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{वह प्राचीन नाम क्या है, जिससे [[पटना]] नगर को जाना जाता था? | {वह प्राचीन नाम क्या है, जिससे [[पटना]] नगर को जाना जाता था? | ||
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+[[पाटलिपुत्र]] | +[[पाटलिपुत्र]] | ||
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||[[पटना]] [[भारत]] के [[बिहार]] प्रान्त की राजधानी है। पटना का प्राचीन नाम [[पाटलीपुत्र]] था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है, जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद हैं। इस शहर का ऐतिहासिक महत्त्व है। ईसा पूर्व [[मैगस्थनीज़]] (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक [[इंडिका]] में इस नगर का उल्लेख किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटलिपुत्र]] | |||
||[[पटना]] [[भारत]] के [[बिहार]] प्रान्त की राजधानी है। पटना का प्राचीन नाम [[पाटलीपुत्र]] था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है, जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद | |||
{'सूफ़िया कलाम', जो एक प्रकार का [[भक्ति]] [[संगीत]] है, कहाँ की विशेषता है? | {'सूफ़िया कलाम', जो एक प्रकार का [[भक्ति]] [[संगीत]] है, कहाँ की विशेषता है? | ||
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+[[कश्मीर]] की | +[[कश्मीर]] की | ||
-[[अलीगढ़]] की | -[[अलीगढ़]] की | ||
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[गुप्त काल]] में ही [[बौद्ध धर्म]] की अवनति अन्य प्रदेशों की भाति [[कश्मीर]] में भी प्रारम्भ हो गई थी और [[शैव धर्म]] का उत्कर्ष धीरे -धीरे बढ़ रहा था। [[शैवमत]] के तथा | ||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[गुप्त काल]] में ही [[बौद्ध धर्म]] की अवनति अन्य प्रदेशों की भाति [[कश्मीर]] में भी प्रारम्भ हो गई थी और [[शैव धर्म]] का उत्कर्ष धीरे -धीरे बढ़ रहा था। [[शैवमत]] के तथा पुन:जीवित [[हिन्दू धर्म]] के प्रचार में 'अभिनवगुप्त' तथा [[शंकराचार्य]] जैसे दार्शनिकों का बड़ा हाथ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||
{'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है? | {'अनवार-ए-सुहैली' ग्रंथ किसका अनुवाद है? | ||
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||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]शाहजहाँ के बचपन का नाम 'ख़ुर्रम' था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने [[पिता]] का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा [[कला]] प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]शाहजहाँ के बचपन का नाम 'ख़ुर्रम' था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने [[पिता]] का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा [[कला]] प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||
{[[शिवाजी]] का | {[[शिवाजी]] का राज्याभिषेक कहाँ हुआ था? | ||
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+[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]] | +[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]] | ||
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+जीवाजीराव सिंधिया | +जीवाजीराव सिंधिया | ||
{[[भारत]] में [[ईस्ट | {[[भारत]] में [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] का पहला [[गवर्नर-जनरल]] कौन था? | ||
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- | -[[लॉर्ड रिपन]] | ||
- | -[[लॉर्ड कर्ज़न]] | ||
-लॉर्ड | -[[लॉर्ड इरविन]] | ||
+[[वारेन हेस्टिंग्स]] | +[[वारेन हेस्टिंग्स]] | ||
||1750 ई. में वारेन हेस्टिंग्स कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में [[कलकत्ता]] पहुँचा और अपनी कार्यकुशलता के कारण शीघ्र ही वह [[कासिम बाज़ार]] का अध्यक्ष बन गया। 1772 ई. में इसे [[बंगाल]] का गवर्नर बनाया गया। 1773 ई. के 'रेग्युलेटिंग एक्ट' के द्वारा उसे 1774 ई. में | ||1750 ई. में वारेन हेस्टिंग्स कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में [[कलकत्ता]] पहुँचा, और अपनी कार्यकुशलता के कारण शीघ्र ही वह [[कासिम बाज़ार]] का अध्यक्ष बन गया। 1772 ई. में इसे [[बंगाल]] का गवर्नर बनाया गया। 1773 ई. के '[[रेग्युलेटिंग एक्ट]]' के द्वारा उसे 1774 ई. में बंगाल का [[गवर्नर जनरल]] नियुक्त किया गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वारेन हेस्टिंग्स]] | ||
{[[भारत]] के समुद्री मार्ग की खोज किसने की? | {[[भारत]] के समुद्री मार्ग की खोज किसने की? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -कोलम्बस | ||
- | -मैंगलेन | ||
-टॉमस मूर | -टॉमस मूर | ||
+[[वास्को द गामा]] | +[[वास्को द गामा]] | ||
||[[चित्र:Vasco-da-gama.jpg|वास्को द गामा|100px|right]]वास्को द गामा एक [[पुर्तग़ाली]] नाविक थे। वास्को द गामा के द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी यूरोप से | ||[[चित्र:Vasco-da-gama.jpg|वास्को द गामा|100px|right]]वास्को द गामा एक [[पुर्तग़ाली]] नाविक थे। वास्को द गामा के द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी [[यूरोप]] से केप ऑफ़ गुड होप होकर पूर्व के लिए समुद्री मार्ग खोल दिए थे। इन्होंने विश्व [[इतिहास]] के एक नए युग की शुरूआत की थी। यह यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक, और [[यूरोप]] से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों के कमांडर थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वास्को द गामा]] | ||
{[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]] कहाँ स्थित है? | {'[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]]' कहाँ स्थित है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[आगरा]] | -[[आगरा]] | ||
+[[लखनऊ]] | +[[लखनऊ]] | ||
-[[ | -[[अजमेर]] | ||
-[[इलाहाबाद]] | -[[इलाहाबाद]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Imambara-Lucknow.JPG|right|120px|बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ]]लखनऊ प्राचीन [[कौशल]] राज्य का हिस्सा था। इसे भगवान [[राम]] ने अपने भाई [[लक्ष्मण]] को सौंप दिया था। इसे 'लक्ष्मणावती', 'लक्ष्मणपुर' या 'लखनपुर' के नाम से भी जाना गया, जो बाद में बदल कर [[लखनऊ]] हो गया। [[कला]] और [[संस्कृति]] के संरक्षक [[अवध]] के नवाबों के शासनकाल में की गई [[मुग़ल]] चित्रकारी आज भी कई संग्रहालयों में है। [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]], छोटा इमामबाड़ा, तथा रूमी दरवाज़ा [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल वास्तुकला]] के अद्भुत उदाहरण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ]] | ||
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09:26, 16 जून 2011 का अवतरण
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