"विरुपाक्ष मन्दिर" के अवतरणों में अंतर
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) छो (श्रेणी:धार्मिक स्थल (को हटा दिया गया हैं।)) |
कविता बघेल (चर्चा | योगदान) |
||
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 12 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{सूचना बक्सा पर्यटन |
− | + | |चित्र=Virupraksha-Temple-Hampi.jpg | |
− | + | |चित्र का नाम=विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी | |
+ | |विवरण='विरुपाक्ष मन्दिर' [[हम्पी]], [[कर्नाटक]] के कई आकर्षणों में से मुख्य है। यह '[[शिव]]' के 'विरुपाक्ष' स्वरूप को समर्पित है। | ||
+ | |राज्य=[[कर्नाटक]] | ||
+ | |केन्द्र शासित प्रदेश= | ||
+ | |ज़िला=[[बेल्लारी ज़िला]] | ||
+ | |निर्माता= | ||
+ | |स्वामित्व= | ||
+ | |प्रबंधक= | ||
+ | |निर्माण काल=[[मध्य काल]] | ||
+ | |स्थापना= | ||
+ | |भौगोलिक स्थिति= | ||
+ | |मार्ग स्थिति= | ||
+ | |मौसम= | ||
+ | |तापमान= | ||
+ | |प्रसिद्धि=[[यूनेस्को]] की [[विश्व विरासत स्थल]] सूची में शामिल है। | ||
+ | |कब जाएँ=[[अक्टूबर]] से [[मार्च]] | ||
+ | |कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल व सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। | ||
+ | |हवाई अड्डा=नज़दीकी बेल्लारी हवाई अड्डा | ||
+ | |रेलवे स्टेशन=नज़दीकी होस्पेट रेलवे स्टेशन | ||
+ | |बस अड्डा=हम्पी बस अड्डा | ||
+ | |यातायात= | ||
+ | |क्या देखें= | ||
+ | |कहाँ ठहरें=होटल, अतिथि ग्रह | ||
+ | |क्या खायें= | ||
+ | |क्या ख़रीदें= | ||
+ | |एस.टी.डी. कोड= | ||
+ | |ए.टी.एम= | ||
+ | |सावधानी= | ||
+ | |मानचित्र लिंक= | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=1509 में अपने अभिषेक के समय [[कृष्णदेव राय]] ने यहँ के गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | '''विरुपाक्ष मन्दिर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Virupaksha Temple'') [[हम्पी]], [[कर्नाटक]] के कई आकर्षणों में से मुख्य है। 15वीं [[शताब्दी]] में निर्मित यह मन्दिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है। 1509 ई. में अपने अभिषेक के समय [[कृष्णदेव राय]] ने यहाँ गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। भगवान '[[शिव]]' को यह मन्दिर समर्पित है। विरुपाक्ष मन्दिर को 'पंपापटी' नाम से भी जाना जाता है। मन्दिर का संबंध इतिहास प्रसिद्ध [[विजयनगर साम्राज्य]] से है। | ||
+ | ==स्थिति तथा स्थापत्य== | ||
+ | 15वीं [[शताब्दी]] में निर्मित यह मन्दिर हम्पी नगर के बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है। मन्दिर का शिखर ज़मीन से 50 मीटर ऊँचा है। मन्दिर का संबंध [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] काल से है। विशाल मन्दिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मन्दिर हैं, जो विरुपाक्ष मन्दिर से भी प्राचीन हैं। मन्दिर के पूर्व में पत्थर का एक विशाल [[नंदी]] है, जबकि दक्षिण की ओर [[गणेश]] की विशाल प्रतिमा है। यहाँ अर्ध सिंह और अर्ध मनुष्य की देह धारण किए [[नृसिंह अवतार|नृसिंह]] की 6.7 मीटर ऊँची मूर्ति है।<ref name="यात्रा सलाह" >{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=49 |title=हम्पी अपनी कहानी बयां करता शहर |accessmonthday=[[2 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]] }}</ref> विरुपाक्ष मंदिर के प्रवेश द्वार का गोपुरम हेमकुटा पहाड़ियों व आसपास की अन्य पहाड़ियों पर रखी विशाल चट्टानों से घिरा है और चट्टानों का संतुलन हैरान कर देने वाला है। | ||
+ | ====गोपुड़ा का निर्माण==== | ||
+ | [[चित्र:Virupaksha-Temple-Hampi-2.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[हम्पी]]|left|200px|thumb]] | ||
+ | [[हम्पी]] के कई आकर्षणों में से विरुपाक्ष मन्दिर मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय [[कृष्णदेव राय]] ने यहँ के गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। विरुपाक्ष मंदिर हंपी के उन गिने-चुने मंदिरों में से है, जिनमें आज भी विधिवत [[पूजा]] होती है। | ||
− | किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर वापस लौट गए। विरुपाक्ष | + | ==विश्व विरासत स्थल== |
− | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= | + | विरुपाक्ष मन्दिर का शिखर ज़मीन से 50 मीटर ऊंचा है। इस विशाल मन्दिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मन्दिर हैं, जो विरुपाक्ष मन्दिर से भी प्राचीन हैं। विरुपाक्ष मन्दिर [[विश्व विरासत स्थल]] की सूची में सम्मिलित है। मन्दिर को 'पंपापटी मन्दिर' भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। |
− | {{ | + | ====किंवदंती==== |
+ | [[किंवदंती]] है कि [[भगवान विष्णु]] ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर वापस लौट गए। विरुपाक्ष मन्दिर में भूमिगत शिव मन्दिर भी है। मन्दिर का बड़ा हिस्सा पानी के अन्दर समाहित है, इसलिए वहाँ कोई नहीं जा सकता। बाहर के हिस्से के मुक़ाबले मन्दिर के इस हिस्से का [[तापमान]] बहुत कम रहता है। | ||
+ | |||
+ | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
+ | ==वीथिका== | ||
+ | {{Panorama | ||
+ | |image= चित्र:Virupraksha-Temple-180°-Panorama-Hampi.jpg | ||
+ | |height= 300 | ||
+ | |alt=विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी | ||
+ | |caption=विरुपाक्ष मन्दिर का विहंगम दृश्य | ||
+ | }} | ||
+ | <gallery> | ||
+ | चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi-3.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[हम्पी]] | ||
+ | चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi-4.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[हम्पी]] | ||
+ | चित्र:Virupraksha-Temple-1.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[पट्टदकल]] | ||
+ | चित्र:Virupraksha-Temple-2.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[पट्टदकल]] | ||
+ | चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi-5.jpg|विरुपाक्ष मन्दिर, [[हम्पी]] | ||
+ | </gallery> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
− | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | [[Category: | + | {{कर्नाटक के धार्मिक स्थल}}{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}} |
− | [[Category: | + | [[Category:कर्नाटक]][[Category:कर्नाटक के पर्यटन स्थल]][[Category:कर्नाटक के धार्मिक स्थल]] |
− | [[Category: | + | [[Category:हिन्दू मन्दिर]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:पर्यटन कोश]] |
− | [[Category: | ||
− | |||
− | [[Category: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
+ | __NOTOC__ |
12:43, 12 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
विरुपाक्ष मन्दिर
| |
विवरण | 'विरुपाक्ष मन्दिर' हम्पी, कर्नाटक के कई आकर्षणों में से मुख्य है। यह 'शिव' के 'विरुपाक्ष' स्वरूप को समर्पित है। |
राज्य | कर्नाटक |
ज़िला | बेल्लारी ज़िला |
निर्माण काल | मध्य काल |
प्रसिद्धि | यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल है। |
कब जाएँ | अक्टूबर से मार्च |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल व सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। |
नज़दीकी बेल्लारी हवाई अड्डा | |
नज़दीकी होस्पेट रेलवे स्टेशन | |
हम्पी बस अड्डा | |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि ग्रह |
अन्य जानकारी | 1509 में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने यहँ के गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। |
विरुपाक्ष मन्दिर (अंग्रेज़ी: Virupaksha Temple) हम्पी, कर्नाटक के कई आकर्षणों में से मुख्य है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मन्दिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है। 1509 ई. में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने यहाँ गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। भगवान 'शिव' को यह मन्दिर समर्पित है। विरुपाक्ष मन्दिर को 'पंपापटी' नाम से भी जाना जाता है। मन्दिर का संबंध इतिहास प्रसिद्ध विजयनगर साम्राज्य से है।
स्थिति तथा स्थापत्य
15वीं शताब्दी में निर्मित यह मन्दिर हम्पी नगर के बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है। मन्दिर का शिखर ज़मीन से 50 मीटर ऊँचा है। मन्दिर का संबंध विजयनगर काल से है। विशाल मन्दिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मन्दिर हैं, जो विरुपाक्ष मन्दिर से भी प्राचीन हैं। मन्दिर के पूर्व में पत्थर का एक विशाल नंदी है, जबकि दक्षिण की ओर गणेश की विशाल प्रतिमा है। यहाँ अर्ध सिंह और अर्ध मनुष्य की देह धारण किए नृसिंह की 6.7 मीटर ऊँची मूर्ति है।[1] विरुपाक्ष मंदिर के प्रवेश द्वार का गोपुरम हेमकुटा पहाड़ियों व आसपास की अन्य पहाड़ियों पर रखी विशाल चट्टानों से घिरा है और चट्टानों का संतुलन हैरान कर देने वाला है।
गोपुड़ा का निर्माण
हम्पी के कई आकर्षणों में से विरुपाक्ष मन्दिर मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने यहँ के गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। विरुपाक्ष मंदिर हंपी के उन गिने-चुने मंदिरों में से है, जिनमें आज भी विधिवत पूजा होती है।
विश्व विरासत स्थल
विरुपाक्ष मन्दिर का शिखर ज़मीन से 50 मीटर ऊंचा है। इस विशाल मन्दिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मन्दिर हैं, जो विरुपाक्ष मन्दिर से भी प्राचीन हैं। विरुपाक्ष मन्दिर विश्व विरासत स्थल की सूची में सम्मिलित है। मन्दिर को 'पंपापटी मन्दिर' भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है।
किंवदंती
किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर वापस लौट गए। विरुपाक्ष मन्दिर में भूमिगत शिव मन्दिर भी है। मन्दिर का बड़ा हिस्सा पानी के अन्दर समाहित है, इसलिए वहाँ कोई नहीं जा सकता। बाहर के हिस्से के मुक़ाबले मन्दिर के इस हिस्से का तापमान बहुत कम रहता है।
|
|
|
|
|
वीथिका
विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी
विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी
विरुपाक्ष मन्दिर, पट्टदकल
विरुपाक्ष मन्दिर, पट्टदकल
विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हम्पी अपनी कहानी बयां करता शहर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 2 अप्रॅल, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख