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*काव्यमीमांसा [[अंलकार]] शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे।  
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*किंतु इसका केवल पहला अधिकरण ही उपलब्ध है।  
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*इसमें कवि ने [[रस]], नीति, ]]अलंकार]] आदि शास्त्रीय विषयों का समावेश किया है।
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09:03, 24 जुलाई 2011 का अवतरण

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  • काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे।
  • किंतु इसका केवल पहला अधिकरण ही उपलब्ध है।
  • इसमें कवि ने रस, नीति, अलंकार आदि शास्त्रीय विषयों का समावेश किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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