आनंद कुमार

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आनंद कुमार
आनंद कुमार
आनंद कुमार
पूरा नाम आनंद कुमार
अन्य नाम सुपर 30 मैन

सुपर टीचर
गुरु बिहार

जन्म 1 जनवरी, 1973
जन्म भूमि पटना, बिहार
अभिभावक माता- जयन्ती देवी
पति/पत्नी ऋतू रश्मि
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शिक्षाविद, गणितज्ञ
विद्यालय बिहार नेशनल कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि रामानुजन पुरस्कार, 2010

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा पुरस्कार, बिहार सरकार, 2010
राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार
एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, 2019
स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार सम्मान, 2021
पद्म श्री, 2023

प्रसिद्धि 'सुपर 30' के कारण
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ-साथ कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। इनका बस एक ही जुनून था, गरीब और काबिल छात्रों को आईआईटी-जेईई में प्रवेश के लिए तैयारी करवाना।
अद्यतन‎

आनंद कुमार (अंग्रेज़ी: Anand Kumar, जन्म- 1 जनवरी, 1973) भारतीय गणितज्ञ, शिक्षाविद तथा बहुत-सी राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय गणित की पत्रिकाओं के स्तम्भकार हैं। उन्हें प्रसिद्धि सुपर 30 कार्यक्रम के कारण मिली, जो कि उन्होंने पटना, बिहार से 2002 में प्रारम्भ किया था, जिसके अन्तर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को 'आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा' की तैयारी करवाई जाती है। साल 2018 के आँकड़ों के अनुसार, उनके द्वारा प्रशिक्षित 480 में से 422 छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिये चयनित हो चुके हैं। गणितज्ञ और शिक्षक आनंद कुमार ने गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है। भारत सरकार ने उन्हें 2023 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।

परिचय

आनन्द कुमार का जन्म 1 जनवरी सन 1973 को ज़िला पटना, बिहार में हुआ था। उनके पिता भारतीय डाक विभाग में क्लर्क थे। पिता निजी विद्यालयों के अधिक खर्चों के कारण उन्हें वहाँ पढ़ा न सके। इस कारण आनन्द कुमार ने हिन्दी माध्यम के सरकारी विद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ उन्हें गणित से अत्यधिक लगाव हो गया। आनंद ने शुरुआती श‍िक्षा पूरी करने के बाद पटना के बीएन कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। स्नातक शिक्षा के दौरान उन्होंने संख्या सिद्धांत पर कुछ पेपर जमा किये, जिसे 'मैथमैटिकल स्पेक्ट्रम' तथा 'द मैथमैटिकल गज़ट' में प्रकाशित किया गया। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला सुरक्षित कर लिया, लेकिन पिता की मृत्यु तथा खराब आर्थिक स्थिति के कारण वे दाखिला ले न सके। इस दौरान वे सुबह गणित पर काम करते तथा शाम को परिवार की मदद हेतु माँ के साथ पापड़ बेचने में हाथ बटाते। उन्होंने अतरिक्त पैसे कमाने के लिये बच्चों को गणित पढ़ाना भी प्रारम्भ किया।

पद्म श्री से सम्मानित

पद्म पुरस्कारों की घोषणा होने वाली थी, लेकिन 'सुपर 30' के संचालक आनंद कुमार की दिनचर्या दिन में भी रोज की तरह थी और रात में भी। जिस समय शिक्षा और साहित्य के पद्म श्री पुरस्कार के लिए आनंद कुमार के नाम की खबर मीडिया में आई, जक्कनपुर में वह अपने घर पर परिवार के साथ बैठकर खाना खा रहे थे। घर में खुशी का माहौल दोपहर में ही बन गया था, क्योंकि दोपहर में वह जब अपनी दिनचर्या के अनुसार आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों को परीक्षा के गूढ़ रहस्य समझाकर कुछ देर के लिए आराम करने वाले थे कि गृह मंत्रालय से उनके नाम इस उपलब्धि की सूचना पहुंच गई थी।

पुरस्कार की घोषणा के बाद 'अमर उजाला’ से बातचीत में उन्होंने कहा कि "यह पुरस्कार एक आनंद कुमार के नाम नहीं। उस मां के लिए भी है, जिसने अपने बेटे की जिद को पूरा करने के लिए गरीब बच्चों के रहने-खाने का इंतजाम देखा। उस भाई के लिए भी है, जिसने अपने बड़े भाई की योजना को जीवन का उद्देश्य मान लिया। उस पत्नी और उस बच्चे का भी है, जो हमेशा एक ही इच्छा रखते हैं कि आनंद कुमार को लोग हमेशा गरीब होनहार बच्चों को आगे ले जाने के लिए जाने। इसके साथ ही यह पुरस्कार आनंद कुमार के उन सभी शुभेच्छुओं के नाम भी है, जिन्होंने हमेशा 'सुपर 30' को ईमानदार कोशिश के रूप में देखा, किसी फैक्टी के रूप में नहीं।” [1]

अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के संपादक

आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ-साथ कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। इनका बस एक ही जुनून था, गरीब और काबिल छात्रों को आईआईटी-जेईई में प्रवेश के लिए तैयारी करवाना। पटना के यारपुर में रहने के बाद दशकों से जक्कनपुर में रह रहे हैं। जक्कनपुर में कोई पता मिले न मिले, किसी से पूछने पर आनंद कुमार का घर आसानी से मिल जाता है। गरीब बच्चों को पढ़ाकर काबिल बनाने के कारण गरीबों के मन में उनके लिए खास जगह हमेशा रही है। 50 वर्षीय आनंद कुमार की शुरुआती जिंदगी और शिक्षा वर्तमान से बिल्कुल अलग थी। उनके पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क थे। उनकी हालत और आनंद कुमार के संघर्ष को काफी हद तक लोग फिल्म में भी देख चुके हैं।

ऋतिक रोशन ने दी बधाई

आनंद कुमार बिहार के उन तीन लोगों में से एक हैं जिन्हें साल 2023 में प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनको साहित्य और शिक्षा श्रेणी में पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस खास खबर से अभिनेता ऋतिक रोशन भी बेहद खुश हुए। आनंद कुमार को पद्म श्री मिलने पर बधाई देते हुए ऋतिक ने ट्वीट किया, "सुपर न्यूज! अच्छे काम का फल हमेशा अच्छा ही होता है। मुबारक हो पद्म श्री टीचर आनंद जी।" ऋतिक रोशन ने अपनी फिल्म 'सुपर 30' में आनंद कुमार की भूमिका निभाई थी। यह फिल्म 2019 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म आनंद कुमार की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है, जो हर साल 30 छात्रों के एक बैच को वार्षिक आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।

उपलब्धियाँ

  • आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने के काम के कारण 'लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में आनंद कुमार का नाम दर्ज हुआ।
  • टाइम पत्रिका ने 'सुपर 30' को 'बेस्ट ऑफ़ एशिया 2010' की सूची में भी स्थान दिया।
  • 2010 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ रीसर्च एण्ड डाॅक्युमेंटेशन इन सोशल साइंसेस द्वारा एस. रामानुजन पुरस्कार दिया गया।
  • 'सुपर 30' को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के विशेष सिपहसालार राशिद हुसैन ने देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान कहा।
  • न्यूज़वीक पत्रिका ने आनन्द कुमार के कार्यों का संज्ञान लेते हुए उनके संस्थान को चार सर्वाधिक अभिनव संस्थान में स्थान दिया था।
  • आनंद कुमार को नवम्बर 2010 में बिहार सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार "मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा पुरस्कार" मिला।
  • उन्हें जर्मनी के सैक्सोनी प्रान्त के शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।
  • आनन्द कुमार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा "राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार" प्रदान किया गया।
  • कैलिफोर्निया के सैन जोस में ऑर्गनाइजेशन की 25वीं सालगिरह के मौके पर एक समारोह में 'फाउंडेशन फॉर एक्सीलेंस' (एफएफई) द्वारा आनंद कुमार को 'एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2019' दिया गया।
  • 2021 का स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार सम्मान भी आनंद कुमार को प्राप्त हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सुपर 30 वाले आनंद कुमार पद्मश्री (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 14 जुलाई, 2023।

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