"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 71: | पंक्ति 71: | ||
{[[भारत]] में पूर्व प्रस्तर युग के अधिकांश औज़ार किसके बने थे? (पृ. सं. 25 | {[[भारत]] में पूर्व प्रस्तर युग के अधिकांश औज़ार किसके बने थे? (पृ. सं. 25 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[ | +[[स्फटिक]] | ||
-[[सेलखड़ी रत्न|सेलखड़ी]] | -[[सेलखड़ी रत्न|सेलखड़ी]] | ||
-[[गोमेद]] | -[[गोमेद]] | ||
-इन्द्रगोप मणि | -इन्द्रगोप मणि | ||
||[[चित्र:Rock-Crystal.jpg|right|100px|स्फटिक]]'स्फटिक' एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल और शीत प्रभाव वाला उपरत्न है। इसको कई नामों से जाना जाता है, जैसे- 'सफ़ेद बिल्लौर', [[अंग्रेज़ी]] में 'रॉक क्रिस्टल', [[संस्कृत]] में 'सितोपल', शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि। इसे फिटकरी भी कहा जाता है। सामान्यत: यह काँच जैसा प्रतीत होता है, परंतु यह काँच की अपेक्षा अधिक दीर्घजीवी होता है। कटाई में काँच के मुकाबले इसमें कोण अधिक उभरे होते हैं। इसकी प्रवृत्ति ठंडी होती है। अत: ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियों में वैद्यजन इसकी भस्मी का प्रयोग करते हैं। स्फटिक को नग के बजाय माला के रूप में पहना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्फटिक]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा एक [[हड़प्पा]] स्थल [[हिन्दूकुश]] के उत्तर में स्थित है? (पृ. सं. 26 | {निम्नलिखित में से कौन-सा एक [[हड़प्पा]] स्थल [[हिन्दूकुश]] के उत्तर में स्थित है? (पृ. सं. 26 |
06:10, 7 मार्च 2013 का अवतरण
|