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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'मोनालिसा' चित्र किसने बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-41
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| -राफेल
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| -मोने
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| +[[लियोनार्डो दा विंची]]
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| -फ्रा-फिल्लिप्पो-लिप्पी
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| ||मोनालिया इटैलियन चित्रकार [[लियोनार्डो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है।
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| {सूर्यमुखी चित्रित किया है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-54
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| -पिकासो ने
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| +वान गॉग ने
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| -गॉगिन ने
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| -राफेल ने
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| ||'[[सूरजमुखी]] के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रखा हुआ है।
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| {'3 मई' किस [[चित्रकार]] की रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-75
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| +गोया
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| -पिकासो
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| -मोने
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| -कूर्बे
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| ||'3 मई' चित्र के [[चित्रकार]] गोया हैं। इनका चित्र '2 मई' भी प्रसिद्ध है। युद्ध के विषय पर उन्होंने 'युद्ध के दृष्परिणाम' नाम से कुछ तैल चित्र भी बनाए जिनमें से 'दो मई' एवं 'तीन मई' विशेष प्रसिद्ध हैं और वे उनके समाजवादी चित्रण की स्फोटकता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
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| {पॉल सेजां किस कला आंदोलन के अंतर्गत आते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-67
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| -[[प्रभाववाद]]
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| -उत्तरप्रभाववाद
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| +नवप्रभाववाद
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| -स्वच्छंदवाद
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| ||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। चित्रकार सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार प्रभाववाद से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए।
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| {स्वर्णिम सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को किस अनुपात में रखा जाता है। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-174,प्रश्न-64
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| +2:3
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| -6:7
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| -1:1
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| -4:6
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| ||स्वर्णिम सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को रखने उकेरने की शुरुआत फिबोनाची श्रेणी के अनुरूप सर्पिल घुमाव के साथ की जाती है। इस सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को 2:3 अनुपात में रखा जाता है।
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| {किसी ठोस घन की कितनी सतहें होती हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-42
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| |type="()"}
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| -3
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| +6
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| -4
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| -8
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| ||किसी ठोस घन की 6 सतहें होती हैं।
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| {'नारी जाति की रहस्यमयी पहेली' किसे कहा गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-43
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| |type="()"}
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| -मडोना की
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| -यूरोपा को
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| +मोनालिसा को
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| -मंडोला को
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| ||[[लियोनार्डो दा विंची]] की पेंटिंग मोनालिसा को 'नारी जाति की रहस्यमयी पहेली' कहा गया है।
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| {वान गॉग का प्रसिद्ध चित्र है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-56
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| |type="()"}
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| -द मून एंड द अर्थ
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| -कार्ड प्लेयर्स
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| +सन फ्लावर
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| -दे बेदर्स
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| ||'सूरजमुखी के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रखा हुआ है।
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| {जॉन सेनेफील्डर ने किसका आविष्कार किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-76
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| |type="()"}
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| -इंटैग्लियो प्रिंटिंग
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| -स्क्रीन प्रिंटिंग
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| +लिथोग्राफी
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| -लेटर
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| ||जॉन सेनेफील्डर (जर्मन) ने लिथोग्राफ़ी का आविष्कार किया था। वर्ष 1789 में उन्होंने फ्लैट-सर्फेस प्रिंटिंग (आधुनिक लिथोग्राफ़ी) की खोज की। सेनेफील्डर ने बाद में [[संगीत]] संपादक जॉन एंटोन एंड्रे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए अन्य लोगों को लिथोग्राफ़ी में प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया।
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| {काग़ज़ की कतरनों से बनाए जाने वाले चित्र को क्या कहते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-168,प्रश्न-16
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| |type="()"}
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| -इंटैग्लियो
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| -लीथोग्राफ
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| +कोलॉज
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| -ग्राफिक्स
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| {[[रामधारी सिंह 'दिनकर'|रामधारी सिंह 'दिनकर]]' को किस 'ग्रंथ' के लिए [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]] मिला था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-183,प्रश्न-16
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| |type="()"}
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| -[[ययाति]]
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| -चित्त पावन
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| -मृत्युन्जय
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| +[[उर्वशी -रामधारी सिंह दिनकर|उर्वशी]]
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| ||[[रामधारी सिंह 'दिनकर']] को उनकी रचना 'उर्वशी' के लिए वर्ष [[1972]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] प्रदान किया था।
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| {[[भारत]] में सबसे अधिक [[वर्षा]] कहां होती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-47
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| |type="()"}
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| -[[टिहरी गढ़वाल]]
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| +मॉसिनराम
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| -[[माथेरान]]
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| -[[लोनावाला]]
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| ||गिनीज बुक के अनुसार, सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम ([[मेघालय]]) में होती है। यहां पर वार्षिक वर्षा, 11,873 मिमी. होती है। जिनमें सर्वाधिक मानसून के दौरान जून-सितंबर के मध्य वर्ष होती है। इस मामले में दूसरे स्थान पर चेरापूंजी (मेघालय) है जहां पर प्रति वर्ष 11,430 मिमी. वर्षा होती है।
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| {[[प्लेटो]] द्वारा लिखित ग्रंथ कौन सा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-205,प्रश्न-155
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| |type="()"}
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| +सिम्पोजियम
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| -क्रिकिट ऑफ़ जजमेंट
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| -एस्थेटिक
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| -एन्नीडस
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| ||[[प्लेटो]] द्वारा लिखित ग्रंथ 'ऑन लॉ ऑफ़ ब्यूटी: सिम्पोजियम है।
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| {[[गांधार शैली मूर्तिकला|गांधार शैली]] मुख्यत: यूनानी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-238
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| |type="()"}
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| -चित्रशैली है
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| +[[मूर्तिकला गांधार शैली|मूर्ति शैली है]]
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| -यवन शैली है
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रण शैली गांधार शैली है। इस [[मूर्तिकला|मूर्तिकला शैली]] के प्रमुख संरक्षक [[शक]] एवं [[कुषाण]] थे। गांधार कला शैली कुषाणों के समय पनपी थी। गांधार कला [[पाकिस्तान]] एवं पूर्वी [[अफ़गानिस्तान]] के बीच विकसित हुई। [[भारत]] में यह कला कुषाण वंश के दौरान फली-फूली तथा कुषाण कला का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गई। इन कला का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध', 'इंडो-ग्रीक', या 'ग्रीको-रोमन' भी कहा जाता है।
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| {रोड्स के द्वारा किन रंगों की दृश्यानुभूति होती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-169,प्रश्न-26
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| |type="()"}
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| -[[लाल रंग|लाल]]-[[पीला रंग|पीला]]
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| -[[हरा रंग|हरा]]-[[काला रंग|काला]]
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| +[[सफेद रंग|सफेद]]-[[काला रंग|काला]]
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| -[[नीला रंग|नीला]]-[[पीला रंग|पीला]]
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| ||रेटिना के पार्श्व भाग में रोड्स तथा कोंस सूक्ष्म तंतु ग्रंथियां होती हैं। इन तंतु ग्रंथियों का संबंध मानव की दृश्य चेतना से होता है। इसी दृश्य चेतना से [[रंग]] की अनुभूति होती है। रोड्स के चेतन द्वारा काले एवं [[सफेद रंग|सफेद रंगों]] की दृश्यानुभूति होती है।
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| {एक सफल शैक्षणिक पाठ्यक्रम में किसका महत्त्व है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-179,प्रश्न-18 | | {एक सफल शैक्षणिक पाठ्यक्रम में किसका महत्त्व है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-179,प्रश्न-18 |
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