"नारायण पंडित के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर
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* कांच भी कंचन का संग पा जाने पर मरकत मणि की शोभा प्राप्त कर लेता है। उसी प्रकार सज्जनों का साथ करने से मूर्ख भी विद्वान बन जाता है। | * कांच भी कंचन का संग पा जाने पर मरकत मणि की शोभा प्राप्त कर लेता है। उसी प्रकार सज्जनों का साथ करने से मूर्ख भी विद्वान बन जाता है। | ||
* साफ़ पैर में कीचड़ लपेटकर धोने की अपेक्षा उसे न लगने देना ही अच्छा है। | * साफ़ पैर में कीचड़ लपेटकर धोने की अपेक्षा उसे न लगने देना ही अच्छा है। | ||
* जो | * जो महान् है, वह महान् पर ही वीरता दिखाता है। | ||
* हे राजन्, क्षण भर का समय है ही क्या, यह समझने वाला मनुष्य मूर्ख होता है। और एक कौड़ी है ही क्या, यह सोचने वाला दरिद्र हो जाता है। | * हे राजन्, क्षण भर का समय है ही क्या, यह समझने वाला मनुष्य मूर्ख होता है। और एक कौड़ी है ही क्या, यह सोचने वाला दरिद्र हो जाता है। | ||
* सज्जन नारियल के समान ऊपर से कठोर, किंतु भीतर से कोमल होते हैं। | * सज्जन नारियल के समान ऊपर से कठोर, किंतु भीतर से कोमल होते हैं। |
14:10, 30 जून 2017 का अवतरण
नारायण पंडित के अनमोल वचन |
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इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत