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*वासुदेव के बाद पूर्णतल्ल, जयराज, विग्रहराज प्रथम, चन्द्रराज, गोपराज जैसे अनेक सामंतों ने शासन किया। | *वासुदेव के बाद पूर्णतल्ल, जयराज, विग्रहराज प्रथम, चन्द्रराज, गोपराज जैसे अनेक सामंतों ने शासन किया। | ||
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13:08, 12 अप्रैल 2014 का अवतरण
चौहान वंश राजपूतों के प्रसिद्ध वशों में से एक है। 'चव्हाण' या 'चौहान' उत्तर भारत की आर्य जाति का एक वंश है। चौहान गोत्र राजपूतों में आता है। कई विद्वानों का कहना है कि चौहान सांभर झील, पुष्कर, आमेर और वर्तमान जयपुर (राजस्थान) में होते थे, जो अब सारे उत्तर भारत में फैले चुके हैं। इसके अतिरिक्त मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) एवं अलवर ज़िले में भी इनकी अच्छी-ख़ासी संख्या है।
- चौहान वंश की अनेक शाखाओं में 'शाकंभरी चौहान' (सांभर-अजमेर के आस-पास का क्षेत्र) की स्थापना लगभग 7वीं शताब्दी में वासुदेव ने की।
- वासुदेव के बाद पूर्णतल्ल, जयराज, विग्रहराज प्रथम, चन्द्रराज, गोपराज जैसे अनेक सामंतों ने शासन किया।
- शासक अजयदेव ने ‘अजमेर’ नगर की स्थापना की और साथ ही यहाँ पर सुन्दर महल एवं मन्दिर का निर्माण करवाया।
- 'चौहान वंश' के मुख्य शासक इस प्रकार हैं -
- अजयदेव चौहान
- अर्णोराज (लगभग 1133 से 1153 ई.)
- विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव (लगभग 1153 से 1163 ई.)
- पृथ्वीराज तृतीय (1168-1192 ई.)
वंश
रणथम्भौर से निकले चौहानों के प्रसिद्ध तेरह वंश इस प्रकार हैं[1]-
क्रम संख्या | वंश का नाम | शाखा की संख्या |
---|---|---|
1. | चौहान राजपूत | 14 शाखा |
2. | राठौर राजपूत | 12 शाखा |
3. | परमार या पंवार राजपूत | 16 शाखा |
4. | सोलंकी राजपूत | 6 शाखा |
5. | परिहार राजपूत | 6 शाखा |
6. | गहलोत राजपूत | 12 शाखा |
7. | चन्द्रवंशी राजपूत | 4 शाखा |
8. | सेनवंशी या पाल राजपूत | 1 शाखा |
9. | मकवान या झाला राजपूत | 3 शाखा |
10. | भाटी या यदुवंशी राजपूत | 5 शाखा |
11. | कछवाहा या कुशवाहा राजपूत | 1 शाखा |
12. | तंवर या तोमर राजपूत | 1 शाखा |
13. | र्भूंयार या कौशिक राजपूत | 1 शाखा |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चौहान वंश की शाखाएँ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 अप्रैल, 2014।