"आर्कटिक वेधशाला में कार्यरत वैज्ञानिक मित्रों के कुछ नोटस -अजेय" के अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "अजेय् की रचनाएँ" to "अजेय की रचनाएँ") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "बर्फ " to "बर्फ़ ") |
||
पंक्ति 40: | पंक्ति 40: | ||
मनपसंद रंगों में धमा चौकड़ी मचाएंगे | मनपसंद रंगों में धमा चौकड़ी मचाएंगे | ||
− | 10. | + | 10. बर्फ़ पर कोई सिंदूर छिड़क गया है। |
पंक्ति 47: | पंक्ति 47: | ||
सूरज हवाएँ पैदा करता है | सूरज हवाएँ पैदा करता है | ||
हवा समुद्र को छेड़ता है | हवा समुद्र को छेड़ता है | ||
− | समुद्र ने | + | समुद्र ने बर्फ़ को तोड़ना शुरू कर दिया है |
− | + | बर्फ़ पिघलते ही हरी काई के फीते तैरने लग जाएगें | |
29. यह हलचल ही है | 29. यह हलचल ही है |
14:07, 23 अप्रैल 2012 का अवतरण
| ||||||||||||||
|
सुबह होगी और दिन भर बसंत रहेगा 1995- 2006 |