"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4": अवतरणों में अंतर

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-[[महात्मा गांधी]]
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+[[भगत सिंह]]
+[[भगत सिंह]]
||[[चित्र:Bhagat-Singh.gif|भगतसिंह|भगतसिंह|100px|right]]भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को [[पंजाब]] के ज़िला 'लायलपुर' में 'बंगा गाँव' ([[पाकिस्तान]]) में हुआ था। एक देशभक्त [[सिक्ख]] परिवार से इनका नाता था, जिसका अनुकूल प्रभाव उन पर पड़ा था। भगत सिंह के [[पिता]] 'सरदार किशन सिंह' एवं उनके दो [[चाचा]] 'अजीत सिंह' तथा 'स्वर्ण सिंह' [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के ख़िलाफ होने के कारण जेल में बन्द थे। जिस दिन भगत सिंह पैदा हुए उनके पिता एवं चाचा को जेल से रिहा किया गया। इस शुभ घड़ी के अवसर पर भगतसिंह के घर में खुशी और भी बढ़ गयी थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भगत सिंह]]
||[[चित्र:Bhagat-Singh.gif|भगतसिंह|भगतसिंह|100px|right]]भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को [[पंजाब]] के ज़िला 'लायलपुर' में 'बंगा गाँव' ([[पाकिस्तान]]) में हुआ था। एक देशभक्त [[सिक्ख]] परिवार से इनका नाता था, जिसका अनुकूल प्रभाव उन पर पड़ा था। भगत सिंह के [[पिता]] 'सरदार किशन सिंह' एवं उनके दो [[चाचा]] 'अजीत सिंह' तथा 'स्वर्ण सिंह' [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के ख़िलाफ होने के कारण जेल में बन्द थे। जिस दिन भगत सिंह पैदा हुए उनके पिता एवं चाचा को जेल से रिहा किया गया। इस शुभ घड़ी के अवसर पर भगत सिंह के घर में खुशी और भी बढ़ गयी थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भगत सिंह]]


{[[सिंधु सभ्यता]] का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?
{[[सिंधु सभ्यता]] का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?
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-[[पूर्व मीमांसा]]
-[[पूर्व मीमांसा]]
+[[सांख्य दर्शन]]
+[[सांख्य दर्शन]]
-न्याय दर्शन
-[[न्याय दर्शन]]
-उत्तर दर्शन
-उत्तर दर्शन
||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|सांख्य दर्शन|100px|right]]सांख्य शब्द की निष्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। संख्या शब्द 'ख्या' धातु में सम् उपसर्ग लगाकर व्युत्पन्न किया गया है जिसका अर्थ है 'सम्यक् ख्याति'। संसार में प्राणिमात्र दु:ख से निवृत्ति चाहता है। दु:ख क्यों होता है, इसे किस तरह सदा के लिए दूर किया जा सकता है- ये ही मनुष्य के लिए शाश्वत ज्वलन्त प्रश्न हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन]]
||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|सांख्य दर्शन|100px|right]]'सांख्य' शब्द की निष्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। संख्या शब्द 'ख्या' धातु में सम् उपसर्ग लगाकर व्युत्पन्न किया गया है, जिसका अर्थ है 'सम्यक् ख्याति'। संसार में प्राणिमात्र दु:ख से निवृत्ति चाहता है। दु:ख क्यों होता है, इसे किस तरह सदा के लिए दूर किया जा सकता है- ये ही मनुष्य के लिए शाश्वत ज्वलन्त प्रश्न हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन]]


{[[भारत]] से उत्तर की ओर के देशों में [[बौद्ध धर्म]] का जिस संप्रदाय का प्रचलन हुआ, उसका नाम है-
{[[भारत]] से उत्तर की ओर के देशों में [[बौद्ध धर्म]] के जिस संप्रदाय का प्रचलन हुआ, उसका नाम है-
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-[[हीनयान]]
-[[हीनयान]]
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-इनमें से कोई नहीं
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{'[[कुमारसंभव]]' महाकाव्य किस स्थापना का युग है-
{[[मुग़ल काल]] में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था?
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-[[बाणभट्ट]]
-कालीकट
-[[चंदबरदाई]]
-भड़ौच
+[[कालिदास]]
-[[खम्भात]]
-हरिषेण
+[[सूरत]]
||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|कालिदास|100px|right]]अपने कुमारसम्भव महाकाव्य में [[पार्वती देवी|पार्वती]] के रूप का वर्णन करते हुए महाकवि कालिदास ने लिखा है कि संसार में जितने भी सुन्दर उपमान हो सकते हैं उनका समुच्चय इकट्ठा करके, फिर उसे यथास्थान संयोजित करके विधाता ने बड़े जतन से उस पार्वती को गढा था, क्योंकि वे सृष्टि का सारा सौन्दर्य एक स्थान पर देखना चाहते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कालिदास]]
||[[चित्र:Janjira-Fort.jpg|right|120px|जंजीरा क़िला, सूरत]]12वीं से 15वीं शताब्दी तक सूरत शहर [[मुसलमान|मुस्लिम]] शासकों, [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]], [[मुग़ल|मुग़लों]] और [[मराठा|मराठों]] के आक्रमणों का शिकार हुआ। 1514 में पुर्तग़ाली यात्री 'दुआरते बारबोसा' ने [[सूरत]] का वर्णन एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में किया था। 18वीं शताब्दी में धीरे-धीरे सूरत का पतन होने लगा था। उस समय [[अंग्रेज़]] और [[डच]], दोनों ने सूरत पर नियंत्रण का दावा किया था।{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरत]]


{[[भारत]] में [[तम्बाकू]] के प्रचलन का श्रेय किसे है?
{[[भारत]] में [[तम्बाकू]] के प्रचलन का श्रेय किसे है?
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-[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] को
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+[[पुर्तगाल|पुर्तगालियों]] को  
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-[[डच|डचों]] को
-[[डच|डचों]] को
-[[फ्रांस|फ्रांसीसियों]] को
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{[[सोना|सोने]] के सर्वाधिक सिक्के किस काल में जारी किये गये?
{[[सोना|सोने]] के सर्वाधिक सिक्के किस काल में जारी किये गये?
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-[[मौर्य काल]]
-[[मौर्य काल]]
-हिन्द-यवन काल
-हिन्द-यवन काल
||गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। गुप्त [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्त काल]]  
||[[गुप्त साम्राज्य]] का उदय तीसरी सदी के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। [[गुप्त]], [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। [[गुप्त वंश]] का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की उपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्त काल]]  


{किस व्यक्ति को 'द्वितीय [[अशोक]]' कहा जाता है?
{किस व्यक्ति को द्वितीय [[अशोक]] कहा जाता है?
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-[[समुद्रगुप्त]]
-[[समुद्रगुप्त]]
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+[[हर्षवर्धन]]
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-[[स्कंदगुप्त]]
-[[स्कंदगुप्त]]
||'''हर्ष एक प्रतिष्ठित नाटककार एवं कवि था'''। इसने 'नागानन्द', 'रत्नावली' एवं 'प्रियदर्शिका' नामक नाटकों की रचना की। इसके दरबार में [[बाणभट्ट]], हरिदत्त एवं जयसेन जैसे प्रसिद्ध कवि एवं लेखक शोभा बढ़ाते थे। हर्ष [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ [[विष्णु]] एवं [[शिव]] की भी स्तुति करता था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हर्षवर्धन]]
||हर्षवर्धन एक प्रतिष्ठित नाटककार एवं कवि था। इसने 'नागानन्द', 'रत्नावली' एवं 'प्रियदर्शिका' नामक नाटकों की रचना की। इसके दरबार में [[बाणभट्ट]], हरिदत्त एवं जयसेन जैसे प्रसिद्ध कवि एवं लेखक शोभा बढ़ाते थे। [[हर्षवर्धन]] [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ [[विष्णु]] एवं [[शिव]] की भी स्तुति करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हर्षवर्धन]]


{[[हर्षवर्धन]] अपनी धार्मिक सभा कहाँ किया करता था?
{[[हर्षवर्धन]] अपनी धार्मिक सभा कहाँ किया करता था?
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-[[वाराणसी]]
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||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|संगम, इलाहाबाद|100px|right]][[गंगा]]-[[यमुना]] के संगम स्थल प्रयाग को [[पुराण|पुराणों]] में 'तीर्थराज' ( तीर्थों का राजा ) नाम से अभिहित किया गया है। इस संगम के सम्बन्ध में [[ॠग्वेद]] में कहा गया है कि जहाँ [[कृष्ण]] (काले) और श्वेत (स्वच्छ) [[जल]] वाली दो सरिताओं का संगम है वहाँ स्नान करने से मनुष्य स्वर्गारोहण करता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]
||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|संगम, इलाहाबाद|100px|right]][[गंगा]]-[[यमुना]] के संगम स्थल [[प्रयाग]] को [[पुराण|पुराणों]] में 'तीर्थराज' ( तीर्थों का राजा ) नाम से अभिहित किया गया है। इस संगम के सम्बन्ध में [[ॠग्वेद]] में कहा गया है कि, जहाँ [[कृष्ण]] (काले) और श्वेत (स्वच्छ) [[जल]] वाली दो सरिताओं का संगम है, वहाँ स्नान करने से मनुष्य स्वर्गारोहण करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]


 
{शून्य की खोज किसने की थी?
{शून्य की खोज किसने की?
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-[[वराहमिहिर]]
-[[वराहमिहिर]]
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+[[आर्यभट्ट]]
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-इनमें से कोई नहीं
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||विश्व गणित के इतिहास में भी आर्यभट्ट का नाम सुप्रसिद्ध है। खगोलशास्त्री होने के साथ साथ गणित के क्षेत्र में भी उनका योगदान बहुमूल्य है। बीजगणित में भी सबसे पुराना ग्रंथ आर्यभट्ट का है। उन्होंने सबसे पहले 'पाई' (p) की कीमत निश्चित की और उन्होंने ही सबसे पहले 'साइन' (SINE) के 'कोष्टक' दिए। गणित के जटिल प्रश्नों को सरलता से हल करने के लिए उन्होंने ही समीकरणों का आविष्कार किया, जो पूरे विश्व में प्रख्यात हुआ। एक के बाद ग्यारह शून्य जैसी संख्याओं को बोलने के लिए उन्होंने नई पद्ध्ति का आविष्कार किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आर्यभट्ट]]
||विश्व गणित के इतिहास में [[आर्यभट्ट]] का नाम सुप्रसिद्ध है। [[खगोल विज्ञान|खगोल विज्ञानी]] होने के साथ-साथ गणित के क्षेत्र में भी उनका योगदान बहुमूल्य है। बीजगणित में भी सबसे पुराना ग्रंथ आर्यभट्ट का ही है। उन्होंने सबसे पहले 'पाई' (p) का मान निश्चित किया था, और उन्होंने ही सबसे पहले 'साइन' (SINE) के 'कोष्टक' दिए। गणित के जटिल प्रश्नों को सरलता से हल करने के लिए उन्होंने ही समीकरणों का आविष्कार किया, जो पूरे विश्व में प्रख्यात हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आर्यभट्ट]]
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12:12, 8 जुलाई 2011 का अवतरण

इतिहास

1 वास्को द गामा कहाँ का रहने वाला था?

पुर्तग़ाल
हालैंड
अमेरिका
फ्रांस

2 निम्न में से टीपू सुल्तान की राजधानी क्या थी?

श्रीरंगपट्टनम
मैसूर
बंगलौर
भाग्यनगर

3 दिंडिगल नाम है-

केरल के एक पक्षी विहार का
कर्नाटक के एक त्योहार का
आंध्र प्रदेश के एक तटीय नगर का
तमिलनाडु के एक नगर का

4 'कम्युनिस्ट इंटरनेशनल' का सदस्य बनने वाला पहला भारतीय कौन था?

एम. एन. राय
मुजफ़्फ़र अहमद
एस. ए. डांगे
इनमें से कोई नहीं

5 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम मुस्लिम प्रेसीडेंट कौन था?

अबुल कलाम आज़ाद
रफ़ी अहमद किदवई
एम. ए. अंसारी
बदरुद्दीन तैयबजी

6 'इंकलाब जिंदाबाद' का नारा किसने दिया था?

खुदीराम बोस
सुभाष चन्द्र बोस
महात्मा गांधी
भगत सिंह

7 सिंधु सभ्यता का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?

हड़प्पा सभ्यता
सिंधु सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता
इनमें से कोई नही

8 कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली कौन-सी है?

पूर्व मीमांसा
सांख्य दर्शन
न्याय दर्शन
उत्तर दर्शन

9 भारत से उत्तर की ओर के देशों में बौद्ध धर्म के जिस संप्रदाय का प्रचलन हुआ, उसका नाम है-

हीनयान
महायान
शून्यवाद
इनमें से कोई नहीं

10 मुग़ल काल में निम्नलिखित बन्दरगाहों में से किसको 'बाबूल मक्का' (मक्का द्वार) कहा जाता था?

कालीकट
भड़ौच
खम्भात
सूरत

11 भारत में तम्बाकू के प्रचलन का श्रेय किसे है?

अंग्रेज़ों को
पुर्तग़ालियों को
डचों को
फ्राँसीसियों को

12 सोने के सर्वाधिक सिक्के किस काल में जारी किये गये?

कुषाण काल
गुप्त काल
मौर्य काल
हिन्द-यवन काल

13 किस व्यक्ति को द्वितीय अशोक कहा जाता है?

समुद्रगुप्त
चन्द्रगुप्त मौर्य
हर्षवर्धन
स्कंदगुप्त

14 हर्षवर्धन अपनी धार्मिक सभा कहाँ किया करता था?

मथुरा
प्रयाग
वाराणसी
पेशावर

15 शून्य की खोज किसने की थी?

वराहमिहिर
भास्कर
आर्यभट्ट
इनमें से कोई नहीं