सिटी पैलेस जयपुर
सिटी पैलेस जयपुर
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विवरण | राजपूत और मुग़ल स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | जयपुर |
निर्माता | सवाई जयसिंह |
निर्माण काल | 1729 ई.-1732 ई. |
स्थापना | 1732 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 26° 55' 31.80", पूर्व- 75° 49' 24.96" |
मार्ग स्थिति | सिटी पैलेस हवा महल जयपुर से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
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जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
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जयपुर रेलवे स्टेशन, बैस गोदाम रेलवे स्टेशन |
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सिन्धी कैंप बस अड्डा |
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स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा |
क्या देखें | आर्ट गैलरी, छवि निवास, मुकुट महल, श्री गोविन्द देव मंदिर। |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 0141 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
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गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | जन्तर मन्तर, हवा महल, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जल महल, ईसरलाट, आमेर का क़िला |
अन्य जानकारी | चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। |
अद्यतन | 14:19, 26 दिसम्बर, 2014 (IST)
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सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक महल परिसर है। 'गुलाबी शहर' जयपुर के बिल्कुल बीच में यह स्थित है। इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं। इस परिसर में 'चंद्र महल' और 'मुबारक महल' जैसे महत्वपूर्ण भवन भी हैं। पिछले ज़माने के कीमती सामान को यहां संरक्षित किया गया है। इसके महल के छोटे से भाग को संग्रहालय और आर्ट गैलेरी में तब्दील किया गया है। महल की खूबसूरती को देखने के लिए सैलानी दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में सिटी पैलेस में आते हैं।
इतिहास
सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 से 1732 ई. के मध्य कराया था। शाही वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य और अंग्रेज़ शिल्पकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब ने उस समय बींसवी सदी का आधुनिक नगर रचा था। साथ ही बेहतरीन, खूबसूरत, सभी सुविधाओं और सुरक्षा से लैस शाही प्रासाद।[1]
सुन्दरता
सिटी पैलेस की भवन शैली राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का अतुल्य मिश्रण है। लाल और गुलाबी सेंडस्टोन से निर्मित इन इमारतों में पत्थर पर की गई बारीक कटाई और दीवारों पर की गई चित्रकारी मन मोह लेती है। कछवाहा शासकों के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी। इसलिए महाराजा जयसिंह द्वितीय पूरी तरह नियोजित सुरक्षित, सुंदर और समृद्ध शहर बसाना चाहते थे। जयपुर शहर अठारहवीं सदी में बना पहला नियोजित शहर था। इसके साथ ही इसका वैभव बेहतरीन और हैरान कर देने वाला था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 सिटी पैलेस, जयपुर (हिन्दी) पिंकसिटी.कॉम। अभिगमन तिथि: 26 दिसम्बर, 2014।
- ↑ सिटी पैलेस, जयपुर-मुख्य आकर्षण (हिन्दी) पिंकसिटी.कॉम। अभिगमन तिथि: 26 दिसम्बर, 2014।