"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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-[[पश्चिम बंगाल]] | -[[पश्चिम बंगाल]] | ||
+[[महाराष्ट्र]] | +[[महाराष्ट्र]] | ||
||[[चित्र:Ratnagiri.jpg|right|100px|रत्नागिरि का एक दृश्य, महाराष्ट्र]]'महाराष्ट्र' को पूरे [[भारत]] का औद्योगिक क्षमता का केंद्र माना जाता है और राज्य की राजधानी [[मुंबई]] देश की वित्तीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र है। राज्य की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। खाद्य उत्पाद, [[तंबाकू]] और इससे बनी चीज़ें, सूती कपडा, कपड़े से बना सामान, [[काग़ज़]] और इससे बनी चीज़ें, मुद्रण और प्रकाशन, [[रबर]], प्लास्टिक, रसायन व रासायनिक उत्पाद, बिजली की मशीनें, [[यंत्र]] व उपकरण तथा परिवहन उपकरण और उनके कल पुर्जे आदि का राज्य के औद्योगिक उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष [[2005]]-[[2006]] में औद्योगिक उत्पादन वर्ष [[2004]]-[[2005]] के मुक़ाबले 8.9 प्रतिशत अधिक रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाराष्ट्र]] | |||
{'पानी पंचायत' | {'पानी पंचायत योजना' किस राज्य से सम्बन्धित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 13) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
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-[[कश्मीर]] | -[[कश्मीर]] | ||
-[[झारखण्ड]] | -[[झारखण्ड]] | ||
||[[चित्र:Chilka-Lake-Orissa.jpg|right|100px|चिल्का झील, उड़ीसा]][[उड़ीसा]] राज्य की कृषि नीति में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करते हुए, [[दूध]], [[मछली]] और मांस उत्पादन के विकास को विशेष रूप से विकसित करने का प्रयास करके कुल दुग्ध उत्पादन 36 लाख लीटर प्रतिदिन अर्थात 3 लाख लीटर से अधिक तक पहुँचा दिया गया है। डेयरी उत्पादन के विकास के लिए 'ओडिशा दुग्ध फ़ेडरेशन' में राज्य के सभी 30 ज़िलों को सम्मिलित किया गया है। फ़ेडरेशन ने दुग्ध संरक्षण को बढाकर 2.70 लाख लीटर प्रतिदिन तक कर दिया है। ‘स्टैप’ कार्यक्रम के तहत फ़ेडरेशन द्वारा 17 ज़िलों में ‘महिला डेयरी परियोजना’ चल रही है। राज्य में 837 महिला डेयरी सहकारी समितियाँ हैं, जिनमें 60,287 महिलाएँ कार्यरत हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उड़ीसा]] | |||
{बैंक नोट प्रेस कहाँ स्थित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 3, प्र. 24) | {बैंक नोट प्रेस कहाँ स्थित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 3, प्र. 24) | ||
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-योजनामंत्री | -योजनामंत्री | ||
-[[राज्यपाल]] | -[[राज्यपाल]] | ||
||[[चित्र:Indira-Gandhi.jpg|right|100px|श्रीमती इन्दिरा गाँधी]][[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] के अनुसार [[प्रधानमंत्री]] का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है, क्योंकि प्रधानमंत्री ही संघ कार्यपालिका का प्रमुख होता है। चूंकि [[भारत]] में [[ब्रिटेन]] के समान संसदीय शासन व्यवस्था को अंगीकार किया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री पद का महत्त्व और अधिक हो गया है। अनुच्छेद-74 के अनुसार प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रधान होता है। वह [[राष्ट्रपति]] के कृत्यों का संचालन करता है। प्रधानमंत्री की योग्यता के सम्बन्ध में संविधान में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन इतना अवश्य कहा गया है कि प्रधानमंत्री [[लोक सभा]] में बहुमत प्राप्त दल का नेता होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रधानमंत्री]] | |||
{[[भारत]] में केन्द्रीय बैंक के सभी कार्यों को कौन-सा बैंक सम्पादित करता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 6, प्र. 76) | {[[भारत]] में केन्द्रीय बैंक के सभी कार्यों को कौन-सा बैंक सम्पादित करता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 6, प्र. 76) | ||
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-[[1 जनवरी]], [[2009]] | -[[1 जनवरी]], [[2009]] | ||
-1 जनवरी, [[2010]] | -1 जनवरी, [[2010]] | ||
-[[1 | -[[1 अप्रैल]], 2010 | ||
+1 जनवरी, [[2008]] | +1 जनवरी, [[2008]] | ||
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+[[गेहूँ]] और [[चावल]] | +[[गेहूँ]] और [[चावल]] | ||
-[[चाय]] और [[कॉफी]] | -[[चाय]] और [[कॉफी]] | ||
||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|100px|गेहूँ]]'गेहूँ' विश्वव्यापी महत्त्व की फ़सल है। यह लाखों लोगों का मुख्य खाद्य है। मुख्य रूप से [[एशिया]] में धान की खेती की जाती है, तो भी विश्व के सभी प्रायद्वीपों में [[गेहूँ]] उगाया जाता है। [[भारत]] में इसकी खेती का सबसे अच्छा समय [[अक्टूबर]] और [[नवम्बर]] का समय होता है। हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ की [[कृषि]] पर ही पड़ा है। गेहूँ के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य [[उत्तर प्रदेश]], [[पंजाब]] तथा [[हरियाणा]] में हरित क्रांति के प्रयोगों से उच्च उत्पादकता तथा उत्पादन की मात्रा अधिक प्राप्त की गई है। इन राज्यों में कुल 758 लाख टन गेहूँ का उत्पादन हुआ, जो [[1990]]-[[1991]] की तुलना में 3.67% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गेहूँ]] | |||
||[[चित्र:Rice-Harvest.jpg|right|100px|चावल]]'चावल' विश्व की दूसरी सर्वाधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाने वाली फ़सल है। विश्व में लगभग 15 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर 45 करोड़ टन [[चावल]] का उत्पादन होता है। [[भारत]] विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ पर विश्व के कुल उत्पादन का 20% चावल पैदा किया जाता है। हरित क्रांति के दौरान भारत में चावल की अनेक प्रजातियाँ विकसित की गईं, जिनमें 'विजया', 'पद्मा', 'कांची' आदि प्रमुख हैं। भारत में चावल उत्पादक राज्यों में [[पश्चिम बंगाल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[आन्ध्र प्रदेश]], [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]], [[उड़ीसा]], [[असम]] तथा [[पंजाब]] है। यह [[दक्षिणी भारत]] और [[पूर्वी भारत]] के राज्यों का मुख्य भोजन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चावल]] | |||
{तेरहवाँ वित्त आयोग कब गठित किया गया था?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 36) | {तेरहवाँ वित्त आयोग कब गठित किया गया था?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 36) |
06:26, 20 जुलाई 2012 का अवतरण
अर्थशास्त्र
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