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*'''नाभापंक्ति''' का उल्लेख [[अशोक]] के [[अशोक के शिलालेख|तेरहवें शिलालेख]] में हुआ है, परंतु उसकी ठीक पहचान नहीं हो सकी है।  
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*अभिलेख की अन्य प्रतियों में उन्हें '''नाभक''' और '''नाभिति''' भी कहा गया है।  
 
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*भण्डारकर महोदय का मत था कि वे उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रदेश और [[भारत]] के पश्चिमी तट के बीच निवास करते थे।<ref>डी.आर. भण्डारकर कृत अशोक पृ. 33</ref>
 
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09:40, 18 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

नाभापंक्ति का उल्लेख अशोक के तेरहवें शिलालेख में हुआ है, परंतु उसकी ठीक पहचान नहीं हो सकी है।

  • अभिलेख की अन्य प्रतियों में उन्हें नाभक और नाभिति भी कहा गया है।
  • भण्डारकर महोदय का मत था कि वे उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रदेश और भारत के पश्चिमी तट के बीच निवास करते थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. डी.आर. भण्डारकर कृत अशोक पृ. 33

भट्टाचार्य, सचिदानंद भारतीय इतिहास कोश (हिंदी)। लखनऊ: उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान, 220-221।

बाहरी कड़ियाँ

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