"प्रयोग:कविता बघेल 2": अवतरणों में अंतर
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||विटामिन 'D' का स्त्रोत [[सूर्य]] की किरणें हैं। वास्तव में सूर्य की किरणों के द्वारा विटामिन 'D' का निर्माण हमारी त्वचा (Skin) की कोशिकाओं द्वारा किया जाता है जो कि यहां से निर्मित होकर रुधिर में मुक्त होता है। इसके अलावा, मक्खन, यकृत, अंडों की जर्दी, वृक्क इत्यादि से भी विटामिन D प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है। विटामिन D की कमी से बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्कों में ओस्टिओमैलेसिया नामक बीमारी हो जाती है। | ||विटामिन 'D' का स्त्रोत [[सूर्य]] की किरणें हैं। वास्तव में सूर्य की किरणों के द्वारा विटामिन 'D' का निर्माण हमारी त्वचा (Skin) की कोशिकाओं द्वारा किया जाता है जो कि यहां से निर्मित होकर रुधिर में मुक्त होता है। इसके अलावा, मक्खन, यकृत, अंडों की जर्दी, वृक्क इत्यादि से भी विटामिन D प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है। विटामिन D की कमी से बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्कों में ओस्टिओमैलेसिया नामक बीमारी हो जाती है। | ||
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{श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-91 | {श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-91 | ||
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-नागपुर | -[[नागपुर]] | ||
+[[अमरावती]] | +[[अमरावती]] | ||
-[[पटियाला]] | -[[पटियाला]] | ||
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-वॉलीबॉल | -वॉलीबॉल | ||
+टेबल टेनिस | +[[टेबल टेनिस]] | ||
-कोर्फबॉल | -कोर्फबॉल | ||
-सॉफ्टबॉल | -सॉफ्टबॉल | ||
|| | ||[[टेबल टेनिस] के खेल में लूप, वाली, ऐस, फ्लैट, किस शॉट, लोडेड, फोरहैंड, वेस्टर्न ग्रिप या शेक हैंड ग्रिप, पेन होल्ड ग्रिप, लैट, चाप, स्पिन, टेबल, ड्यूस, रैली, सर्वर, सर्विस, फ्री हैंड आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। | ||
{एक प्रभावशाली निर्णय करने का लक्षण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-121 | {एक प्रभावशाली निर्णय करने का लक्षण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-121 | ||
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-असमाकृति अस्थियां | -असमाकृति अस्थियां | ||
-चिपटी अस्थियां | -चिपटी अस्थियां | ||
||मांसपेशी की कंडरा (Tendon) में पाई जाने वाली अस्थियों को कडरास्थियां (Sesamonoid done) कहते हैं। ये अस्थियां घुटने, हाथ एवं पैर में भी पाई जाती हैं। | ||[[मांसपेशी]] की कंडरा (Tendon) में पाई जाने वाली अस्थियों को कडरास्थियां (Sesamonoid done) कहते हैं। ये अस्थियां घुटने, हाथ एवं पैर में भी पाई जाती हैं। | ||
{वह बीमारी जिसे मानसिक बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-183 | {वह बीमारी जिसे मानसिक बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-183 | ||
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||8वें दक्षिण एशियाई खेलों (दक्षेस या सैफ खेल) का आयोजन वर्ष [[1999]] में [[काठमांडू]], [[नेपाल]] में किया गया था। इसमें सार्क देशों के कुल 1069 एथलीटों ने बारह खेलों में भाग लिया था। पदक तालिका में [[भारत]] कुल 197 पदकों (102 स्वर्ण, 58 रजत एवं 37 कांस्य) के साथ प्रथम स्थान पर था। | ||8वें दक्षिण एशियाई खेलों (दक्षेस या सैफ खेल) का आयोजन वर्ष [[1999]] में [[काठमांडू]], [[नेपाल]] में किया गया था। इसमें सार्क देशों के कुल 1069 एथलीटों ने बारह खेलों में भाग लिया था। पदक तालिका में [[भारत]] कुल 197 पदकों (102 स्वर्ण, 58 रजत एवं 37 कांस्य) के साथ प्रथम स्थान पर था। | ||
{इंसुलिन का स्त्राव-द्वारा किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-113 | {[[इंसुलिन]] का स्त्राव-द्वारा किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-113 | ||
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-[[यकृत]] | -[[यकृत]] | ||
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+[[अग्न्याशय]] | +[[अग्न्याशय]] | ||
-अवटु (थाइरॉइड) | -अवटु (थाइरॉइड) | ||
||इंसुलिन का स्त्राव [[अग्न्याशय]] द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय शरीर के रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। अग्न्याशय अंत:स्त्रावी एवं ब्राह्य स्त्रावी दोनों प्रकार की ग्रंथि है। इसलिए इसे 'मिश्रित ग्रंथि' भी कहते हैं। | ||[[इंसुलिन]] का स्त्राव [[अग्न्याशय]] द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय [[मानव शरीर|शरीर]] के रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। [[अग्न्याशय]] अंत:स्त्रावी एवं ब्राह्य स्त्रावी दोनों प्रकार की ग्रंथि है। इसलिए इसे 'मिश्रित ग्रंथि' भी कहते हैं। | ||
{निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसमें कैलोरी सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-123 | {निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसमें [[ऊर्जा|कैलोरी]] सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-123 | ||
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-स्किंड मिल्क | -स्किंड मिल्क | ||
+मक्खन | +मक्खन | ||
-संघनित दूध | -[[दूध|संघनित दूध]] | ||
-[[दही]] | -[[दही]] | ||
||दिए गए विकल्पों में सर्वाधिक कैलोरी मक्खन में पाई जाती है। अत: विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा। | ||दिए गए विकल्पों में सर्वाधिक [[ऊर्जा|कैलोरी]] मक्खन में पाई जाती है। अत: विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा। | ||
{निम्नलिखित में से किस तरह के कार्य में प्रति घंटे सबसे ज्यादा मात्रा में कैलोरी की खपत होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-185 | {निम्नलिखित में से किस तरह के कार्य में प्रति घंटे सबसे ज्यादा मात्रा में [[ऊर्जा|कैलोरी]] की खपत होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-185 | ||
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+दौड़ना | +दौड़ना | ||
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-लॉन टेनिस (एकल) खेलना | -लॉन टेनिस (एकल) खेलना | ||
-तैराकी (मध्य चाल से) | -तैराकी (मध्य चाल से) | ||
||दौड़ने के कार्य में प्रति घंटे सबसे ज्यादा मात्रा में कैलोरी की खपत होती है। | ||दौड़ने के कार्य में प्रति घंटे सबसे ज्यादा मात्रा में [[ऊर्जा|कैलोरी]] की खपत होती है। | ||
{शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-95 | {शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-95 | ||
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+[[सिडनी]] | +[[सिडनी]] | ||
-सियोल | -सियोल | ||
||ग्रीष्म ओलंपिक [[2000]] के खेल का स्थान सिडनी था। ग्रीष्म ओलंपिक [[2016]] के खेल का स्थान रियो डी जेनेरियो है एवं वर्ष [[2020]] का ओलंपिक टोक्यो (जापान) में होगा। | ||ग्रीष्म ओलंपिक [[2000]] के खेल का स्थान सिडनी था। ग्रीष्म ओलंपिक [[2016]] के खेल का स्थान रियो डी जेनेरियो है एवं वर्ष [[2020]] का ओलंपिक टोक्यो ([[जापान]]) में होगा। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कम-से कम प्रशिक्षणीय है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-124 | {निम्नलिखित में से कौन-सा कम-से कम प्रशिक्षणीय है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-124 | ||
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-300 ई. से 1230 ई. | -300 ई. से 1230 ई. | ||
-300 ई. तक | -300 ई. तक | ||
||1000 से 600 ई.पू. तक के समय को [[भारतवर्ष]] में महाकाव्य काल माना गया है। इस काल में [[रामायण]], [[महाभारत]], उपनिषद् जैसे ग्रंथों की रचना हुई थी। | ||1000 से 600 ई.पू. तक के समय को [[भारतवर्ष]] में महाकाव्य काल माना गया है। इस काल में [[रामायण]], [[महाभारत]], [[उपनिषद्]] जैसे [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की रचना हुई थी। | ||
{माइटोकॉन्ड्रिया यह भी कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-34 | {माइटोकॉन्ड्रिया यह भी कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-34 | ||
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{'फास्ट ब्रेक' शब्द का प्रयोग किस खेल में किया जाता हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-114 | {'फास्ट ब्रेक' शब्द का प्रयोग किस खेल में किया जाता हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-114 | ||
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+[[बास्केटबॉल | +[[बास्केटबॉल]] | ||
-[[हॉकी]] | -[[हॉकी]] | ||
-वॉलीबाल | -वॉलीबाल | ||
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-शतरंज से | -शतरंज से | ||
-[[महात्मा गाँधी]] | -[[महात्मा गाँधी]] से | ||
+[[गोल्फ]] से | +[[गोल्फ]] से | ||
-निशानेबाजी से | -निशानेबाजी से | ||
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||[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले प्रथम [[फुटबाल|फुटबाल खिलाड़ी]] [[पी.के. बनर्जी]] हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष [[1961]] में प्रदान किया गया। वर्ष [[1962]] एवं [[1963]] में यह पुरस्कार क्रमश: तुलसी बलराम एवं चून्नी गोस्वामी को दिया गया। | ||[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले प्रथम [[फुटबाल|फुटबाल खिलाड़ी]] [[पी.के. बनर्जी]] हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष [[1961]] में प्रदान किया गया। वर्ष [[1962]] एवं [[1963]] में यह पुरस्कार क्रमश: तुलसी बलराम एवं चून्नी गोस्वामी को दिया गया। | ||
{निम्नलिखित मच्छरों के प्रकार में से कौन | {निम्नलिखित मच्छरों के प्रकार में से कौन डेंगू फैलाता हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-125 | ||
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+ऐडीज | +ऐडीज | ||
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-खेल के बीच में | -खेल के बीच में | ||
-खेल से पहले तथा खेल के पश्चात दोनों | -खेल से पहले तथा खेल के पश्चात दोनों | ||
||कूलिंग डाउन या लिम्बरिंग डाउन को वार्मिंग डाउन भी कहा जा सकता है किसी स्पर्धा/प्रतियोगिता या प्रशिक्षण के बाद, शरीर को फिर से सामान्य अवस्था में लाने को लिम्बरिंग डाउन या कूलिंग डाउन कहा जाता है। कूलिंग डाउन, शरीर का धीरे-धीरे थकावट या प्रयास की अवस्था से आराम या लगभग आराम की दशा में लाने की प्रक्रिया होती है। वास्तव में कूलिंग डाउन प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता के बाद एक आवश्यक क्रिया होती हैं। | ||कूलिंग डाउन या लिम्बरिंग डाउन को वार्मिंग डाउन भी कहा जा सकता है किसी स्पर्धा/प्रतियोगिता या प्रशिक्षण के बाद, [[मानव शरीर|शरीर]] को फिर से सामान्य अवस्था में लाने को लिम्बरिंग डाउन या कूलिंग डाउन कहा जाता है। कूलिंग डाउन, शरीर का धीरे-धीरे थकावट या प्रयास की अवस्था से आराम या लगभग आराम की दशा में लाने की प्रक्रिया होती है। वास्तव में कूलिंग डाउन प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता के बाद एक आवश्यक क्रिया होती हैं। | ||
{शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29 | {शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29 | ||
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||शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत प्रक्तिया से संबंधित वैज्ञानिक नियमों पर मुख्यत: आधारित हैं। शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर विकसित किए गए हैं जिससे बालक का शारीरिक एवं मानसिक विकास साथ-साथ हो सके। | ||शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत प्रक्तिया से संबंधित वैज्ञानिक नियमों पर मुख्यत: आधारित हैं। शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर विकसित किए गए हैं जिससे बालक का शारीरिक एवं मानसिक विकास साथ-साथ हो सके। | ||
{लॉस्ट चाइल्ड पुस्तक के लेखक कौन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-36 | {'लॉस्ट चाइल्ड' पुस्तक के लेखक कौन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-36 | ||
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-[[प्रेमचंद]] | -[[प्रेमचंद]] | ||
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{कैंप के दौरान गाया जाने वाला- "सारे जहां से अच्छा" गीत लिखा? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-66 | {कैंप के दौरान गाया जाने वाला- "सारे जहां से अच्छा" गीत लिखा? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-66 | ||
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-जयदेव | -[[जयदेव]] | ||
+मोहम्मद इकबाल | +[[मोहम्मद इकबाल]] | ||
-बंकिम चंद्र चटर्जी | -[[बंकिम चंद्र चटर्जी]] | ||
-रबींद्र नाथ टैगोर | -[[रबींद्रनाथ टैगोर|रबींद्र नाथ टैगोर]] | ||
||मोहम्मद इकबाल अभिभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। 'सारे जहां से अच्छा' देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीता का दर्जा प्राप्त है। इसे प्रसिद्ध शायर मोहम्मद इकबाल ने वर्ष 1905 में लिखा था। पाकिस्तान में इन्हें राष्ट्रकवि माना जाता है। इनकी प्रमुख रचनाएं असरार- ए-खुदी, रूमुज-ए-बेखुदी और बंग-ए-दारा इत्यादि हैं। | ||[[मोहम्मद इकबाल]] अभिभाजित [[भारत]] के प्रसिद्ध [[कवि]], नेता और दार्शनिक थे। 'सारे जहां से अच्छा' देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीता का दर्जा प्राप्त है। इसे प्रसिद्ध शायर मोहम्मद इकबाल ने वर्ष [[1905]] में लिखा था। [[पाकिस्तान]] में इन्हें राष्ट्रकवि माना जाता है। इनकी प्रमुख रचनाएं असरार- ए-खुदी, रूमुज-ए-बेखुदी और बंग-ए-दारा इत्यादि हैं। | ||
{द्रोणाचार्य | {[[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] कौन-से वर्ष से आरंभ किया गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-20 | ||
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-1984 | -[[1984]] | ||
+1985 | +[[1985]] | ||
-1983 | -[[1983]] | ||
-1986 | -[[1986]] | ||
||भारत सरकार ने वर्ष 1985 में द्रोणाचार्य | ||[[भारत सरकार]] ने वर्ष [[1985]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] की स्थापना की। यह पुरस्कार खिलाड़ियों और टीमों को प्रशिक्षण प्रदान करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जाने-माने खेल प्रशिक्षकों को प्रदान किए जाते हैं। | ||
{'लीड-अप गेम' सहायक है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-128 | {'लीड-अप गेम' सहायक है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-128 | ||
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{शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना कब हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-30 | {शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना कब हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-30 | ||
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+1920 | +[[1920]] | ||
-1924 | -[[1924]] | ||
-1896 | -[[1896]] | ||
-1914 | -[[1914]] | ||
||शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना वर्ष 1920 में एच.सी. बक द्वारा की गई थी। यह कॉलेज तमिलनाडु शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय से संबद्ध है। | ||शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना वर्ष [[1920]] में एच.सी. बक द्वारा की गई थी। यह कॉलेज तमिलनाडु शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय से संबद्ध है। | ||
{शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-38 | {[[मानव शरीर|शरीर]] में सबसे बड़ी [[ग्रंथि]] है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-38 | ||
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-लारग्रंथि | -लारग्रंथि | ||
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-पिट्यूटरी ग्रंथि | -पिट्यूटरी ग्रंथि | ||
-थॉयराइड-ग्रंथि | -थॉयराइड-ग्रंथि | ||
||यकृत गहरे लाल-भूरे रंग ग्रंथि है जो उदर के ऊपरी भाग में दाहिनी ओर अवस्थित होती है। यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है। यह पित्त रस स्त्रावित करती है जो एक थैली में | ||यकृत गहरे लाल-भूरे रंग की ग्रंथि है जो उदर के ऊपरी भाग में दाहिनी ओर अवस्थित होती है। यह [[मानव शरीर|शरीर]] की सबसे बड़ी [[ग्रंथि]] है। यह पित्त रस स्त्रावित करती है जो एक थैली में संग्रहित होता रहता है, इसे [[पित्ताशय]] कहते हैं। पित्त रस वसा के पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। | ||
{विश्व में शतरंज के खेल का नियंत्रण करने वाला | {विश्व में शतरंज के खेल का नियंत्रण करने वाला निकाय (संस्था) है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-119 | ||
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-FIBA | -FIBA | ||
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-WCF | -WCF | ||
-UCI | -UCI | ||
||FIDE ( Federation International des Echecs) या वर्ल्ड चैस फेडरेशन की स्थापना 20 जुलाई, 1924 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने 1999 में एक अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन के रूप में मान्यता दी। अब यह युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ वर्ग आदि समूहों के लिए 40 से अधिक प्रकार की शतरंज प्रतियोगिताएं कराने वाली विश्व की एक बड़ी स्पोर्ट्स संस्था बन चुकी है। | ||FIDE ( Federation International des Echecs) या वर्ल्ड चैस फेडरेशन की स्थापना [[20 जुलाई]], [[1924]] को [[फ्रांस]] की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने [[1999]] में एक अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन के रूप में मान्यता दी। अब यह युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ वर्ग आदि समूहों के लिए 40 से अधिक प्रकार की शतरंज प्रतियोगिताएं कराने वाली विश्व की एक बड़ी स्पोर्ट्स संस्था बन चुकी है। | ||
{ | {___[[इंसुलिन]] की हरकर को उतेजित करता है और इसकी कमी से [[मधुमेह]] (डायबिटीज) हो सकता है। यह पनीर, शीरा और हरी फूलगोभी में पाया जाता है। (शारीरिक शिक्षा, पृ.सं -177 प्रश्न-129 | ||
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-कोबाल्ट | -[[कोबाल्ट]] | ||
-ताम्र | -[[ताम्र]] | ||
+क्रोमियम | +[[क्रोमियम]] | ||
-फॉस्फोरस | -[[फॉस्फोरस]] | ||
||मानव शरीर क्रोमियम इंसुलिन की क्रिया को उत्तेजित करता है। इसकी कमी मधुरोह का कारण हो सकती है। यह पनीर, आलू, हरी फूलगोभी (ब्रॉकोली), शीरा, लहसुन आदि में पाया जाता है। | ||[[मानव शरीर]] [[क्रोमियम]] [[इंसुलिन]] की क्रिया को उत्तेजित करता है। इसकी कमी मधुरोह का कारण हो सकती है। यह पनीर, [[आलू]], हरी फूलगोभी (ब्रॉकोली), शीरा, लहसुन आदि में पाया जाता है। | ||
{निम्नलिखित में से किस काल में प्राण और नाड़ियां चर्चा के महत्त्वपूर्ण विषय है और 'योग' शब्द का प्रयोग तकनीकी अर्थ में किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-190 | {निम्नलिखित में से किस काल में प्राण और नाड़ियां चर्चा के महत्त्वपूर्ण विषय है और 'योग' शब्द का प्रयोग तकनीकी अर्थ में किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-190 | ||
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-वैदिक काल | -[[वैदिक काल]] | ||
-पौराणिक काल | -पौराणिक काल | ||
-सूत्र काल | -सूत्र काल | ||
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||डॉ. जॉन एच. फिनले ने अपने कथन में 'खेल के शब्द को मनोरंजन का यथेष्ट रूप रहा है।' | ||डॉ. जॉन एच. फिनले ने अपने कथन में 'खेल के शब्द को मनोरंजन का यथेष्ट रूप रहा है।' | ||
{कुश्ती में सर्वप्रथम अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने वाला कौन था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-21 | {[[कुश्ती]] में सर्वप्रथम [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] प्राप्त करने वाला कौन था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-21 | ||
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-सुशील कुमार | -[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] | ||
-मास्टर चंदगी राम | -मास्टर चंदगी राम | ||
+उदय चंद | +उदय चंद | ||
- | -सतपाल | ||
||कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ पहलवानों के नाम निम्नलिखित हैं- | ||कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ पहलवानों के नाम निम्नलिखित हैं- | ||
1961-उदय सिंह 1962-मालबा | [[1961]]-[[उदय सिंह]] [[1962]]-मालबा | ||
1963-गणपत अंडलकर 1964-विशम्भर सिंह | [[1963]]-गणपत अंडलकर [[1964]]-विशम्भर सिंह | ||
1966-भीम सिंह 1967-मुख्तियार सिंह | [[1966]]-भीम सिंह [[1967]]-मुख्तियार सिंह | ||
1969-चंदगी राम 1970-सुदेश कुमार | [[1969]]-चंदगी राम [[1970]]-सुदेश कुमार | ||
1972-प्रेम नाथ 1973-जगरूप सिंह | [[1972]]-प्रेम नाथ [[1973]]-जगरूप सिंह | ||
1974-सतपाल 2005-सुशील कुमार | [[1974]]-सतपाल [[2005]]-[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] | ||
2009-योगेश्वर दत्त | [[2009]]-[[योगेश्वर दत्त]] | ||
{हृदय के दाहिने निलय (वेन्ट्रिकल) से रक्त बहता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-129 | {[[हृदय]] के दाहिने निलय (वेन्ट्रिकल) से [[रक्त]] बहता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-129 | ||
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-निम्न महाशिरा में | -निम्न महाशिरा में | ||
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+फुस्फुस धमनी | +फुस्फुस धमनी | ||
-फुस्फुस शिरा | -फुस्फुस शिरा | ||
||अशुद्ध रक्त दाएं अलिंद से दाएं निलय में जाता है। जब दायां निलय संकुचित होता है, तो रक्त पल्मोनरी धमनी या फुस्फुस धमनी में प्रवेश करता है। पल्मोनरी धमनी दो भागों में विभक्त हो जाती है जो अशुद्ध रक्त को बाएं तथा दाएं फेफड़े में प्रत्येक आर्टरी छोटी-छोटी धमनियों में बंट जाती है, उसके बाद Arterioles में अंत में अशुद्ध रक्त पल्मोनरी केशिकाओं में पहुंचता है। | ||अशुद्ध रक्त दाएं अलिंद से दाएं निलय में जाता है। जब दायां निलय संकुचित होता है, तो रक्त पल्मोनरी धमनी या फुस्फुस धमनी में प्रवेश करता है। पल्मोनरी धमनी दो भागों में विभक्त हो जाती है जो अशुद्ध रक्त को बाएं तथा दाएं [[फेफड़ा|फेफड़े]] में प्रत्येक आर्टरी छोटी-छोटी [[धमनियाँ|धमनियों]] में बंट जाती है, उसके बाद Arterioles में अंत में अशुद्ध रक्त पल्मोनरी केशिकाओं में पहुंचता है। | ||
{सिगमंड फ्रायद को निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का पिता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-31 | {सिगमंड फ्रायद को निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का पिता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-31 | ||
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{आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में निम्नलिखित में से किस खेल को सम्मिलित किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-120 | {आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में निम्नलिखित में से किस खेल को सम्मिलित किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-120 | ||
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+तैराकी | +[[तैराकी]] | ||
-बॉक्सिंग | -बॉक्सिंग | ||
-बैडमिंटन | -[[बैडमिंटन]] | ||
-साइकलिंग | -साइकलिंग | ||
||आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में सम्मिलित पांचों खेल कौशल पर आधारित होते हैं, जैसे- दौड़, तैराकी, फेन्सिंग (तलवारबाजी), हॉर्स जम्पिंग एवं पिस्टल शूटिंग। | ||आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में सम्मिलित पांचों खेल कौशल पर आधारित होते हैं, जैसे- दौड़, तैराकी, फेन्सिंग (तलवारबाजी), हॉर्स जम्पिंग एवं पिस्टल शूटिंग। | ||
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-विखंडित भंग | -विखंडित भंग | ||
+जटिल भंग | +जटिल भंग | ||
||जटिल अस्थि भंग में टूटी हुई अस्थि, आंतरिक अंग या अंगों को भी हाँइ पहुंचा देती है। इससे प्रभावित अंग ऊतक, तंतु या तंत्रिका या फिर धमनी भी हो सकती है। इस प्रकार के अस्थि भंग प्राय | ||जटिल अस्थि भंग में टूटी हुई अस्थि, आंतरिक अंग या अंगों को भी हाँइ पहुंचा देती है। इससे प्रभावित अंग [[ऊतक]], तंतु या [[तंत्रिका तंत्र|तंत्रिका]] या फिर [[धमनी]] भी हो सकती है। इस प्रकार के अस्थि भंग प्राय बहुत जटिल व खतरनाक होते हैं। इस प्रकार के अस्थि भंग ऊंची कूद तथा बांस कूद वाले खिलाडियों में पाया जाता है। | ||
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+लैटिन भाषा | +लैटिन भाषा | ||
-हिंदी भाषा | -[[हिंदी भाषा]] | ||
-संस्कृत भाषा | -[[संस्कृत भाषा]] | ||
- | -[[अंग्रेज़ी भाषा]] | ||
||'साइकोलोजी' शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द 'साइकोलोजिया' से हुई है। | ||'साइकोलोजी' शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द 'साइकोलोजिया' से हुई है। | ||
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{जीवित प्राणियों की संरचना की कार्यविधि को जाना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-130 | {जीवित प्राणियों की संरचना की कार्यविधि को जाना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-130 | ||
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- | -शरीर रचना विज्ञान | ||
-मनुष्य-शरीर रचनाशास्त्र | -मनुष्य-शरीर रचनाशास्त्र | ||
+शरीरक्रिया विज्ञान | +शरीरक्रिया विज्ञान | ||
-मनोविज्ञान | -[[मनोविज्ञान]] | ||
||शरीर क्रिया विज्ञान दो शब्दों फिजियों व ओलोजी से बना है, जहां पर फिजिओ का अर्थ-प्रकृति व 'ओलोजी' का अर्थ है- अध्ययन। जीवित प्राणियों की संरचना या शरीर व इसके सभी भागों के कार्यविधि का अध्ययन शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है। | ||शरीर क्रिया विज्ञान दो शब्दों फिजियों व ओलोजी से बना है, जहां पर फिजिओ का अर्थ-प्रकृति व 'ओलोजी' का अर्थ है- अध्ययन। जीवित प्राणियों की संरचना या [[मानव शरीर|शरीर]] व इसके सभी भागों के कार्यविधि का अध्ययन शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है। | ||
{कंधे का जोड़ एक प्रकार का है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-34 | {कंधे का जोड़ एक प्रकार का है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-34 | ||
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-रिबोफ्लोविन | -रिबोफ्लोविन | ||
-थियामाइन | -थियामाइन | ||
+आयोडीन | +[[आयोडीन]] | ||
||आयोडीन की कमी होने से गले में घेंघा नामक रोग हो जाता है। इससे गर्दन फूलकर मोटी, कॉलर जैसी दिखाई देने लगती है। आयोडीन का स्त्रोत दूध, समुद्री भोजन तथा आयोडीन युक्त नमक है। | ||[[आयोडीन]] की कमी होने से गले में घेंघा नामक रोग हो जाता है। इससे गर्दन फूलकर मोटी, कॉलर जैसी दिखाई देने लगती है। आयोडीन का स्त्रोत [[दूध]], समुद्री भोजन तथा आयोडीन युक्त [[नमक]] है। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा खेल, खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता' श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-121 | {निम्नलिखित में से कौन-सा खेल, खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता' श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-121 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-टेनिस | -[[टेनिस]] | ||
+योग | +[[योग]] | ||
-तीरंदाजी | -तीरंदाजी | ||
-बैडमिंटन | -[[बैडमिंटन]] | ||
||खेल मंत्रालय द्वारा 23 मार्च, 2015 को जारी किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अंटर्गत एथलेटिक्स, टेनिस, कुश्ती, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, तीरंदाजी, हॉकी, शूटिंग तथा बॉक्सिंग शामिल हैं। स्पष्ट है कि इनमें 'योग' को शामिल नहीं किया गया है। | ||खेल मंत्रालय द्वारा [[23 मार्च]], [[2015]] को जारी किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अंटर्गत [[एथलेटिक्स]], [[टेनिस]], [[कुश्ती]], भारोत्तोलन, [[बैडमिंटन]], तीरंदाजी, [[हॉकी]], शूटिंग तथा बॉक्सिंग शामिल हैं। स्पष्ट है कि इनमें 'योग' को शामिल नहीं किया गया है। | ||
{मानव शरीर में हड्डियों को___के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-131 | {[[मानव शरीर]] में हड्डियों को___के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-131 | ||
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-संरचना और कार्य | -संरचना और कार्य | ||
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+आकार और आकृति | +आकार और आकृति | ||
-जोड़ और हरकर | -जोड़ और हरकर | ||
||आकृति व आकार के अनुसार अस्थियों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- | ||आकृति व आकार के अनुसार अस्थियों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- लबी अस्थियां-लंबी अस्थियां मुख्य तौर पर ऊपरी एवं निचले पाद (Limbs) में होती हैं। उदाहरण- ह्यूमरस, रेडियस, अल्ना, फीमर, टीबिया एवं फिबुला आदि लंबी अस्थियों के उदाहरण हैं। छोटी अस्थियां- ये अस्थियां लंबाई में छोटी होती हैं। इसलिए इन्हें छोटी अस्थियां कहते हैं। उदाहरण- कार्पस एवं टार्सस। इनके अतिरिक्त अस्थियों के अन्य प्रकार हैं। जैसे- चपटी अस्थियां, सेसामॉयड अस्थियां आदि। | ||
इनके अतिरिक्त अस्थियों के अन्य प्रकार हैं। जैसे- चपटी अस्थियां, सेसामॉयड अस्थियां आदि। | |||
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11:51, 28 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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