एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"गुरुडोंग्‍मर झील" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('thumb|250px|गुरुडोंग्‍मर झील '''गुरुडोंग्‍...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
====रेल मार्ग====
 
====रेल मार्ग====
 
गुरुडोंग्‍मर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है और यह [[भारत]] के हर हिस्से और जगह से अच्छी तरह जुड़ा है।
 
गुरुडोंग्‍मर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है और यह [[भारत]] के हर हिस्से और जगह से अच्छी तरह जुड़ा है।
====हवाईमार्ग==
+
====हवाईमार्ग====
 
यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा सिलीगुड़ी के पास स्थित बागडोगरा है। बागडोगरा पहुंचकर या तो बस ले सकते हैं या फिर कैब भी बुक कर सकते हैं।
 
यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा सिलीगुड़ी के पास स्थित बागडोगरा है। बागडोगरा पहुंचकर या तो बस ले सकते हैं या फिर कैब भी बुक कर सकते हैं।
 
====सड़कमार्ग====
 
====सड़कमार्ग====

11:35, 20 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

गुरुडोंग्‍मर झील

गुरुडोंग्‍मर झील (अंग्रेज़ी: Gurudongmar Lake) सिक्किम में 17,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित झीलों में से एक है। कहा जाता है कि आठवीं सदी में तिब्‍बत बौद्ध गुरु पद्मासंभवना भी इस झील पर आए थे। इस कारण इस झील का नाम उनके नाम पर ही रखा गया है। पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम के उत्तर में स्थित होने के कारण सर्दी के मौसम में इस झील का पानी पूरी तरह से जम जाता है। चमकती हुई इस झील का नज़ारा बेहद खूबसूरत और मनोरम रहता है। गंगटोक से इस झील की दूरी 174 कि.मी. है। यहां पर युमठांग घाटी, लाचेन और लाचुंग के अलावा उत्तरी सिक्किम के अनेक दर्शनीय स्‍थल देख सकते हैं।

किंवदंती

माना जाता है कि जब गुरु नानक देव तिब्बत जा रहे थे तो वह यहां अपनी प्यास बुझाने के लिए रुके थे। अपनी छड़ी से उन्होंने यहां जमी बर्फ में छेद कर पानी पीने की कोशिश की थी और तभी से यहां झील बन गई। कहा जाता है कि भीषण सर्दी के दौरान भी इस झील का कुछ हिस्सा जमता नहीं है और पानी के रूप में ही रहता है। इस झील की खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए कम ही है। दूर-दूर तक फैला इसका नीला पानी और चारों तरफ घिरे पहाड़ इसे 'जन्नत' जैसा रूप देते हैं। इस झील को बौद्ध, सिक्ख और हिंदुओं का पवित्र स्थल माना जाता है।[1]

कैसे पहुंचे

गुरुडोंगमार झील सिर्फ भारतीय पर्यटक ही जा सकते हैं, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए इस झील का टूर सिर्फ चोपटा वैली तक ही सीमित है। पर्यटकों के रहने की व्यवस्था लाचेन में है, जो कि इस झील से 68 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लाचेन में रात गुजारने के बाद अगली दिन सुबह गुरुडोंगमार झील की सैर के लिए निकला जा सकता है। ध्यान रहे कि जितनी सुबह इस झील की सैर के लिए निकलेंगे उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि ढलते दिन के साथ ही ऊंचाई पर मौसम खराब हो जाता है। ऊंचाई पर सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है, इसलिए पर्यटक झील घूमने के बाद, जितना जल्दी हो सके, लाचेन वापस आ जाएं। गुरुडोंगमार झील जाने के लिए सिक्किम का टूर पैकेज भी ले सकते हैं या फिर सिर्फ इसी झील के लिए अलग से पैकेज की भी सुविधा ले सकते हैं।

रेल मार्ग

गुरुडोंग्‍मर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है और यह भारत के हर हिस्से और जगह से अच्छी तरह जुड़ा है।

हवाईमार्ग

यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा सिलीगुड़ी के पास स्थित बागडोगरा है। बागडोगरा पहुंचकर या तो बस ले सकते हैं या फिर कैब भी बुक कर सकते हैं।

सड़कमार्ग

गुरुडोंग्‍मर झील जाने के लिए सबसे पहले लाचेन जाना होगा, क्योंकि रहने-खाने की व्यवस्था वहीं है। यहां से झील की दूरी 3 या 4 किलोमीटर की है, जो आप या तो अपने पर्सनल वाहन या फिर किसी कैब या कार से भी तय कर सकते हैं।

कब जाएँ

चूंकि यह झील साल के ज्यादातर वक्त जमी ही रहती है, इसलिए यहां जाने का सबसे सही समय अप्रैल से जुलाई के बीच का है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सिक्किम की जान है Gurudongmar Lake (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 20 सितंबर, 2020।

संबंधित लेख