"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{किस [[मुग़ल]] बादशाह की मृत्यु के बाद [[झारखण्ड]] स्वतंत्र हो गया था? | {किस [[मुग़ल]] बादशाह की मृत्यु के बाद [[झारखण्ड]] स्वतंत्र हो गया था? | ||
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||[[चित्र:Aurangzebs-Tomb.jpg|right|100px|औरंगज़ेब का मक़बरा]][[औरंगज़ेब]] ने [[राजपूत|राजपूतों]] के प्रति [[धर्म]] के क्षेत्र में अनुदारयता की नीति अपनायी। [[क़ुरान]] का कट्टर समर्थक होने के नाते वह अन्य धर्मों मुख्यतः [[हिन्दू धर्म]] के प्रति बहुत असहिष्णु था। उसने [[12 अप्रैल]], 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा '[[जज़िया कर]]' लगाया। सर्वप्रथम जज़िया कर मारवाड़ पर लागू किया गया। धार्मिक क्रिया-कलापों, त्यौहारों एवं उत्सवों को प्रतिबन्धित करते हुए औरंगज़ेब ने हिन्दुओं से 'तीर्थयात्रा कर' पुनः वसूलना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में [[हिन्दू]] मंदिरों को तोड़ने का आदेश देकर नवीन एवं पुराने मंदिरों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया। औरंगज़ेब की इन नीतियों का राजपूतों के ऊपर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]] | ||[[चित्र:Aurangzebs-Tomb.jpg|right|100px|औरंगज़ेब का मक़बरा]][[औरंगज़ेब]] ने [[राजपूत|राजपूतों]] के प्रति [[धर्म]] के क्षेत्र में अनुदारयता की नीति अपनायी। [[क़ुरान]] का कट्टर समर्थक होने के नाते वह अन्य धर्मों मुख्यतः [[हिन्दू धर्म]] के प्रति बहुत असहिष्णु था। उसने [[12 अप्रैल]], 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा '[[जज़िया कर]]' लगाया। सर्वप्रथम जज़िया कर मारवाड़ पर लागू किया गया। धार्मिक क्रिया-कलापों, त्यौहारों एवं उत्सवों को प्रतिबन्धित करते हुए औरंगज़ेब ने हिन्दुओं से 'तीर्थयात्रा कर' पुनः वसूलना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में [[हिन्दू]] मंदिरों को तोड़ने का आदेश देकर नवीन एवं पुराने मंदिरों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया। औरंगज़ेब की इन नीतियों का राजपूतों के ऊपर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]] | ||
{[[झारखण्ड]] राज्य में 'छोटा नागपुर केसरी' कौन कहलाते हैं? | {[[झारखण्ड]] राज्य में 'छोटा नागपुर केसरी' कौन कहलाते हैं? | ||
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-शेख़ भिखारी | -शेख़ भिखारी | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[झारखण्ड]] का प्रथम जनजातीय विद्रोह कौन-सा था? | {[[झारखण्ड]] का प्रथम जनजातीय विद्रोह कौन-सा था? | ||
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-[[सन्थाल विद्रोह]] | -[[सन्थाल विद्रोह]] | ||
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||[[चित्र:Chinnamasta Temple.jpg|right|120px|छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा]][[झारखण्ड]] की राजधानी [[राँची]] से क़रीब 80 कि.लो. की दूरी पर स्थित [[छिन्नमस्तिका मंदिर|माँ छिन्नमस्तिका मंदिर]] [[रजरप्पा]] में स्थित है। भैरवी-भेड़ा और [[दामोदर नदी]] के संगम पर स्थित मंदिर की उत्तरी दीवार के साथ रखे शिलाखंड पर दक्षिण की ओर मुख किए माता छिन्नमस्तिका के दिव्य स्वरूप का दर्शन होता है। [[असम]] स्थित माँ [[कामाख्या मंदिर]] के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा [[शक्तिपीठ]] है। यहाँ शादियाँ भी कराई जाती हैं। मंदिर के अन्दर शिलाखंड में माँ की तीन आँखें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छिन्नमस्तिका मंदिर]] | ||[[चित्र:Chinnamasta Temple.jpg|right|120px|छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा]][[झारखण्ड]] की राजधानी [[राँची]] से क़रीब 80 कि.लो. की दूरी पर स्थित [[छिन्नमस्तिका मंदिर|माँ छिन्नमस्तिका मंदिर]] [[रजरप्पा]] में स्थित है। भैरवी-भेड़ा और [[दामोदर नदी]] के संगम पर स्थित मंदिर की उत्तरी दीवार के साथ रखे शिलाखंड पर दक्षिण की ओर मुख किए माता छिन्नमस्तिका के दिव्य स्वरूप का दर्शन होता है। [[असम]] स्थित माँ [[कामाख्या मंदिर]] के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा [[शक्तिपीठ]] है। यहाँ शादियाँ भी कराई जाती हैं। मंदिर के अन्दर शिलाखंड में माँ की तीन आँखें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छिन्नमस्तिका मंदिर]] | ||
{[[झारखण्ड]] राज्य में कहाँ के सैनिकों ने सबसे पहले विद्रोह किया? | {[[झारखण्ड]] राज्य में कहाँ के सैनिकों ने सबसे पहले विद्रोह किया? | ||
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-[[हज़ारीबाग़]] | -[[हज़ारीबाग़]] | ||
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-[[पलामू]] | -[[पलामू]] | ||
{'चतरा युद्ध' कब हुआ था? | {'चतरा युद्ध' कब हुआ था? | ||
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-[[20 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | -[[20 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | ||
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-[[12 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | -[[12 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | ||
{[[झारखण्ड]] में सर्वप्रथम [[कांग्रेस]] कमेटी का गठन किस वर्ष हुआ था? | {[[झारखण्ड]] में सर्वप्रथम [[कांग्रेस]] कमेटी का गठन किस वर्ष हुआ था? | ||
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+[[1920]] ई. | +[[1920]] ई. | ||
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||'चतरा' [[झारखण्ड]] का बहुत ही ख़ूबसूरत स्थान है। इसे 'झारखंड का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यहाँ पर जंगलों, प्राचीन मन्दिरों, नदियों, झरनों और वन्य जीव अभयारण्यों की सैर की जा सकती है। यहाँ के जंगलों में वन्य जीवों को आसानी से देखा जा सकता है। वन्य जीवों के अलावा इन जंगलों में विविध प्रकार के औषधीय वृक्ष और जड़ी-बुटियाँ भी पाई जाती हैं। [[चतरा]] के 'द्वारी झरने' में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस झरने में [[स्नान]] करने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चतरा]] | ||'चतरा' [[झारखण्ड]] का बहुत ही ख़ूबसूरत स्थान है। इसे 'झारखंड का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यहाँ पर जंगलों, प्राचीन मन्दिरों, नदियों, झरनों और वन्य जीव अभयारण्यों की सैर की जा सकती है। यहाँ के जंगलों में वन्य जीवों को आसानी से देखा जा सकता है। वन्य जीवों के अलावा इन जंगलों में विविध प्रकार के औषधीय वृक्ष और जड़ी-बुटियाँ भी पाई जाती हैं। [[चतरा]] के 'द्वारी झरने' में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस झरने में [[स्नान]] करने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चतरा]] | ||
{[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान किस स्थान पर राष्टीय विद्यालय के स्थापना की गई थी? | {[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान किस स्थान पर राष्टीय विद्यालय के स्थापना की गई थी? | ||
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-[[राँची]] | -[[राँची]] | ||
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-रामगढ़ | -रामगढ़ | ||
{'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन किस स्थान पर हुआ था? | {'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन किस स्थान पर हुआ था? | ||
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-[[धनबाद]] | -[[धनबाद]] | ||
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||[[चित्र:Dimna-Lake-Jamshedpur.jpg|right|120px|डिमना झील, जमशेदपुर]]जमशेदपुर शहर, [[पूर्वी सिंहभूम ज़िला]], [[झारखण्ड]] राज्य, जो कि [[बिहार]] से अलग होकर बना नवगठित राज्य है, पूर्वोत्तर [[भारत]], स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर स्थित है। 'टाटानगर' के नाम से विख्यात इस शहर की स्थापना [[1907]] ई. में उद्योगपति [[जमशेदजी टाटा]] ने की थी। बाद में यह तेज़ी से एक महत्त्वपूर्ण नगर बन गया। यहाँ 'नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेट्री' स्थित है। 'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन भी जमशेदपुर में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जमशेदपुर]] | ||[[चित्र:Dimna-Lake-Jamshedpur.jpg|right|120px|डिमना झील, जमशेदपुर]]जमशेदपुर शहर, [[पूर्वी सिंहभूम ज़िला]], [[झारखण्ड]] राज्य, जो कि [[बिहार]] से अलग होकर बना नवगठित राज्य है, पूर्वोत्तर [[भारत]], स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर स्थित है। 'टाटानगर' के नाम से विख्यात इस शहर की स्थापना [[1907]] ई. में उद्योगपति [[जमशेदजी टाटा]] ने की थी। बाद में यह तेज़ी से एक महत्त्वपूर्ण नगर बन गया। यहाँ 'नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेट्री' स्थित है। 'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन भी जमशेदपुर में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जमशेदपुर]] | ||
{'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक कौन हैं? | {'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक कौन हैं? | ||
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-कड़िया मुण्डा | -कड़िया मुण्डा | ||
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-ललित उराँव | -ललित उराँव | ||
{[[झारखण्ड]] राज्य में सबसे अधिक [[वर्षा]] कहाँ होती है? | {[[झारखण्ड]] राज्य में सबसे अधिक [[वर्षा]] कहाँ होती है? | ||
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-[[धनबाद]] | -[[धनबाद]] | ||
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||'नेतरहाट' [[झारखण्ड]] राज्य के [[रांची]] नगर से 154 कि.मी. की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है। यह घने वनों से पूरी तरह से ढका हुआ है। यह एक सुन्दर पहाड़ी स्थल है, जिसे 'क्वीन ऑफ़ छोटा नागपुर' के नाम से भी जाना जाता हैं। इस स्थान से कर्क रेखा भी गुजरती है। [[नेतरहाट]] झारखण्ड राज्य का वह स्थान है, जहाँ राज्य की सबसे ज़्यादा [[वर्षा]] होती है, साथ ही यह राज्य का सबसे ठंडा स्थान भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेतरहाट]] | ||'नेतरहाट' [[झारखण्ड]] राज्य के [[रांची]] नगर से 154 कि.मी. की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है। यह घने वनों से पूरी तरह से ढका हुआ है। यह एक सुन्दर पहाड़ी स्थल है, जिसे 'क्वीन ऑफ़ छोटा नागपुर' के नाम से भी जाना जाता हैं। इस स्थान से कर्क रेखा भी गुजरती है। [[नेतरहाट]] झारखण्ड राज्य का वह स्थान है, जहाँ राज्य की सबसे ज़्यादा [[वर्षा]] होती है, साथ ही यह राज्य का सबसे ठंडा स्थान भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेतरहाट]] | ||
{[[बिहार]] एवं [[झारखण्ड]] को विभाजित करने वाली नदी कौन-सी है? | {[[बिहार]] एवं [[झारखण्ड]] को विभाजित करने वाली नदी कौन-सी है? | ||
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+[[गंगा]], [[सोन नदी|सोन]] | +[[गंगा]], [[सोन नदी|सोन]] | ||
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-[[कोसी नदी|कोसी]] | -[[कोसी नदी|कोसी]] | ||
{सर्वोच्च [[पर्वत]] शिखर [[झारखण्ड]] में कौन-सा है? | {सर्वोच्च [[पर्वत]] शिखर [[झारखण्ड]] में कौन-सा है? | ||
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+[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ]] | +[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ]] | ||
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||[[चित्र:Parasnath-Hills.jpg|right|100px|पारसनाथ पहाड़ी, झारखंड]]'पारसनाथ पहाड़ी' [[झारखण्ड]] राज्य के [[बोकारो]] शहर में स्थित है। बोकारो में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से [[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ पहाड़ी]] भी एक है। यह पहाड़ी झारखण्ड राज्य की सबसे ऊँची पहाड़ी है। [[गिरिडीह]] स्थित इस पहाड़ी की ऊँचाई लगभग 4,440 फीट है। ये पूरी पहाड़ी जंगल से घिरी हुई है। इसकी प्राकृतिक छटा बहुत ही अद्भुत है। पहाड़ी पर [[जैन धर्म]] का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल स्थित है, जिस पर जैन धर्म के 20 [[तीर्थंकर|तीर्थंकारों]] के चरण चिह्न अंकित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो]] | ||[[चित्र:Parasnath-Hills.jpg|right|100px|पारसनाथ पहाड़ी, झारखंड]]'पारसनाथ पहाड़ी' [[झारखण्ड]] राज्य के [[बोकारो]] शहर में स्थित है। बोकारो में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से [[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ पहाड़ी]] भी एक है। यह पहाड़ी झारखण्ड राज्य की सबसे ऊँची पहाड़ी है। [[गिरिडीह]] स्थित इस पहाड़ी की ऊँचाई लगभग 4,440 फीट है। ये पूरी पहाड़ी जंगल से घिरी हुई है। इसकी प्राकृतिक छटा बहुत ही अद्भुत है। पहाड़ी पर [[जैन धर्म]] का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल स्थित है, जिस पर जैन धर्म के 20 [[तीर्थंकर|तीर्थंकारों]] के चरण चिह्न अंकित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो]] | ||
{[[जूट]] की भाँति राज्य में उत्पादित रेशे की फ़सल कहलाती है- | {[[जूट]] की भाँति राज्य में उत्पादित रेशे की फ़सल कहलाती है- | ||
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08:42, 14 अप्रैल 2012 का अवतरण
झारखण्ड सामान्य ज्ञान
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