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इस मंदिर का निर्माण [[कर्कोटक वंश]] से संबंधित राजा [[ललितादित्य मुक्तापीड]] द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था। | इस मंदिर का निर्माण [[कर्कोटक वंश]] से संबंधित राजा [[ललितादित्य मुक्तापीड]] द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था। | ||
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06:38, 6 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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मार्तण्ड सूर्य मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के अनंतनाग नगर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मार्तण्ड का यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। यहाँ पर सूर्य की पहली किरन के साथ ही मंदिर में पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है। मंदिर की उत्तरी दिशा से ख़ूबसूरत पर्वतों का नज़ारा भी देखा जा सकता हैं। यह मंदिर विश्व के सुंदर मंदिरों की श्रेणी में भी अपना स्थान बनाए हुए है।
निर्माण
इस मंदिर का निर्माण कर्कोटक वंश से संबंधित राजा ललितादित्य मुक्तापीड द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था।
वास्तुकला
मार्तण्ड सूर्य मंदिर का प्रांगण 220 फुट x 142 फुट है। यह मंदिर 60 फुट लम्बा और 38 फुट चौड़ा था। इस के चतुर्दिक लगभग 80 प्रकोष्ठों के अवशेष वर्तमान में हैं। इस मन्दिर के पूर्वी किनारे पर मुख्य प्रवेश द्वार का मंडप है। इसके द्वारों पर त्रिपार्श्वित चाप (मेहराब) थे, जो इस मंदिर की वास्तुकला की विशेषता है। द्वारमंडप तथा मंदिर के स्तम्भों की वास्तु-शैली रोम की डोरिक शैली से कुछ अंशों में मिलती-जुलती है। मार्तण्ड मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर कश्मीरी हिंदू राजाओं की स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना है। कश्मीर का यह मंदिर वहाँ की निर्माण शैली को व्यक्त करता है। इसके स्तंभों में ग्रीक संरचना का इस्तेमाल भी करा गया है।
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वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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