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*इस मेले से जुड़ा एक किस्सा भी बताया जाता है, जिसके अनुसार चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के [[भक्त]] थे। राजा को कुष्ठ रोग था। देवी ने उन्हें पंद्रह दिनों के बाद एक जगह पर आने के लिए कहा, लेकिन राजा तीसरे दिन ही वहाँ आ गये। उस समय देवी का केवल सिर ही दिखाई दिया। राजा का कुष्ठ ठीक हो गया और उसी दिन से इस मेले की शुरुआत हुई।
*इस मेले से जुड़ा एक क़िस्सा  भी बताया जाता है, जिसके अनुसार चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के [[भक्त]] थे। राजा को कुष्ठ रोग था। देवी ने उन्हें पंद्रह दिनों के बाद एक जगह पर आने के लिए कहा, लेकिन राजा तीसरे दिन ही वहाँ आ गये। उस समय देवी का केवल सिर ही दिखाई दिया। राजा का कुष्ठ ठीक हो गया और उसी दिन से इस मेले की शुरुआत हुई।


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14:13, 9 मई 2021 के समय का अवतरण

जागेश्वरी देवी का मेला मध्य प्रदेश में गुना ज़िले के चंदेरी में अति प्राचीन काल से आयोजित होता आ रहा है।

  • इस मेले से जुड़ा एक क़िस्सा भी बताया जाता है, जिसके अनुसार चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे। राजा को कुष्ठ रोग था। देवी ने उन्हें पंद्रह दिनों के बाद एक जगह पर आने के लिए कहा, लेकिन राजा तीसरे दिन ही वहाँ आ गये। उस समय देवी का केवल सिर ही दिखाई दिया। राजा का कुष्ठ ठीक हो गया और उसी दिन से इस मेले की शुरुआत हुई।


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