"जूलियन कलॅण्डर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "हिंदी" to "हिन्दी")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
पोप ग्रेगोरी 13वें ने घोषणा की थी कि 4 अक्टूबर के बाद 15 अक्टूबर होना चाहिए और दस दिनों को समाप्त कर दिया गया। उसने बताया कि जब तक 400 से भाग न लग जाए तब तक शती वर्षों में 'लीप' वर्ष नहीं होना चाहिए। अत: 1700, 1800, 1900 ईस्वियों में अतिरिक्त दिन नहीं होगा, केवल 2000 ई. में होगा। किंतु उसमें भी त्रुटि रह ही गयी, 33 शतियों से अधिक वर्षों के उपरान्त ही एक दिन घटाया जाएगा।  
+
पोप ग्रेगोरी 13वें ने घोषणा की थी कि [[4 अक्टूबर]] के बाद [[15 अक्टूबर]] होना चाहिए और दस दिनों को समाप्त कर दिया गया। उसने बताया कि जब तक 400 से भाग न लग जाए तब तक शती वर्षों में 'लीप' वर्ष नहीं होना चाहिए। अत: 1700, 1800, 1900 ईस्वियों में अतिरिक्त दिन नहीं होगा, केवल 2000 ई. में होगा। किंतु उसमें भी त्रुटि रह ही गयी, 33 शतियों से अधिक वर्षों के उपरान्त ही एक दिन घटाया जाएगा।  
 
;जुलियस सीज़र का कलॅण्डर
 
;जुलियस सीज़र का कलॅण्डर
जूलियन और [[ग्रेगोरी कलॅण्डर]] महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जूलियन कलॅण्डर [[रोम]] के शासक 'जुलियस सीज़र' ने बनवाया। आगे चल कर 'पोप ग्रेगोरी तेरहवें' ने इसमें सुधार करके ग्रेगोरी कलॅण्डर शुरू किया। ईस्वी पूर्व 45 से पहले तक [[रोम]] साम्राज्य में [[रोमन कलॅण्डर]] प्रचलित था।
+
जूलियन और [[ग्रेगोरी कलॅण्डर]] महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। जूलियन कलॅण्डर [[रोम]] के शासक 'जुलियस सीज़र' ने बनवाया। आगे चल कर 'पोप ग्रेगोरी तेरहवें' ने इसमें सुधार करके ग्रेगोरी कलॅण्डर शुरू किया। ईस्वी पूर्व 45 से पहले तक [[रोम]] साम्राज्य में [[रोमन कलॅण्डर]] प्रचलित था।
 
;कमियाँ
 
;कमियाँ
जूलियन कलैंडर के हिसाब से ईस्टर का त्यौहार और अन्य धार्मिक तिथियां संबंधित ऋतुओं में सही समय पर नहीं आती थीं। कलैंडर में अतिरिक्त दिन जमा हो गए थे। पोप ग्रेगोरी 1572 से 1585 तक तेरहवें पोप रहे। सन 1582 तक वसंत विषुव यानी वर्नल इक्विनॉक्स 10 दिन पिछड़ चुका था। पोप ग्रेगोरी तेरहवें ने जूलियन कलैंडर की 10 दिनों की त्रुटि को सुधारने के लिए उस वर्ष 5 अक्टूबर की तिथि को 15 अक्टूबर मानने का आदेश दिया। इस तरह जूलियन कलैंडर में से 10 दिन घटा दिए गए। [[लीप वर्ष]] शताब्दी के अंत में रखा गया बशर्ते वह 400 की संख्या से विभाजित होता हो। इसीलिए 1700, 1800 और 1900 लीप वर्ष नहीं थे जबकि वर्ष 2000 लीप वर्ष था। इस संशोधन से [[ग्रेगोरी कलॅण्डर]] की शुरूआत हुई जिसे आज विश्व के अधिकांश देशों में अपनाया जा रहा है।
+
जूलियन कलैंडर के हिसाब से [[ईस्टर]] का त्यौहार और अन्य धार्मिक तिथियां संबंधित ऋतुओं में सही समय पर नहीं आती थीं। कलैंडर में अतिरिक्त दिन जमा हो गए थे। पोप ग्रेगोरी 1572 से 1585 तक तेरहवें पोप रहे। सन् 1582 तक वसंत विषुव यानी वर्नल इक्विनॉक्स 10 दिन पिछड़ चुका था। पोप ग्रेगोरी तेरहवें ने जूलियन कलैंडर की 10 दिनों की त्रुटि को सुधारने के लिए उस वर्ष 5 अक्टूबर की तिथि को 15 अक्टूबर मानने का आदेश दिया। इस तरह जूलियन कलैंडर में से 10 दिन घटा दिए गए। [[लीप वर्ष]] शताब्दी के अंत में रखा गया बशर्ते वह 400 की संख्या से विभाजित होता हो। इसीलिए 1700, 1800 और 1900 लीप वर्ष नहीं थे जबकि वर्ष 2000 लीप वर्ष था। इस संशोधन से [[ग्रेगोरी कलॅण्डर]] की शुरुआत हुई जिसे आज विश्व के अधिकांश देशों में अपनाया जा रहा है।
 
;अन्य कलॅण्डर
 
;अन्य कलॅण्डर
इसके बावजूद विश्व के कई देश समय की गणना के लिए अभी भी अपने परंपरागत पंचांग या कलैंडर का उपयोग कर रहे हैं। [[चीनी कलॅण्डर|चीनी]], [[इस्लामी कलॅण्डर|इस्लामी]] या हिजरी और [[यहूदी कलॅण्डर|यहूदी कलैंडर]] इसके उदाहरण हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.apnauttarakhand.com/science-and-history-of-calender/|title=कलैंडर का विज्ञान|accessmonthday=1जुलाई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
+
इसके बावजूद विश्व के कई देश समय की गणना के लिए अभी भी अपने परंपरागत पंचांग या कलैंडर का उपयोग कर रहे हैं। [[चीनी कलॅण्डर|चीनी]], इस्लामी या [[हिजरी]] और [[यहूदी कलॅण्डर|यहूदी कलैंडर]] इसके उदाहरण हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.apnauttarakhand.com/science-and-history-of-calender/|title=कलैंडर का विज्ञान|accessmonthday=1जुलाई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
  
  
{{प्रचार}}
+
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
+
{{काल गणना}}
[[Category:नया पन्ना]]
+
[[Category:काल गणना]]
 
+
[[Category:खगोल कोश]]
[[Category:कैलंडर]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

13:29, 6 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

पोप ग्रेगोरी 13वें ने घोषणा की थी कि 4 अक्टूबर के बाद 15 अक्टूबर होना चाहिए और दस दिनों को समाप्त कर दिया गया। उसने बताया कि जब तक 400 से भाग न लग जाए तब तक शती वर्षों में 'लीप' वर्ष नहीं होना चाहिए। अत: 1700, 1800, 1900 ईस्वियों में अतिरिक्त दिन नहीं होगा, केवल 2000 ई. में होगा। किंतु उसमें भी त्रुटि रह ही गयी, 33 शतियों से अधिक वर्षों के उपरान्त ही एक दिन घटाया जाएगा।

जुलियस सीज़र का कलॅण्डर

जूलियन और ग्रेगोरी कलॅण्डर महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। जूलियन कलॅण्डर रोम के शासक 'जुलियस सीज़र' ने बनवाया। आगे चल कर 'पोप ग्रेगोरी तेरहवें' ने इसमें सुधार करके ग्रेगोरी कलॅण्डर शुरू किया। ईस्वी पूर्व 45 से पहले तक रोम साम्राज्य में रोमन कलॅण्डर प्रचलित था।

कमियाँ

जूलियन कलैंडर के हिसाब से ईस्टर का त्यौहार और अन्य धार्मिक तिथियां संबंधित ऋतुओं में सही समय पर नहीं आती थीं। कलैंडर में अतिरिक्त दिन जमा हो गए थे। पोप ग्रेगोरी 1572 से 1585 तक तेरहवें पोप रहे। सन् 1582 तक वसंत विषुव यानी वर्नल इक्विनॉक्स 10 दिन पिछड़ चुका था। पोप ग्रेगोरी तेरहवें ने जूलियन कलैंडर की 10 दिनों की त्रुटि को सुधारने के लिए उस वर्ष 5 अक्टूबर की तिथि को 15 अक्टूबर मानने का आदेश दिया। इस तरह जूलियन कलैंडर में से 10 दिन घटा दिए गए। लीप वर्ष शताब्दी के अंत में रखा गया बशर्ते वह 400 की संख्या से विभाजित होता हो। इसीलिए 1700, 1800 और 1900 लीप वर्ष नहीं थे जबकि वर्ष 2000 लीप वर्ष था। इस संशोधन से ग्रेगोरी कलॅण्डर की शुरुआत हुई जिसे आज विश्व के अधिकांश देशों में अपनाया जा रहा है।

अन्य कलॅण्डर

इसके बावजूद विश्व के कई देश समय की गणना के लिए अभी भी अपने परंपरागत पंचांग या कलैंडर का उपयोग कर रहे हैं। चीनी, इस्लामी या हिजरी और यहूदी कलैंडर इसके उदाहरण हैं।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कलैंडर का विज्ञान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 1जुलाई, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख