"राधावल्लभ सम्प्रदाय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('*श्री हरिवंश (जन्म संवत 1559 विक्रमी) 'राधाव...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार") |
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |
(कोई अंतर नहीं)
|
07:54, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
- श्री हरिवंश (जन्म संवत 1559 विक्रमी) 'राधावल्लभ सम्प्रदाय' के संस्थापक थे। उनकी भक्ति स्वयं कृष्ण के प्रति न होकर (गौण रूप को छोड़कर) उनकी कल्पित अर्द्धांगनी राधा के प्रति समर्पित हो गई, जिसे उन्होंने 'श्रृंगार की देवी' के रूप में प्रतिष्ठित किया।
- श्री हरिवंश गुसांई अपनी भक्ति की रीति तत्काल जान सकते हैं जिनके अनुसार श्री राधा के चरण आराधना के सर्वोच्च आस्पद हैं। वे सुदृढ़ उपासक भक्त हैं। जो कुंज केलिक्रीड़ा में रत दम्पति की खवासी करते हैं। मन्दिर के भोग प्राप्त करने में जो गर्व और प्रसिद्धि के अधिकारी है। जो एकमेव ऐसे चाकर हैं, जो कदापि विधि निषेध नहीं करते, एक अप्रतिम उत्कंठित व्रतधारी हैं।
|
|
|
|
|