"एक बुद्ध कविता में करुणा ढूँढ रहा है -अजेय" के अवतरणों में अंतर
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गोबी में पोलो खेल रहा है गेसर खान | गोबी में पोलो खेल रहा है गेसर खान | ||
क़ज़्ज़ाकों और हूणों की कविता में लूट लिए गए हैं | क़ज़्ज़ाकों और हूणों की कविता में लूट लिए गए हैं | ||
− | ज़िन्दादिल खुश | + | ज़िन्दादिल खुश मिज़ाज जिप्सी |
यारकन्द के भोले भाले घोड़े | यारकन्द के भोले भाले घोड़े | ||
क्या लाद लिए जा रहे हैं बिला- उज़्र अपनी पीठ पर | क्या लाद लिए जा रहे हैं बिला- उज़्र अपनी पीठ पर |
06:11, 22 अक्टूबर 2012 का अवतरण
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