"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले [[लाला लाजपत राय]] 'पंजाब केसरी' भी कहे जाते हैं। ये '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के 'गरम दल' के प्रमुख नेता तथा पूरे [[पंजाब]] के प्रतिनिधि थे। लालाजी को 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने देशभर में स्वदेशी वस्तुएँ अपनाने के लिए अभियान चलाया। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने जब [[1905]]] में '[[बंगाल का विभाजन]]' कर दिया तो लालाजी ने [[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]] और [[विपिनचंद्र पाल]] जैसे आंदोलनकारियों से हाथ मिला लिया और अंग्रेज़ों के इस फैसले का जमकर विरोध किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]] | ||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले [[लाला लाजपत राय]] 'पंजाब केसरी' भी कहे जाते हैं। ये '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के 'गरम दल' के प्रमुख नेता तथा पूरे [[पंजाब]] के प्रतिनिधि थे। लालाजी को 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने देशभर में स्वदेशी वस्तुएँ अपनाने के लिए अभियान चलाया। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने जब [[1905]]] में '[[बंगाल का विभाजन]]' कर दिया तो लालाजी ने [[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]] और [[विपिनचंद्र पाल]] जैसे आंदोलनकारियों से हाथ मिला लिया और अंग्रेज़ों के इस फैसले का जमकर विरोध किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]] | ||
05:57, 6 मार्च 2013 का अवतरण
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