शेक्सपियर के अनमोल वचन

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शेक्सपियर के अनमोल वचन
  • मनुष्य के सारे व्यवहारों में ज्वार भाटा का सा उतार चढ़ाव होता है। यदि मनुष्य बाढ़ को पकड़े तो भाग्य की ड्योढ़ी पर पहुंच जाए।
  • सबसे प्रेम करो, कुछ पर विश्वास करो, अन्याय किसी के साथ मत करो।
  • कायर लोग अपने जीवन काल में कई बार मरते हैं, लेकिन वीर लोग केवल एक बार मरते हैं।
  • जितना दिखाते हो, उससे अधिक तुम्हारे पास होना चाहिए, जितना जानते हो उससे कम तुम्हें बोलना चाहिए।
  • यह संभव नहीं कि कोई व्यक्ति निरंतर मुस्कराता ही रहे और वह दुष्ट भी हो।
  • जो हानि हो चुकी है, उसके लिए शोक करना, अधिक हानि को निमंत्रित करना है।
  • निराश व्यक्ति को प्रलोभन मत दो।
  • जो लूटे जाने पर भी मुस्कुराता है, वह चोर का कुछ चुरा लेता है।
  • ऐच्छिक प्रेम उत्तम है, परंतु बिना याचना के दिया हुआ प्यार बेहतर है।
  • अनुभव एक रत्न है और इसे ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि यह प्राय: अत्यधिक मूल्य में ख़रीदा जाता है।
  • मेरा मुकुट मेरे हृदय में है, न कि मेरे सिर पर। मेरा मुकुट न तो हीरों से जटित है और न ही रत्नों से। मेरा मुकुट दिखाई भी नहीं देता है। मेरे मुकुट का नाम है 'संतोष' और राजा लोग कदाचित ही इसे धारण करते हैं।
  • विवेक वीरता का श्रेष्ठतर भाग है।
  • सौंदर्य देखने वाले की आंख में होता है।
  • प्रेम बिना तर्क का तर्क है।
  • मनुष्य को मरते दम तक सत्य बोलना चाहिए और शैतान को लज्जित करना चाहिए।
  • कोई भी काम सोच-विचार कर ही करना चाहिए। मनुष्य की बुराइयां उसके मरने के पीछे तक कलंकित रहती हैं। भलाइयों को लोग मरते ही भूल जाते हैं।
  • बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी अपने वर्तमान दुखों के लिए रोया नहीं करते, अपितु वर्तमान में दु:ख के कारणों को रोका करते हैं।
  • वह सच्चा साहसी है जो मनुष्यों पर आने वाली भारी से भारी विपत्ति को बुद्धिमत्तापूर्वक सह सकता है।
  • डूबते सूरज के प्रति लोग अपने द्वार बंद कर लेते हैं।

इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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