सावंतवाड़ी
सावंतवाड़ी महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में बसे सिंधुदुर्ग ज़िले में एक छोटा-सा शहर है। इस शहर का नाम 'सावंतवाड़ी' यहाँ रहने वाले शासकों खेम-सावंत के वंश के बाद रखा गया था। ये यहाँ का शाही परिवार था और इसी परिवार के सम्मान के लिए इस जगह का नाम 'सावंतवाड़ी' पड़ा। हरे भरे घने जंगल, खूबसूरत झीलें और विशाल पर्वत श्रृंखलाओं के अलावा कोंकण बेल्ट सावंतवाड़ी को एक बहुत ही आकर्षक पर्यटक स्थल बनाती है। महाराष्ट्र के इस शहर की रचना जितनी जटिल है, इसका सांस्कृतिक रंग उतना ही सुन्दर और मनमोहक है।
पर्यटन स्थल
घूमने के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में सावंतवाड़ी प्रसिद्ध है। यह पूरी तरह से कोंकण स्वाद को दर्शाने वाली जगह है और ये गोवा के विश्व प्रसिद्ध समुद्र तट से बस कुछ ही दूर है। जब भी पर्यटक गोवा आएँ तो उन्हें इस जगह पर भी जरूर आना चाहिए। सावंतवाड़ी अपने पूर्व पश्चिम में अरब सागर पर पश्चिमी घाट से जुड़ा है।[1]
- काव्य प्रेमियों की जगह
इस जगह को काव्य प्रेमियों की भी जगह कहा गया है। ये जगह बहुत ही शांत और निर्मल है। यहाँ के बारे में ये भी कहा जाता है की ये एक धीमी गति की जगह है। यहाँ जाकर व्यक्ति आसानी से अपना आत्म-विश्लेषण कर सकता है। दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है की ये जगह व्यक्ति को उसका आत्म-विश्लेषण करने में मदद करती है।
निवासी
पहले सावंतवाड़ी मराठा साम्राज्य का एक अभिन्न अंग था। इसे मराठा साम्राज्य का केंद्र बिंदु कहा जाता था। बाद में ये एक अलग रियासत बन गई और मलवानियों के हाथ में आ गई। यहाँ के लोग अपनी संस्कृति, कला और शिल्प के कुशल हैं। इसके साथ ही यहाँ के लोग अपेक्षाकृत धीमा और शांत जीवन जीते हैं। यहाँ की जनसंख्या में मराठा लोगों की तादाद ज्यादा है। साथ ही यहाँ कोंकणी ब्राह्मण, दलित और मलवानी मुस्लिम भी अधिक मात्रा में रहते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सावंतवाड़ी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 02 जनवरी, 2013।