"जागेश्वरी देवी का मेला": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''जागेश्वरी देवी का मेला''' मध्य प्रदेश में [[गुना ज़ि...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "किस्सा" to "क़िस्सा ") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''जागेश्वरी देवी का मेला''' [[मध्य प्रदेश]] में [[गुना ज़िला|गुना ज़िले]] के [[चंदेरी]] में अति प्राचीन काल से आयोजित होता आ रहा है। | '''जागेश्वरी देवी का मेला''' [[मध्य प्रदेश]] में [[गुना ज़िला|गुना ज़िले]] के [[चंदेरी]] में अति प्राचीन काल से आयोजित होता आ रहा है। | ||
*इस मेले से जुड़ा एक | *इस मेले से जुड़ा एक क़िस्सा भी बताया जाता है, जिसके अनुसार चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के [[भक्त]] थे। राजा को कुष्ठ रोग था। देवी ने उन्हें पंद्रह दिनों के बाद एक जगह पर आने के लिए कहा, लेकिन राजा तीसरे दिन ही वहाँ आ गये। उस समय देवी का केवल सिर ही दिखाई दिया। राजा का कुष्ठ ठीक हो गया और उसी दिन से इस मेले की शुरुआत हुई। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
14:13, 9 मई 2021 के समय का अवतरण
जागेश्वरी देवी का मेला मध्य प्रदेश में गुना ज़िले के चंदेरी में अति प्राचीन काल से आयोजित होता आ रहा है।
- इस मेले से जुड़ा एक क़िस्सा भी बताया जाता है, जिसके अनुसार चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे। राजा को कुष्ठ रोग था। देवी ने उन्हें पंद्रह दिनों के बाद एक जगह पर आने के लिए कहा, लेकिन राजा तीसरे दिन ही वहाँ आ गये। उस समय देवी का केवल सिर ही दिखाई दिया। राजा का कुष्ठ ठीक हो गया और उसी दिन से इस मेले की शुरुआत हुई।
|
|
|
|
|