"मध्य प्रदेश का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य [[अवंति]] था, जिसकी राजधानी [[उज्जैन]] थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य [[मौर्य साम्राज्य]] (चौथी से तीसरी शताब्दी ई. पू.) का अंग था, जो बाद में [[मालवा]] के नाम से जाना गया। | [[चित्र:Buddha-Stupas.jpg|thumb|250px|[[बुद्ध]] [[स्तूप]], सांची<br /> Buddha Stupa, Sanchi]] | ||
[[मध्य प्रदेश]] में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य [[अवंति]] था, जिसकी राजधानी [[उज्जैन]] थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य [[मौर्य साम्राज्य]] (चौथी से तीसरी शताब्दी ई. पू.) का अंग था, जो बाद में [[मालवा]] के नाम से जाना गया। | |||
दूसरी शताब्दी ई. पू. से सोलहवीं शताब्दी तक मध्य प्रदेश पर पूर्वी मालवा के शासक [[शुंग]] (185 से 73 ई. पू.), [[आंध्र प्रदेश|आंध्र]] के [[सातवाहन]], पहली या तीसरी शताब्दी ई. पू. से तीसरी शताब्दी तक, क्षत्रप दूसरी से चौथी शताब्दी तक, नाग दूसरी से चौथी शताब्दी ने राज्य किया। मध्य प्रदेश की [[नर्मदा नदी]] के उत्तर में [[गुप्त साम्राज्य]] का शासन था। यह [[हूण|हूणों]] और कलचुरियों के सत्ता संघर्ष का स्थल रहा, बाद में मालवा पर कलचुरियों ने कुछ समय के लिए अधिकार किया। छठी शताब्दी के में उत्तरी भारत के शासक [[हर्षवर्द्धन|हर्ष]] ने मालवा पर अधिकार कर लिया। | दूसरी शताब्दी ई. पू. से सोलहवीं शताब्दी तक मध्य प्रदेश पर पूर्वी मालवा के शासक [[शुंग]] (185 से 73 ई. पू.), [[आंध्र प्रदेश|आंध्र]] के [[सातवाहन]], पहली या तीसरी शताब्दी ई. पू. से तीसरी शताब्दी तक, क्षत्रप दूसरी से चौथी शताब्दी तक, नाग दूसरी से चौथी शताब्दी ने राज्य किया। मध्य प्रदेश की [[नर्मदा नदी]] के उत्तर में [[गुप्त साम्राज्य]] का शासन था। यह [[हूण|हूणों]] और कलचुरियों के सत्ता संघर्ष का स्थल रहा, बाद में मालवा पर कलचुरियों ने कुछ समय के लिए अधिकार किया। छठी शताब्दी के में उत्तरी भारत के शासक [[हर्षवर्द्धन|हर्ष]] ने मालवा पर अधिकार कर लिया। | ||
10वीं शताब्दी में कलचुरी फिर शक्तिशाली हो गए। उनके समकालीन थे - [[धार]] के [[परमार वंश|परमार]], [[ग्वालियर]] में कछवाहा और [[झाँसी]] से 160 किलोमीटर दक्षिण—पश्चिम में [[खजुराहो]] में चंदेल। बाद में तोमरों ने ग्वालियर और जनजातीय गोंडों ने शासन किया। | 10वीं शताब्दी में कलचुरी फिर शक्तिशाली हो गए। उनके समकालीन थे - [[धार]] के [[परमार वंश|परमार]], [[ग्वालियर]] में कछवाहा और [[झाँसी]] से 160 किलोमीटर दक्षिण—पश्चिम में [[खजुराहो]] में चंदेल। बाद में तोमरों ने ग्वालियर और जनजातीय गोंडों ने शासन किया। | ||
11वीं शताब्दी में [[मुसलमान|मुसलमानों]] के आक्रमण शुरू हुए। ग्वालियर की [[हिन्दू]] रियासत को 1231 में सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने [[दिल्ली]] में मिला लिया। 14वीं शताब्दी में ख़िलजी सुल्तानों ने मालवा को बरबाद किया। इसके बाद मुग़ल शासक [[अकबर]] (1556—1605) ने इसे मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में मराठा शक्ति ने मालवा पर अधिकार किया और 1760 तक एक बड़ा भूभाग, जो अब मध्य प्रदेश है, मराठों के शासन में आ गया। 1761 में [[पेशवा]] की पराजय के साथ ही ग्वालियर में सिंधिया और दक्षिण—पश्चिम में [[इंदौर]] में होल्कर राजवंश का शासन स्थापित हुआ। | 11वीं शताब्दी में [[मुसलमान|मुसलमानों]] के आक्रमण शुरू हुए। ग्वालियर की [[हिन्दू]] रियासत को 1231 में सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने [[दिल्ली]] में मिला लिया। 14वीं शताब्दी में ख़िलजी सुल्तानों ने मालवा को बरबाद किया। इसके बाद मुग़ल शासक [[अकबर]] (1556—1605) ने इसे मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में मराठा शक्ति ने मालवा पर अधिकार किया और 1760 तक एक बड़ा भूभाग, जो अब मध्य प्रदेश है, मराठों के शासन में आ गया। 1761 में [[पेशवा]] की पराजय के साथ ही ग्वालियर में सिंधिया और दक्षिण—पश्चिम में [[इंदौर]] में होल्कर राजवंश का शासन स्थापित हुआ। | ||
*[[इंदौर]] की रानी [[अहिल्याबाई होल्कर]], गोंड की महारानी कमलापति और रानी [[दुर्गावती]] आदि कुछ महान महिला शासकों ने अपने उत्कृष्ट शासन के लिए भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया। | *[[इंदौर]] की रानी [[अहिल्याबाई होल्कर]], गोंड की महारानी कमलापति और रानी [[दुर्गावती]] आदि कुछ महान महिला शासकों ने अपने उत्कृष्ट शासन के लिए भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया। | ||
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Buddha Stupa, Sanchi
मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य अवंति था, जिसकी राजधानी उज्जैन थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य मौर्य साम्राज्य (चौथी से तीसरी शताब्दी ई. पू.) का अंग था, जो बाद में मालवा के नाम से जाना गया।
दूसरी शताब्दी ई. पू. से सोलहवीं शताब्दी तक मध्य प्रदेश पर पूर्वी मालवा के शासक शुंग (185 से 73 ई. पू.), आंध्र के सातवाहन, पहली या तीसरी शताब्दी ई. पू. से तीसरी शताब्दी तक, क्षत्रप दूसरी से चौथी शताब्दी तक, नाग दूसरी से चौथी शताब्दी ने राज्य किया। मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के उत्तर में गुप्त साम्राज्य का शासन था। यह हूणों और कलचुरियों के सत्ता संघर्ष का स्थल रहा, बाद में मालवा पर कलचुरियों ने कुछ समय के लिए अधिकार किया। छठी शताब्दी के में उत्तरी भारत के शासक हर्ष ने मालवा पर अधिकार कर लिया।
10वीं शताब्दी में कलचुरी फिर शक्तिशाली हो गए। उनके समकालीन थे - धार के परमार, ग्वालियर में कछवाहा और झाँसी से 160 किलोमीटर दक्षिण—पश्चिम में खजुराहो में चंदेल। बाद में तोमरों ने ग्वालियर और जनजातीय गोंडों ने शासन किया।
11वीं शताब्दी में मुसलमानों के आक्रमण शुरू हुए। ग्वालियर की हिन्दू रियासत को 1231 में सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने दिल्ली में मिला लिया। 14वीं शताब्दी में ख़िलजी सुल्तानों ने मालवा को बरबाद किया। इसके बाद मुग़ल शासक अकबर (1556—1605) ने इसे मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में मराठा शक्ति ने मालवा पर अधिकार किया और 1760 तक एक बड़ा भूभाग, जो अब मध्य प्रदेश है, मराठों के शासन में आ गया। 1761 में पेशवा की पराजय के साथ ही ग्वालियर में सिंधिया और दक्षिण—पश्चिम में इंदौर में होल्कर राजवंश का शासन स्थापित हुआ।
- इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर, गोंड की महारानी कमलापति और रानी दुर्गावती आदि कुछ महान महिला शासकों ने अपने उत्कृष्ट शासन के लिए भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया।
- मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर, 1956 को हुई थी।
- नया राज्य छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हुए विभाजन के बाद यह अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया।
- मध्य प्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम में राजस्थान और गुजरात, दक्षिण में महाराष्ट्र है।
- मध्य प्रदेश में नर्मदा की घाटी में नवदाटोली की खुदाई 1957-1958 में की गयी थी। नवदाटोली इन्दौर से दक्षिण की ओर 60 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ के निवासी गोल, आयताकार या वर्गाकार झोंपड़ियाँ बनाते थे। व उनमें निवास किया करते थे।
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