलि, चढ़ावा, कर।
|शीर्षक 1=
+
157. बाजि – घोड़ा, बाण, पक्षी, चलने वाला।
|पाठ 1=
+
158. बाल – बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल (गेहूँ की बाल)।
|शीर्षक 2=
+
159. बिजली – विद्युत, तड़ति, कान का एक गहना।
|पाठ 2=
+
160. बैठक – बैठने का कमरा, बैठने की मुद्रा, अधिवेशन, एक कसरत।
|अन्य जानकारी=सरगम पिक्चर्स
+
161. भव – संसार, उत्पति, शंकर।
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.dishant.com/album/hum-sab-ustaad-hai-%281965%29.html हम सब उस्ताद है]
+
162. भाग – हिस्सा, दौड़, बाँटना, एक गणितीय संक्रिया।
}}
+
163. भुजंग – सर्प, लम्पट, नाग।
<poem>
+
164. भुवन – संसार, जल, लोग, चौदह की संख्या।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
165. भृति – नौकरी, मजदूरी, वेतन, मूल्य, वृत्ति।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
166. भेद – रहस्य, प्रकार, भिन्नता, फूट, तात्पर्य, छेदन।
ये बडी अजीब सी बात है
+
167. मत – सम्मति, धर्म, वोट, नहीँ, विचार, पंथ।
ये नयी नयी मुलाक़ात है
+
168. मदार – मस्त हाथी, सुअर, कामुक।
फिर भी जाने क्यों
+
169. मधु – शहद, मदिरा, चैत्र मास, एक दैत्य, बसंत ऋतु, पराग, मीठा।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
170. मान – सम्मान, घमंड, रूठना, माप।
 
+
171. मित्र – सूर्य, दोस्त, वरुण, अनुकूल, सहयोगी।
 
+
172. मूक – गूँगा, चुप, विवश।
लगता है यूँ ख़्वाब है जैसे कोई देखा हुआ
+
173. मूल – जड़, कंद, पूँजी, एक नक्षत्र।
लगता है यूँ ख़्वाब है जैसे कोई देखा हुआ
+
174. मोह – प्यार, ममता, आसक्ति, मूर्च्छा, अज्ञान।
कहता है दिल आज मिला है कोई खोया हुआ
+
175. यंत्र – उपकरण, बंदूक, बाजा, ताला।
ना ख़्याल तुम्हें ना ख़्याल हमें फिर भी जाने क्यूँ
+
176. युक्त – जुड़ा हुआ, मिश्रित, नियुक्त, उचित।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
177. योग – मेल, लगाव, मन की साधना, ध्यान, शुभकाल, कुल जोड़।
अजनबी
+
178. रंग – वर्ण, नाच-गान, शोभा, मनोविनोद, ढंग, रोब, युद्धक्षेत्र, प्रेम, चाल, दशा, रँगने की सामग्री, नृत्य या अभिनय का स्थान।
 
+
179. रस – स्वाद, सार, अच्छा देखने से प्राप्त आनन्द, प्रेम, सुख, पानी, शरबत।
किसको ख़बर पहले मिले थे हम दोनों कहाँ
+
180. राग – प्रेम रंग, लाल रंग, संगीत की ध्वनि (राग)।
किसको ख़बर पहले मिले थे हम दोनों कहाँ
+
181. राशि – समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ।
कब से मगर ढूँढ़ रहा था तुम्हें मेरा जहाँ
+
182. रेणुका – धूल, पृथ्वी, परशुराम की माता।
ना तो याद तुम्हें ना तो याद हमें फिर भी जाने क्यूँ
+
183. लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य, लक्षणार्थ।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
184. लय – तान, लीन होना।
अजनबी
+
185. लहर – तरंग, उमंग, झोँका, झूमना।
 
+
186. लाल – बेटा, एक रंग, बहुमूल्य पत्थर, एक गोत्र।
कितने जनम बीत गये हैं तुम्हें पाने में
+
187. लावा – एक पक्षी, खील, लावा।
कितने जनम बीत गये हैं तुम्हें पाने में
+
188. वन – जंगल, जल, फूलोँ का गुच्छा।
हमने तुम्हें प्यार किया है अनजाने में
+
189. वर – अच्छा, वरदान, श्रेष्ठ, उत्तम, पति (दुल्हा)।
ना कभी मिले ना क़रीब हुए फिर भी जाने क्यूँ
+
190. वर्ण – अक्षर, रंग, रूप, भेद, चातुर्वर्ण्य (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र), जाति।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
191. वार – दिन, आक्रमण, प्रहार।
ये बडी अजीब सी बात है
+
192. वृत्ति – कार्य, स्वभाव, नीयत, व्यापार, जीविका, छात्रवृत्ति।
ये नयी नयी मुलाक़ात है
+
193. विचार – ध्यान, राय, सलाह, मान्यता।
फिर भी जाने क्यों
+
194. विधि – तरीका, विधाता, कानून, व्यवस्था, युक्ति, राख, महिमामय, पुरुष।
अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो
+
195. विवेचन – तर्क-वितर्क, परीक्षण, सत्-असत् विचार, निरुपण।
अजनबी..... अजनबी.. ...अजनबी...</poem>
+
196. व्योम – आकाश, बादल, जल।
==बाहरी कड़ियाँ==
+
197. शक्ति – ताकत, अर्थवत्ता, अधिकार, प्रकृति, माया, दुर्गा।
*[http://www.youtube.com/watch?v=R5f9BUUtQXU&feature=related अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो]
+
198. शिव – भाग्यशाली, महादेव, शृगाल, देव, मंगल।
* [http://www.youtube.com/watch?v=pgu9MsOUA3o&feature=related अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो]
+
199. श्री – लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पत्ति, शोभा, कान्ति, कोयल, आदर सूचक शब्द।
*[http://www.imdb.com/title/tt0357769/ हम सब उस्ताद हैं]
+
200. संधि – जोड़, पारस्परिक, युगोँ का मिलन, निश्चित, सेँध, नाटक के कथांश, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल।
-------
+
201. संस्कार – परिशोधन, सफाई, धार्मिक कृत्य, आचार-व्यवहार, मन पर पड़ने वाले प्रभाव।
<poem>
+
202. सम्बन्ध – रिश्ता, जोड़, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल-जोल, छठा कारक।
हा......हूँ....
+
203. सर – अमृत, दूध, पानी, तालाब, गंगा, मधु, पृथ्वी।
+
204. सरल – सीधा, ईमानदार, खरा, आसान।
तुम बिन जाऊं कहां ...
+
205. साधन – उपाय, उपकरण, सामान, पालन, कारण।
तुम बिन जाऊं कहां,  
+
206. सारंग – एक राग, मोर की बोली, चातक, मोर, सर्प, बादल, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष, भौंरा, मधुमक्खी, कमल, स्त्री, दीपक, वस्त्र, हवा, आँचल, घड़ा, कामदेव, पानी, राजसिँह, कपूर, वर्ण, भूषण, पुष्प, छत्र, शोभा, रात्रि, शंख, चन्दन।
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
+
207. सार – तत्त्व, निष्कर्ष, रस, रसा, लाभ, धैर्य।
चाहा कभी तुमको चाह के
+
208. सिरा – चोटी, अंत, समाप्ति।
तुम बिन जाऊं कहां
+
209. सुधा – अमृत, जल, दुग्ध।
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
+
210. सुरभि – सुगंध, गौ, बसंत ऋतु।
चाहा कभी तुमको चाह के
+
211. सूत – धागा, सारथी, गढ़ई।
तुम बिन
+
212. सूत्र – सूत, जनेऊ, गूढ़ अर्थ भरा संक्षिप्त वाक्य, संकेत, पता, नियम।
हा...............
+
213. सूर – सूर्य, वीर, अंधा, सूरदास।
 
+
214. सैँधव – घोड़ा, नमक, सिन्धुवासी।
रह भी सकोगे तुम कैसे, हो के मुझसे जुदा
+
215. हंस – जीव, सूर्य, श्वेत, योगी, मुक्त पुरुष, ईश्वर, सरोवर का पक्षी (मराल पक्षी)
हट जायेगीं दीवारें सुन के मेरी सदा
+
216. हँसाई – हँसी, निन्दा, बदनामी, उपहास।
आना होगा तुम्हे मेरे लिये
+
217. हय – घोड़ा, इन्द्र।
साथी मेरी सूनी राह के
+
218. हरि – हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस, इन्द्र, वानर, कृष्ण, कामदेव, हवा, चन्द्रमा।
तुम बिन जाऊं कहां
+
219. हल – समाधान, खेत जोतने का यंत्र, व्यंजन वर्ण।
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
+
220. हस्ती – हाथी, अस्तित्व, हैसियत।
चाहा कभी तुमको चाह के
+
221. हित – भलाई, लोभ।
तुम बिन
+
222. हीन – दीन, रहित, निकृष्ट, थोड़ा।
==बाहरी कड़ियाँ==
+
223. क्षेत्र – तीर्थ, खेत, शरीर, सदाव्रत देने का स्थान।
* [http://www.youtube.com/watch?v=jjprLev6Gw4&feature=related तुम बिन जाऊं कहां]
+
224. त्रुटि – भूल, कमी, कसर, छोटी इलाइची का पौधा, संशय, काल का एक सूक्ष्म विभाग, अंगहीनता, प्रतिज्ञा-भंग, स्कंद की एक माता।
कितनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
+
225. अक्षर= नष्ट न होने वाला, वर्ण, ईश्वर, शिव।
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
+
226. अर्थ= धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, हेतु।
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन
+
227. आराम= बाग, विश्राम, रोग का दूर होना।
दिये जल गये मेरी आह से
+
228. कर= हाथ, किरण, टैक्स, हाथी की सूँड़।
तुम बिन जाऊं कहां..
+
229. काल= समय, मृत्यु, यमराज।
तुम बिन जाऊं कहां
+
230. काम= कार्य, पेशा, धंधा, वासना, कामदेव।
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
+
231. गुण= कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी।
चाहा कभी तुमको चाह के
+
232. घन= बादल, भारी, हथौड़ा, घना।
तुम बिन 
+
233. जलज= कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख।
</poem>
+
234. तात= पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र।
फ़िल्म : प्यार का मौसम
+
235. दल= समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।
गायक : किशोर कुमार
+
236. नग= पर्वत, वृक्ष, नगीना।
-----------------------
+
237. पयोधर= बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना।
 
+
238. फल= लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक।
<poem>
+
239. बाल= बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल।
फूलों के रंग से, दिल की कलम से, तुझको लिखी रोज़ पाती
+
240. मधु= शहद, मदिरा, चैत मास, एक दैत्य, वसंत।
कैसे बताऊँ किस किस तरह से, पल पल मुझे तू सताती
+
241. राग= प्रेम, लाल रंग, संगीत की ध्वनि।
 
+
242. राशि= समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ।
तेरे ही सपने लेकर के सोया, तेरी  ही यादों में जागा
+
243. लक्ष्य= निशान, उद्देश्य।
तेरे ख़्यालों में उलझा रहा यूं जैसे कि माला में धागा
+
244. वर्ण= अक्षर, रंग, ब्राह्मण आदि जातियाँ।
 
+
245. सारंग= मोर, सर्प, मेघ, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मधुमक्खी, कमल।
हाँ बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार
+
246. सर= अमृत, दूध, पानी, गंगा, मधु, पृथ्वी, तालाब।
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
+
247. क्षेत्र= देह, खेत, तीर्थ, सदाव्रत बाँटने का स्थान।
हाँ इतना मदीर, इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
+
248. शिव= भाग्यशाली, महादेव, श्रृगाल, देव, मंगल।
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
+
249. हरि= हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस।
 
 
साँसों की सरगम धडकन की वीणा, सपनों की गीताँजली तू
 
मन की गली में महके जो हरदम ऐसी जुही की कली तू
 
छोटा सफ़र हो, लंबा सफ़र हो, सूनी डगर हो या मेला
 
याद तू आये, मन हो जाये, भीड़ के बीच अकेला
 
हाँ बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार.. ..
 
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
 
हाँ इतना मदीर, इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
 
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
 
 
 
 
 
पूरब हो पच्छिम उत्तर हो दक्खिन तू हर जगह मुस्कुराये
 
जितना ही जाऊँ मैं दूर तुझसे, उतनी ही तू पास आये
 
आंधी ने रोका, पानी ने टोका, दुनियाँ ने हँसकर पुकारा
 
तस्वीर तेरी लेकिन लिये मैं, कर आया सब से किनारा
 
हाँ बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार.. ..
 
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
 
हाँ इतना मदीर, इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
 
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
 
कई कई बार</poem>
 
* [http://www.youtube.com/watch?v=Cs73gLhy9Yg  फूलों के रंग से]
 
*[http://www.musicindiaonline.com/#/album/7-Hindi_Movie_Songs/1290-Prem_Pujari__1970_/]
 
शब्द: नीरज
 
संगीत : सचिन देव बर्मन
 
फ़िल्म : प्रेम पुजारी
 
----------
 
गाना /  पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
चित्रपट / ब्लैक मेल
 
 
 
संगीतकार /  कल्याणजी - आनंदजी
 
 
 
गीतकार /  राजेन्द्र कृष्ण
 
 
 
गायक / किशोर कुमार
 
अभिनेता / धर्मेन्द्र 
 
अभिनेत्री / राखी गुलज़ार
 
 
 
<poem>
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
 
 
हर शाम आँखों पर, तेरा आँचल लहराए
 
हर रात यादों की, बारात ले आए
 
मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है
 
एक महका महका सा, पैगाम लाती है
 
मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गाती है
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
 
 
कल तुझको देखा था, मैने अपने आंगन में
 
जैसे कह रहीं थी तुम, मुझे बाँध लो बन्धन में
 
ये कैसा रिश्ता है, ये कैसे सपने हैं
 
बेगाने हो कर भी, क्यूँ लगते अपने हैं
 
मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
 
 
तुम सोचोगी क्यूँ इतना, मैं तुमसे प्यार करूं
 
तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इक़रार करूं
 
दीवानों की ये बातें, दीवाने जानते हैं
 
जलने में क्या मज़ा है, परवाने जानते हैं
 
तुम यूँ ही जलाते रहना, आ आ कर ख़्वाबों में
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
 
जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो
 
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो</poem>
 
* [http://www.youtube.com/watch?v=BDkDE7S_r18 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो]
 
 
 
---------
 
गाना / Title: तुम आ गये हो, नूर आ गया है - tum aa gaye ho, nuur aa
 
 
 
gayaa hai
 
 
 
चित्रपट / Film: Aandhi
 
 
 
संगीतकार / Music Director:  राहुलदेव बर्मन-(R D Burman)  
 
 
 
गीतकार / Lyricist:  गुलजार-(Gulzar)
 
 
 
गायक / Singer(s):  किशोर कुमार-(Kishore Kumar)  ,   लता मंगेशकर-
 
 
 
(Lata Mangeshkar) 
 
 
 
 
 
<poem>
 
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
 
        तुम आ गए हो नूर आ गया है 
 
        नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
 
लता: जीने की तुमसे वजह मिल गई है
 
        बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
 
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
 
 
 
किशोर: कहाँ से चले कहाँ के लिये
 
        ये ख़बर नहीं थी मगर
 
        कोई भी सिरा जहाँ जा मिला
 
        वहीं तुम मिलोगे
 
        हो..कहाँ से चले कहाँ के लिये
 
        ये ख़बर नहीं थी मगर
 
        कोई भी सिरा जहाँ जा मिला
 
        वहीं तुम मिलोगे
 
        के हम तक तुम्हारी दुआ आ रही थी
 
        तुम आ गये हो नूर आ गया है
 
लता: नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
 
        तुम आ गए हो नूर आ गया है
 
 
 
लता: दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं
 
        जाने कैसा है सफ़र
 
        ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये
 
        वहीं आ रहे थे
 
        हो..दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं
 
        जाने कैसा है सफ़र
 
        ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये
 
        वहीं आ रहे थे
 
        जहाँ से तुम्हारी सदा आ रही थी
 
        तुम आ गये हो नूर आ गया है
 
        नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
 
किशोर:  जीने की तुमसे वजह मिल गई है
 
        बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
 
        तुम आ गए हो
 
लता:    नूर आ गया है</poem>
 
*[http://www.youtube.com/watch?v=aty8OZM2HPI तुम आ गए हो नूर आ गया है]
 
 
 
 
 
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Lyricsindia.net by Amit Chakradeo
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
  
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3. ♦ प्रमुख अनेकार्थक शब्द :
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4. अंक – संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान, पत्रिका का नंबर।
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5. अंग – शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा।
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6. अंचल – सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू।
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7. अंत – सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य।
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8. अंबर – आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगन्धित द्रव जो जलाया जाता है।
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9. अक्षर – नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव।
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10. अर्क – सूर्य, आक का पौधा, औषधियोँ का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब।
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11. अकाल – दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।
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12. अज – ब्रह्मा, बकरा, शिव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)।
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13. अर्थ – धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)।
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14. अक्ष – धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील।
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15. अजीत – अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियोँ के दूसरे तीर्थँकर।
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16. अतिथि – मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि।
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17. अधर – निराधार, शून्य, निचला ओष्ठ, स्वर्ग, पाताल, मध्य, नीचा, पृथ्वी व आकाश के बीच का भाग।
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18. अध्यक्ष – विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज।
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19. अपवाद – निँदा, कलंक, नियम के बाहर।
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20. अपेक्षा – तुलना मेँ, आशा, आवश्यकता, इच्छा।
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21. अमृत – जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित।
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22. अरुण – लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिँदूर, सोना।
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23. अरुणा – ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी।
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24. अनन्त – सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन।
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25. अग्र – आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले।
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26. अब्ज – शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल मेँ उत्पन्न।
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27. अमल – मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी।
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28. अवस्था – उम्र, दशा, स्थिति।
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29. आकर – खान, कोष, स्रोत।
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30. अशोक – शोकरहित, एक वृक्ष, सम्राट अशोक।
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31. आराम – बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना।
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32. आदर्श – योग्य, नमूना, उदाहरण।
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33. आम – सामान्य, एक फल, मामूली, सर्वसाधारण।
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34. आत्मा – बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु।
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35. आली – सखी, पंक्ति, रेखा।
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36. आतुर – विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।
  
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11:49, 25 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

अनेकार्थक शब्द

‘अनेकार्थक’ शब्द का अभिप्राय है, किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ होना। बहुत से शब्द ऐसे हैँ, जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैँ। ऐसे शब्दोँ का अर्थ भिन्न–भिन्न प्रयोग के आधार पर या प्रसंगानुसार ही स्पष्ट होता है। भाषा सौष्ठव की दृष्टि से इनका बड़ा महत्त्व है।

उदाहरण

अनेकार्थक शब्द
क्र.सं. शब्द अनेकार्थ
1. अंक संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान, पत्रिका का नंबर
2. अंग शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा
3. अंचल सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू
4. अंत सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य
5. अंबर आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगन्धित द्रव जो जलाया जाता है
6. अक्षर नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव
7. अर्क सूर्य, आक का पौधा, औषधियों का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब
8. अकाल दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।
9. अज ब्रह्मा, बकरा, शिव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)
10. अर्थ धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)
11. अक्ष धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील
12. अजीत अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियोँ के दूसरे तीर्थंकर
13. अतिथि मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि
14. अधर सूर्य, आक का पौधा, औषधियों का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब
15. अध्यक्ष विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज
16. अपवाद निंदा, कलंक, नियम के बाहर
17. अपेक्षा तुलना में, आशा, आवश्यकता, इच्छा
18. अमृत जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित
19. अरुण लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिंदूर, सोना
20. अरुणा ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी
21. अनन्त सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन
22. अग्र आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले
23. अब्ज शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल में उत्पन्न
24. अमल मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी
25. अवस्था उम्र, दशा, स्थिति।
26. अशोक शोकरहित, एक वृक्ष, सम्राट अशोक
अनेकार्थक शब्द
क्र.सं. शब्द अनेकार्थ
1. आकर खान, कोष, स्रोत
2. आराम बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना
3. आदर्श योग्य, नमूना, उदाहरण
4. आम सामान्य, एक फल, मामूली, सर्वसाधारण
5. आत्मा बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु
6. आली सखी, पंक्ति, रेखा
7. आतुर विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।





37. इन्दु – चन्द्रमा, कपूर। 38. ईश्वर – प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक। 39. उग्र – क्रूर, भयानक, कष्टदायक, तीव्र। 40. उत्तर – जवाब, एक दिशा, बदला, पश्चाताप। 41. उत्सर्ग – त्याग, दान, समाप्ति। 42. उत्पात – शरारत, दंगा, हो-हल्ला। 43. उपचार – उपाय, सेवा, इलाज, निदान। 44. ऋण – कर्ज, दायित्व, उपकार, घटाना, एकता, घटाने का बूटी वाला पत्ता। 45. कंटक – काँटा, विघ्न, कीलक। 46. कंचन – सोना, काँच, निर्मल, धन-दौलत। 47. कनक – स्वर्ण, धतूरा, गेहूँ, वृक्ष, पलाश (टेसू)। 48. कन्या – कुमारी लड़की, पुत्री, एक राशि। 49. कला – अंश, एक विषय, कुशलता, शोभा, तेज, युक्ति, गुण, ब्याज, चातुर्य, चाँद का सोलहवाँ अंश। 50. कर – किरण, हाथ, सूँड, कार्यादेश, टैक्स। 51. कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन। 52. कक्ष – काँख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा। 53. कर्त्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया। 54. कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल। 55. कलि – कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ चौथा युग। 56. कशिपु – चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख। 57. काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग। 58. काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति। 59. किनारा – तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया। 60. कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा। 61. कुशल – चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित। 62. कुंजर – हाथी, बाल। 63. कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा। 64. कोटि – करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा। 65. कोष – खजाना, फूल का भीतरी भाग। 66. क्षुद्र – नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा। 67. खंड – टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना, प्रत्याख्यान, विरोध। 68. खग – पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा, सूर्य, बादल। 69. खर – गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की खरल। 70. खत – पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल। 71. खल – दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट, धतूरा। 72. खेचर – पक्षी, देवता, ग्रह। 73. गंदा – मैला, अश्लील, बुरा। 74. गड – ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई। 75. गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के अनुचर, दूत, सेना। 76. गति – चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार। 77. गद्दी – छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी, शिष्य परम्परा, सिँहासन। 78. गहन – गहरा, घना, दुर्गम, जटिल। 79. ग्रहण – लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण। 80. गुण – कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, विशेषता, हुनर, महत्त्व, तीन गुण (सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष की डोरी)। 81. गुरु – शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ, बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य, आचार्य, अपने से बड़े। 82. गौ – गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा, बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग, सूर्य। 83. घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश, कुंभ राशि। 84. घर – मकान, कुल, कार्यालय, अंदर समाना। 85. घन – बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः सतही रेखागणितीय आकृति। 86. घोड़ा – एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का खटका, शतरंज का एक मोहरा। 87. चक्र – पहिया, भ्रम, कुम्हार का चाक, चकवा पक्षी, गोल घेरा। 88. चपला – लक्ष्मी, बिजली, चंचल स्त्री। 89. चश्मा – ऐनक, झरना, स्रोत। 90. चीर – वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना। 91. छन्द – पद, विशेष, जल, अभिप्राय, वेद। 92. छाप – छापे का चिह्न, अँगूठी, प्रभाव। 93. छावा – बच्चा, बेटा, हाथी का पट्ठा। 94. जलज – कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख, शैवाल, काई, जलजीव। 95. जलद – बादल, कपूर। 96. जलधर – बादल, समुद्र, जलाशय। 97. जवान – सैनिक, योद्धा, वीर, युवा। 98. जनक – पिता, मिथिला के राजा, उत्पन्न करने वाला। 99. जड़ – अचेतन, मूर्ख, वृक्ष का मूल, निर्जीव, मूल कारण। 100. जीवन – जल, प्राण, आजीविका, पुत्र, वायु, जिन्दगी। 101. टंक – तोल, छेनी, कुल्हाड़ी, तलवार, म्यान, पहाड़ी, ढाल, क्रोध, दर्प, सिक्का, दरार। 102. ठस – बहुत कड़ा, भारी, घनी बुनावट वाला, कंजूस, आलसी, हठी। 103. ठोकना – मारना, पीटना, प्रहार द्वारा भीतर धँसाना, मुकदमा दायर करना। 104. डहकना – वंचना, छलना, धोखा खाना, फूट-फूटकर रोना, चिँघाड़ना, फैलना, छाना। 105. ढर्रा – रूप, पद्धति, उपाय, व्यवहार। 106. तंग – सँकरा, पहनने मेँ छोटा, परेशान। 107. तंतु – सूत, धागा, रेशा, ग्राह, संतान, परमेश्वर। 108. तट – किनारा, प्रदेश, खेत। 109. तप – साधना, गर्मी, अग्नि, धूप। 110. तम – अन्धकार, पाप, अज्ञान, गुण, तमाल वृक्ष। 111. तरंग – स्वर लहरी, लहर, उमंग। 112. तरी – नौका, कपड़े का छोर, शोरबा, तर होने की अवस्था। 113. तरणि – सूर्य, उद्धार। 114. तात – पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र, श्रद्धेय, गुरु। 115. तारा – नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी का नाम। 116. तीर – किनारा, बाण, समीप, नदी तट। 117. थाप – थप्पड़, आदर, सम्मान, मर्यादा, गौरव, चिह्न, तबले पर हथेली का आघात। 118. दंड – सजा, डंडा, जहाज का मस्तूल, एक प्रकार की कसरत। 119. दक्षिण – दाहिना, एक दिशा, उदार, सरल। 120. दर्शन – देखना, नेत्र, आकृति, दर्पण, दर्शन शास्त्र। 121. दल – समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी। 122. दाम – धन, मूल्य, रस्सी। 123. द्विज – पक्षी, ब्राह्मण, दाँत, चन्द्रमा, नख, केश, वैश्य, क्षत्रिय। 124. धन – सम्पत्ति, स्त्री, भूमि, नायिका, जोड़ मिलाना। 125. धर्म – स्वभाव, प्राकृतिक गुण, कर्तव्य, संप्रदाय। 126. धनंजय – वृक्ष, अर्जुन, अग्नि, वायु। 127. ध्रुव – अटल सत्य, ध्रुव भक्त, ध्रुव तारा। 128. धारणा – विचार, बुद्धि, समझ, विश्वास, मन की स्थिरता। 129. नग – पर्वत, नगीना, वृक्ष, संख्या। 130. नाग – सर्प, हाथी, नागकेशर, एक जाति विशेष। 131. नायक – नेता, मार्गदर्शक, सेनापति, एक जाति, नाटक या महाकाव्य का मुख्य पात्र। 132. निऋति – विपत्ति, मृत्यु, क्षय, नाश। 133. निर्वाण – मोक्ष, मृत्यु, शून्य, संयम। 134. निशाचर – राक्षस, उल्लू, प्रेत। 135. निशान – ध्वजा, चिह्न। 136. पक्ष – पंख, पांख, सहाय, ओर, शरीर का अर्द्ध भाग। 137. पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार। 138. पत्र – चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ। 139. पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या। 140. पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम। 141. पतंग – पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग। 142. पय – दूध, अन्न, जल। 143. पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब। 144. पानी – जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान। 145. पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद। 146. पृष्ठ – पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज। 147. प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा, साफ। 148. प्रकृति – स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र। 149. प्रसाद – कृपा, अनुग्रह, हर्ष, नैवेद्य। 150. प्राण – जीव, प्राणवायु, ईश्वर, ब्रह्म। 151. फल – लाभ, खाने का फल, सेवा, नतीजा, लब्धि, पदार्थ, सन्तान, भाले की नोक। 152. फेर – घुमाव, भ्रम, बदलना, गीदड़। 153. बंधन – कैद, बाँध, पुल, बाँधने की चीज। 154. बट्टा – पत्थर का टुकड़ा, तौल का बाट, काट। 155. बल – सेना, ताकत, बलराम, सहारा, चक्कर, मरोड़। 156. बलि – बलिदान, उपहार, दानवीर राजा बलि, चढ़ावा, कर। 157. बाजि – घोड़ा, बाण, पक्षी, चलने वाला। 158. बाल – बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल (गेहूँ की बाल)। 159. बिजली – विद्युत, तड़ति, कान का एक गहना। 160. बैठक – बैठने का कमरा, बैठने की मुद्रा, अधिवेशन, एक कसरत। 161. भव – संसार, उत्पति, शंकर। 162. भाग – हिस्सा, दौड़, बाँटना, एक गणितीय संक्रिया। 163. भुजंग – सर्प, लम्पट, नाग। 164. भुवन – संसार, जल, लोग, चौदह की संख्या। 165. भृति – नौकरी, मजदूरी, वेतन, मूल्य, वृत्ति। 166. भेद – रहस्य, प्रकार, भिन्नता, फूट, तात्पर्य, छेदन। 167. मत – सम्मति, धर्म, वोट, नहीँ, विचार, पंथ। 168. मदार – मस्त हाथी, सुअर, कामुक। 169. मधु – शहद, मदिरा, चैत्र मास, एक दैत्य, बसंत ऋतु, पराग, मीठा। 170. मान – सम्मान, घमंड, रूठना, माप। 171. मित्र – सूर्य, दोस्त, वरुण, अनुकूल, सहयोगी। 172. मूक – गूँगा, चुप, विवश। 173. मूल – जड़, कंद, पूँजी, एक नक्षत्र। 174. मोह – प्यार, ममता, आसक्ति, मूर्च्छा, अज्ञान। 175. यंत्र – उपकरण, बंदूक, बाजा, ताला। 176. युक्त – जुड़ा हुआ, मिश्रित, नियुक्त, उचित। 177. योग – मेल, लगाव, मन की साधना, ध्यान, शुभकाल, कुल जोड़। 178. रंग – वर्ण, नाच-गान, शोभा, मनोविनोद, ढंग, रोब, युद्धक्षेत्र, प्रेम, चाल, दशा, रँगने की सामग्री, नृत्य या अभिनय का स्थान। 179. रस – स्वाद, सार, अच्छा देखने से प्राप्त आनन्द, प्रेम, सुख, पानी, शरबत। 180. राग – प्रेम रंग, लाल रंग, संगीत की ध्वनि (राग)। 181. राशि – समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ। 182. रेणुका – धूल, पृथ्वी, परशुराम की माता। 183. लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य, लक्षणार्थ। 184. लय – तान, लीन होना। 185. लहर – तरंग, उमंग, झोँका, झूमना। 186. लाल – बेटा, एक रंग, बहुमूल्य पत्थर, एक गोत्र। 187. लावा – एक पक्षी, खील, लावा। 188. वन – जंगल, जल, फूलोँ का गुच्छा। 189. वर – अच्छा, वरदान, श्रेष्ठ, उत्तम, पति (दुल्हा)। 190. वर्ण – अक्षर, रंग, रूप, भेद, चातुर्वर्ण्य (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र), जाति। 191. वार – दिन, आक्रमण, प्रहार। 192. वृत्ति – कार्य, स्वभाव, नीयत, व्यापार, जीविका, छात्रवृत्ति। 193. विचार – ध्यान, राय, सलाह, मान्यता। 194. विधि – तरीका, विधाता, कानून, व्यवस्था, युक्ति, राख, महिमामय, पुरुष। 195. विवेचन – तर्क-वितर्क, परीक्षण, सत्-असत् विचार, निरुपण। 196. व्योम – आकाश, बादल, जल। 197. शक्ति – ताकत, अर्थवत्ता, अधिकार, प्रकृति, माया, दुर्गा। 198. शिव – भाग्यशाली, महादेव, शृगाल, देव, मंगल। 199. श्री – लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पत्ति, शोभा, कान्ति, कोयल, आदर सूचक शब्द। 200. संधि – जोड़, पारस्परिक, युगोँ का मिलन, निश्चित, सेँध, नाटक के कथांश, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल। 201. संस्कार – परिशोधन, सफाई, धार्मिक कृत्य, आचार-व्यवहार, मन पर पड़ने वाले प्रभाव। 202. सम्बन्ध – रिश्ता, जोड़, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल-जोल, छठा कारक। 203. सर – अमृत, दूध, पानी, तालाब, गंगा, मधु, पृथ्वी। 204. सरल – सीधा, ईमानदार, खरा, आसान। 205. साधन – उपाय, उपकरण, सामान, पालन, कारण। 206. सारंग – एक राग, मोर की बोली, चातक, मोर, सर्प, बादल, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष, भौंरा, मधुमक्खी, कमल, स्त्री, दीपक, वस्त्र, हवा, आँचल, घड़ा, कामदेव, पानी, राजसिँह, कपूर, वर्ण, भूषण, पुष्प, छत्र, शोभा, रात्रि, शंख, चन्दन। 207. सार – तत्त्व, निष्कर्ष, रस, रसा, लाभ, धैर्य। 208. सिरा – चोटी, अंत, समाप्ति। 209. सुधा – अमृत, जल, दुग्ध। 210. सुरभि – सुगंध, गौ, बसंत ऋतु। 211. सूत – धागा, सारथी, गढ़ई। 212. सूत्र – सूत, जनेऊ, गूढ़ अर्थ भरा संक्षिप्त वाक्य, संकेत, पता, नियम। 213. सूर – सूर्य, वीर, अंधा, सूरदास। 214. सैँधव – घोड़ा, नमक, सिन्धुवासी। 215. हंस – जीव, सूर्य, श्वेत, योगी, मुक्त पुरुष, ईश्वर, सरोवर का पक्षी (मराल पक्षी)। 216. हँसाई – हँसी, निन्दा, बदनामी, उपहास। 217. हय – घोड़ा, इन्द्र। 218. हरि – हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस, इन्द्र, वानर, कृष्ण, कामदेव, हवा, चन्द्रमा। 219. हल – समाधान, खेत जोतने का यंत्र, व्यंजन वर्ण। 220. हस्ती – हाथी, अस्तित्व, हैसियत। 221. हित – भलाई, लोभ। 222. हीन – दीन, रहित, निकृष्ट, थोड़ा। 223. क्षेत्र – तीर्थ, खेत, शरीर, सदाव्रत देने का स्थान। 224. त्रुटि – भूल, कमी, कसर, छोटी इलाइची का पौधा, संशय, काल का एक सूक्ष्म विभाग, अंगहीनता, प्रतिज्ञा-भंग, स्कंद की एक माता। 225. अक्षर= नष्ट न होने वाला, वर्ण, ईश्वर, शिव। 226. अर्थ= धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, हेतु। 227. आराम= बाग, विश्राम, रोग का दूर होना। 228. कर= हाथ, किरण, टैक्स, हाथी की सूँड़। 229. काल= समय, मृत्यु, यमराज। 230. काम= कार्य, पेशा, धंधा, वासना, कामदेव। 231. गुण= कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी। 232. घन= बादल, भारी, हथौड़ा, घना। 233. जलज= कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख। 234. तात= पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र। 235. दल= समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी। 236. नग= पर्वत, वृक्ष, नगीना। 237. पयोधर= बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना। 238. फल= लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक। 239. बाल= बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल। 240. मधु= शहद, मदिरा, चैत मास, एक दैत्य, वसंत। 241. राग= प्रेम, लाल रंग, संगीत की ध्वनि। 242. राशि= समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ। 243. लक्ष्य= निशान, उद्देश्य। 244. वर्ण= अक्षर, रंग, ब्राह्मण आदि जातियाँ। 245. सारंग= मोर, सर्प, मेघ, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मधुमक्खी, कमल। 246. सर= अमृत, दूध, पानी, गंगा, मधु, पृथ्वी, तालाब। 247. क्षेत्र= देह, खेत, तीर्थ, सदाव्रत बाँटने का स्थान। 248. शिव= भाग्यशाली, महादेव, श्रृगाल, देव, मंगल। 249. हरि= हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस।

3. ♦ प्रमुख अनेकार्थक शब्द : 4. अंक – संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान, पत्रिका का नंबर। 5. अंग – शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा। 6. अंचल – सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू। 7. अंत – सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य। 8. अंबर – आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगन्धित द्रव जो जलाया जाता है। 9. अक्षर – नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव। 10. अर्क – सूर्य, आक का पौधा, औषधियोँ का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब। 11. अकाल – दुर्भिक्ष, अभाव, असमय। 12. अज – ब्रह्मा, बकरा, शिव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)। 13. अर्थ – धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)। 14. अक्ष – धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील। 15. अजीत – अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियोँ के दूसरे तीर्थँकर। 16. अतिथि – मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि। 17. अधर – निराधार, शून्य, निचला ओष्ठ, स्वर्ग, पाताल, मध्य, नीचा, पृथ्वी व आकाश के बीच का भाग। 18. अध्यक्ष – विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज। 19. अपवाद – निँदा, कलंक, नियम के बाहर। 20. अपेक्षा – तुलना मेँ, आशा, आवश्यकता, इच्छा। 21. अमृत – जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित। 22. अरुण – लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिँदूर, सोना। 23. अरुणा – ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी। 24. अनन्त – सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन। 25. अग्र – आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले। 26. अब्ज – शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल मेँ उत्पन्न। 27. अमल – मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी। 28. अवस्था – उम्र, दशा, स्थिति। 29. आकर – खान, कोष, स्रोत। 30. अशोक – शोकरहित, एक वृक्ष, सम्राट अशोक। 31. आराम – बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना। 32. आदर्श – योग्य, नमूना, उदाहरण। 33. आम – सामान्य, एक फल, मामूली, सर्वसाधारण। 34. आत्मा – बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु। 35. आली – सखी, पंक्ति, रेखा। 36. आतुर – विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।


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