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==इतिहास==
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{[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] का मूल नाम था?
{निम्न में से किसका मूल नाम 'अली गुरशास्प' था?
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-अबू रैहान
-इमामुद्दीन रैहान
+अली गुरशास्प
-इनमें से कोई नहीं
 
{किस सुल्तान ने एक नया मंत्रालय 'दीवान-ए-रियासत (वाणिज्य मंत्रालय) की स्थापना की?
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-[[जहाँगीर]]
-[[शेरशाह सूरी]]
+[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
+[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
-[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]]
-[[औरंगज़ेब]]
-[[गयासुद्दीन तुग़लक]]
||अलाउद्दीन ख़िलजी (1296-1316 ई.) तक [[दिल्ली]] का सुल्तान था। वह [[ख़िलजी वंश]] के संस्थापक [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] का भतीजा और दामाद था। सुल्तान बनने के पहले उसे [[इलाहाबाद]] के निकट [[कड़ा]] की जागीर दी गयी। अलाउद्दीन ख़िलजी का बचपन का नाम 'अली गुरशास्प' था। जलालुद्दीन ख़िलजी के तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
-[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]]
||'''अलाउद्दीन ख़िलजी''' (1296-1316 ई.) तक [[दिल्ली]] का सुल्तान था। वह [[ख़िलजी वंश]] के संस्थापक [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] का भतीजा और दामाद था। सुल्तान बनने के पहले उसे [[इलाहाबाद]] के निकट [[कड़ा]] की जागीर दी गयी। अलाउद्दीन ख़िलजी का बचपन का नाम अली 'गुरशास्प' था। जलालुद्दीन ख़िलजी के तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]


 
{[[कृष्णदेव राय]] कहाँ के राजा थे?
{[[कृष्णदेव राय]] राजा थे।
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-[[बहमनी वंश|बहमनी]]
-[[बहमनी वंश]] के
-[[चोल राजवंश|चोल]]
-[[चोल राजवंश]] के
+[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]]
+[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के
-[[पल्लव वंश|पल्लव]]
-[[पल्लव वंश]] के
||विजयनगर साम्राज्य का विभाजन प्रान्त, राज्य या मंडल में किया गया था। [[कृष्णदेव राय]] के शासनकाल में प्रान्तों की संख्या सर्वाधिक 6 थी। प्रान्तों के गर्वनर के रूप में राज परिवार के सदस्य या अनुभवी दण्डनायकों की नियुक्ति की जाती थी। इन्हें सिक्कों को प्रसारित करने, नये कर लगाने, पुराने कर माफ करने एवं भूमिदान करने आदि की स्वतन्त्रता प्राप्त थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]]


{[[हम्पी]] का खुला सग्रहालय किस राज्य में है?
{[[हम्पी]] का खुला संग्रहालय किस राज्य में है?
|type="()"}
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+[[कर्नाटक]]
+[[कर्नाटक]]
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-[[आंध्र प्रदेश]]
-[[आंध्र प्रदेश]]
-[[तमिलनाडु]]
-[[तमिलनाडु]]
||[[चित्र:Sringeri Sharada Peeth.jpg|श्रृंगेरी पीठ, शारदा, कर्नाटक|100px|right]]कर्नाटक राज्य का लगभग 2,000 वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। कर्नाटक पर [[नंद]], [[मौर्य]] और [[सातवाहन]] नामक राजाओं का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इसी क्षेत्र के राजवंशों बनवासी के कदंब तथा गंगों का अधिकार रहा। [[श्रवणबेलगोला मैसूर|श्रवणबेलगोला]] में गोमतेश्वर की विशाल  प्रतिमा गंग वंश के मंत्री चामुंडराया ने बनवायी थी, जो विश्व प्रसिद्ध है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]]
||[[चित्र:Sringeri Sharada Peeth.jpg|श्रृंगेरी पीठ, शारदा, कर्नाटक|100px|right]][[कर्नाटक]] राज्य का लगभग 2,000 वर्ष का लिखित [[इतिहास]] उपलब्ध है। कर्नाटक पर [[नंद]], [[मौर्य]] और [[सातवाहन]] नामक राजाओं का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इसी क्षेत्र के राजवंशों बनवासी के [[कदम्ब वंश|कदम्ब]] तथा [[गंग वंश|गंगों]] का अधिकार रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]]


{[[अटाला मस्जिद]] कहाँ स्थित है?
{[[अटाला मस्जिद]] कहाँ स्थित है?
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+[[जौनपुर]] में
+[[जौनपुर]] में
-[[ख़ानदेश]] में
-[[ख़ानदेश]] में
-पण्डुआ.बंगाल में
-[[बंगाल]] में
||[[चित्र:Central-Pishtaq-Atala-Masjid-Jaunpur.jpg|केंद्रीय तोरण द्वार, अटाला मस्जिद, जौनपुर|100px|right]]जौनपुर शहर शर्क़ी वंश (1394-1479) के स्वतंत्र मुस्लिम राज्य की राजधानी था। 1559 ने [[अकबर]] ने इसे जीता और 1775 में यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। जौनपुर में [[अटाला मस्जिद]] (1408) और जामी मस्जिद (1478) समेत कई पुरानी मस्जिदें हैं। गोमती नदी पर 16वीं शताब्दी में बना एक शानदार पुल है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जौनपुर]]
||[[चित्र:Central-Pishtaq-Atala-Masjid-Jaunpur.jpg|केंद्रीय तोरण द्वार, अटाला मस्जिद, जौनपुर|100px|right]][[जौनपुर]] शहर शर्क़ी वंश (1394-1479) के स्वतंत्र [[मुसलमान|मुस्लिम]] राज्य की राजधानी था। 1559 में [[अकबर]] ने इसे जीता और 1775 में यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। जौनपुर में '[[अटाला मस्जिद]]' (1408) और 'जामी मस्जिद' (1478) समेत कई पुरानी मस्जिदें हैं। [[गोमती नदी]] पर 16वीं शताब्दी में बना एक शानदार पुल भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जौनपुर]]
 
{किस सुल्तान ने एक नया मंत्रालय 'दीवान-ए-रियासत' (वाणिज्य मंत्रालय) की स्थापना की?
|type="()"}
+[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
-[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]]
-[[गयासुद्दीन तुग़लक]]
-[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]]
||[[जलालुद्दीन ख़िलजी]] के तख्त पर बैठने के बाद [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] को 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे [[कड़ा]]-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी। आर्थिक मामलों से सम्बन्धित 'दीवान-ए-रियासत' नये विभाग की स्थापना अलाउद्दीन ख़िलजी ने की थी, जो व्यापारी वर्ग पर नियंत्रण रखता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]


{'बीजक' का रचयिता कौन है?
{निम्न में से किस महापुरुष से 'बीजक' का सम्बन्ध है?
|type="()"}  
|type="()"}  
-[[सूरदास]]
-[[सूरदास]]
+[[कबीर]]
+[[कबीर]]
-[[रैदास]]
-[[रैदास]]
-पीपा
-[[तुलसीदास]]
||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]]कबीरदास के समस्त विचारों में राम-नाम की महिमा प्रतिध्वनित होती है। वे एक ही ईश्वर को मानते थे और कर्मकाण्ड के घोर विरोधी थे। अवतार, मूर्त्ति, रोज़ा, [[ईद]], मस्जिद, मंदिर आदि को वे नहीं मानते थे। कबीर के नाम से मिले ग्रंथों की संख्या भिन्न-भिन्न लेखों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। कबीर की वाणी का संग्रह `बीजक' के नाम से प्रसिद्ध है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]]
||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]][[कबीरदास]] के समस्त विचारों में [[राम]] नाम की महिमा प्रतिध्वनित होती है। वे एक ही ईश्वर को मानते थे और कर्मकाण्ड के घोर विरोधी थे। [[अवतार]], मूर्त्ति, रोज़ा, [[ईद]], मस्जिद, मंदिर आदि को वे नहीं मानते थे। कबीर के नाम से मिले ग्रंथों की संख्या भिन्न-भिन्न लेखों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। कबीर की वाणी का संग्रह `बीजक' के नाम से प्रसिद्ध है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]]
 
{वह प्राचीन नाम क्या है, जिससे [[पटना]] नगर को जाना जाता था?


{आलसियों का मूंल- '[[अजगर करे ना चाकरी]] पछी करे न काम का रचयिता है-
-[[कौशल]]
|type="()"}
 
-[[दादू दयाल]]
-[[गया]]
+मलूक दास
 
-[[कबीर]]
+[[पाटलिपुत्र]]
-[[तुलसी]]
-[[मगध]]
 
||[[पटना]] [[भारत]] के [[बिहार]] प्रान्त की राजधानी है। पटना का प्राचीन नाम [[पाटलीपुत्र]] था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है, जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। इस शहर का ऐतिहासिक महत्त्व है। ईसा पूर्व [[मैगस्थनीज़]] (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक [[इंडिका]] में इस नगर का उल्लेख किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटलिपुत्र]]


{'सूफ़िया कलाम' जो एक प्रकार का भक्ति संगीत है विशेषता है-
{'सूफ़िया कलाम', जो एक प्रकार का [[भक्ति]] [[संगीत]] है, कहाँ की विशेषता है?
|type="()"}  
|type="()"}  
-[[गुजरात]] की
-[[गुजरात]] की
-[[राजस्थान]] की
-[[राजस्थान]] की
+[[कश्मीर]] की
+[[कश्मीर]] की
-इनमें से कोई नहीं
-[[अलीगढ़]] की
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[किंवदंती]] है कि महर्षि [[कश्यप]] [[श्रीनगर]] से तीन मील दूर हरि-पर्वत पर रहते थे। जहाँ आजकल कश्मीर की घाटी है, वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी जिसके पानी को निकाल कर [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]]
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[गुप्त काल]] में ही [[बौद्ध धर्म]] की अवनति अन्य प्रदेशों की भाति [[कश्मीर]] में भी प्रारम्भ हो गई थी और [[शैव धर्म]] का उत्कर्ष धीरे -धीरे बढ़ रहा था। [[शैवमत]] के तथा पुनरुज्जीवित [[हिन्दू धर्म]] के प्रचार में अभिनवगुप्त तथा [[शंकराचार्य]] जैसे दार्शनिकों का बड़ा हाथ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]]
 


{'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है?
{'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है?
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+पंचतत्र
+पंचतत्र


{निम्न में किस शासक का काल '[[संगमरमर रत्न|संगमरमर]] का काल' कहलाता है?
{निम्न में से किस शासक का काल '[[संगमरमर रत्न|संगमरमर]] का काल' कहलाता है?
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-[[जहाँगीर]]
-[[जहाँगीर]]
-[[औरंगजेब]]
-[[औरंगजेब]]
+[[शाहजहाँ]]
+[[शाहजहाँ]]
-इनमें से कोई नहीं
-[[दारा शिकोह]]
||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]'''शाहजहाँ''' का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]]
||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]शाहजहाँ के बचपन का नाम 'ख़ुर्रम' था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने [[पिता]] का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा [[कला]] प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]]


{[[शिवाजी]] का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था?
{[[शिवाजी]] का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था?
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+[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]]
+[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]]
-कालानौर
-[[दिल्ली]]
-[[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]]
-[[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]]
-[[आगरा]]
-[[आगरा]]
||[[चित्र:Fort-Raigarh-Maharashtra.jpg|right|120px|रायगढ़ क़िला, महाराष्ट्र]]रायगढ़ पश्चिमी [[भारत]] का ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह [[मुंबई]] (भूतपूर्व बंबई) के ठीक दक्षिण में [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। [[शिवाजी]] का राज्याभिषेक रायगढ़ में, 6 जून, 1674 ई. को हुआ था। [[काशी]] के प्रसिद्ध विद्वान गंगाभट्ट इस समारोह के आचार्य थे। उपरान्त 1689-90 ई. में [[औरंगज़ेब]] ने इस पर अधिकार कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]]


{[[ग्वालियर]] राज्य की स्थापना किसने की थी?
{[[ग्वालियर]] राज्य की स्थापना किसने की थी?
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-[[माधव राव सिंधिया]]
-[[माधव राव सिंधिया]]
-बाजीराव सिंधिया
-[[बालाजी बाजीराव]]
-[[महादजी सिंधिया]]
-[[महादजी सिंधिया]]
+जीवाजीराव सिंधिया
+जीवाजीराव सिंधिया


{[[भारत]] में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का पहला गवर्नर-जनरल कौन था?
{[[भारत]] में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का पहला [[गवर्नर-जनरल]] कौन था?
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-राबर्ट क्लाइव
-रॉबर्ट क्लाइव
-सर जान शोर
-सर जॉन शोर
-लार्ड मर्क्विज ऑफ़ हेस्टिंग्स
-लॉर्ड मर्क्विज ऑफ़ हेस्टिंग्स
+[[वारेन हेस्टिंग्स]]
+[[वारेन हेस्टिंग्स]]
||1750 ई. में वारेन हेस्टिंग्स कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में [[कलकत्ता]] पहुँचा और अपनी कार्यकुशलता के कारण शीघ्र ही वह [[कासिम बाज़ार]] का अध्यक्ष बन गया। 1772 ई. में इसे [[बंगाल]] का गवर्नर बनाया गया। 1773 ई. के 'रेग्युलेटिंग एक्ट' के द्वारा उसे 1774 ई. में '''बंगाल का गवर्नर जनरल''' नियुक्त किया गया। अपने प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत हेस्टिंग्स ने सर्वप्रथम 1772 ई. में 'कोर्ट ऑफ़ डाइरेक्टर्स' के आदेशानुसार बंगाल से द्वैध शासन की समाप्ति की घोषणा की और सरकारी खजाने का स्थानान्तरण [[मुर्शिदाबाद]] से कलकत्ता किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वारेन हेस्टिंग्स]]
||1750 ई. में वारेन हेस्टिंग्स कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में [[कलकत्ता]] पहुँचा और अपनी कार्यकुशलता के कारण शीघ्र ही वह [[कासिम बाज़ार]] का अध्यक्ष बन गया। 1772 ई. में इसे [[बंगाल]] का गवर्नर बनाया गया। 1773 ई. के 'रेग्युलेटिंग एक्ट' के द्वारा उसे 1774 ई. में '''बंगाल का गवर्नर जनरल''' नियुक्त किया गया। अपने प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत हेस्टिंग्स ने सर्वप्रथम 1772 ई. में 'कोर्ट ऑफ़ डाइरेक्टर्स' के आदेशानुसार बंगाल से द्वैध शासन की समाप्ति की घोषणा की और सरकारी खजाने का स्थानान्तरण [[मुर्शिदाबाद]] से कलकत्ता किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वारेन हेस्टिंग्स]]
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-[[पटना]]
-[[पटना]]
-[[इलाहाबाद]]
-[[इलाहाबाद]]
||[[चित्र:Clock-Tower-Lucknow.jpg|घंटाघर, लखनऊ|100px|right]]लखनऊ नगर [[भारत]] गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य [[उत्तर प्रदेश]] की राजधानी है। लखनऊ नगर [[गोमती नदी]] के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ]]
||[[चित्र:Clock-Tower-Lucknow.jpg|घंटाघर, लखनऊ|100px|right]]लखनऊ नगर [[भारत]] गणराज्य के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य [[उत्तर प्रदेश]] की राजधानी है। लखनऊ नगर [[गोमती नदी]] के किनारे पर बसा हुआ है। लखनऊ नगर में, लखनऊ ज़िला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है। लखनऊ नगर अपनी ख़ास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसंस्कृति, आम के बाग़ों और चिकन की कढ़ाई, नामचीन कत्थक नृत्य कला का जन्मस्थल, बेगम अख्त्तर की ग़ज़लों का सरूर लिए 'पहले आप' की तहज़ीबो अदब और शाम-ए-अवध के लिए जाने जाना वाला नवाबी तबियत का पूरी दुनिया में एक ही शहर है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ]]
 
 
 
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14:45, 15 जून 2011 का अवतरण

इतिहास

1 निम्न में से किसका मूल नाम 'अली गुरशास्प' था?

जहाँगीर
शेरशाह सूरी
अलाउद्दीन ख़िलजी
औरंगज़ेब

3 हम्पी का खुला संग्रहालय किस राज्य में है?

कर्नाटक
राजस्थान
आंध्र प्रदेश
तमिलनाडु

4 अटाला मस्जिद कहाँ स्थित है?

गुजरात में
जौनपुर में
ख़ानदेश में
बंगाल में

5 किस सुल्तान ने एक नया मंत्रालय 'दीवान-ए-रियासत' (वाणिज्य मंत्रालय) की स्थापना की?

अलाउद्दीन ख़िलजी
मुहम्मद बिन तुग़लक़
गयासुद्दीन तुग़लक
फ़िरोज़शाह तुग़लक़

6 निम्न में से किस महापुरुष से 'बीजक' का सम्बन्ध है?

सूरदास
कबीर
रैदास
तुलसीदास

7 वह प्राचीन नाम क्या है, जिससे पटना नगर को जाना जाता था?

-कौशल

-गया

+पाटलिपुत्र -मगध

गुजरात की
राजस्थान की
कश्मीर की
अलीगढ़ की

8 'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है?

महाभारत
रामायण
सूरसागर
पंचतत्र

9 निम्न में से किस शासक का काल 'संगमरमर का काल' कहलाता है?

जहाँगीर
औरंगजेब
शाहजहाँ
दारा शिकोह

10 शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था?

रायगढ़
दिल्ली
रायचूर
आगरा

11 ग्वालियर राज्य की स्थापना किसने की थी?

माधव राव सिंधिया
बालाजी बाजीराव
महादजी सिंधिया
जीवाजीराव सिंधिया

रॉबर्ट क्लाइव
सर जॉन शोर
लॉर्ड मर्क्विज ऑफ़ हेस्टिंग्स
वारेन हेस्टिंग्स

13 भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की?

कोलंबस
मैंगल्स
टॉमस मूर
वास्को द गामा