"मोती डुंगरी जयपुर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "जहाज " to "जहाज़ ") |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*यहाँ वर्ष [[1928]] ई. तक [[अलवर]] के शाही परिवारों का आवास रहा था। | *यहाँ वर्ष [[1928]] ई. तक [[अलवर]] के शाही परिवारों का आवास रहा था। | ||
*महाराजा [[जयसिंह]] ने इसे तुड़वाकर यहाँ इससे भी ख़ूबसूरत इमारत बनवाने का फ़ैसला किया। | *महाराजा [[जयसिंह]] ने इसे तुड़वाकर यहाँ इससे भी ख़ूबसूरत इमारत बनवाने का फ़ैसला किया। | ||
*इसके लिए उन्होंने [[यूरोप]] से विशेष सामान मंगाया था, लेकिन दुर्भाग्यवश जिस | *इसके लिए उन्होंने [[यूरोप]] से विशेष सामान मंगाया था, लेकिन दुर्भाग्यवश जिस जहाज़ में सामान आ रहा था, वह डूब गया। | ||
* | *जहाज़ डूबने पर महाराज जयसिंह ने इस इमारत को बनवाने का इरादा छोड़ दिया। | ||
*इमारत न बनने से यह फ़ायदा हुआ कि पर्यटक इस पहाड़ी पर बेरोक-टोक चढ़ सकते हैं और शहर के सुन्दर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। | *इमारत न बनने से यह फ़ायदा हुआ कि पर्यटक इस पहाड़ी पर बेरोक-टोक चढ़ सकते हैं और शहर के सुन्दर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
10:17, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण

Moti Doongri Fort, Jaipur
- मोती डुंगरी राजस्थान के जयपुर शहर मे स्थित है।
- मोती डुंगरी का निर्माण वर्ष 1882 ई. में हुआ था।
- यहाँ वर्ष 1928 ई. तक अलवर के शाही परिवारों का आवास रहा था।
- महाराजा जयसिंह ने इसे तुड़वाकर यहाँ इससे भी ख़ूबसूरत इमारत बनवाने का फ़ैसला किया।
- इसके लिए उन्होंने यूरोप से विशेष सामान मंगाया था, लेकिन दुर्भाग्यवश जिस जहाज़ में सामान आ रहा था, वह डूब गया।
- जहाज़ डूबने पर महाराज जयसिंह ने इस इमारत को बनवाने का इरादा छोड़ दिया।
- इमारत न बनने से यह फ़ायदा हुआ कि पर्यटक इस पहाड़ी पर बेरोक-टोक चढ़ सकते हैं और शहर के सुन्दर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
|
|
|
|
|