"विक्रम चोल": अवतरणों में अंतर

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10:53, 18 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • कुलोत्तुंग प्रथम की मृत्यु के बाद उसका पुत्र विक्रम चोल (1120-1133 ई.) चालुक्य साम्राज्य के राजसिंहासन पर आसीन हुआ।
  • विक्रमादित्य षष्ठ के मरने के बाद उसने पुनः वेंगी पर पुन: अधिकार कर लिया।
  • 1133 ई. के लगभग उसने पश्चिमी चालुक्य नरेश सोमेश्वर तृतीय को पराजित किया।
  • वह अपने पिता की नतियों एवं आदर्शों के बिल्कुल प्रतिकूल प्रवृत्ति का था।
  • वह धार्मिक दृष्टि से एक असहिष्णु प्रवृत्ति का व्यक्ति था।
  • विक्रम चोल ने चिदंबरम् के नटराज मंदिर को अपार दान दिया था।
  • उसने ‘अकलक’ एवं ‘त्याग समुद्र’ की उपाधियाँ धारण की थीं।


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